दिव्यकीर्ति सम्पादक-दीपक पाण्डेय, समाचार सम्पादक-विनय मिश्रा, मप्र के सभी जिलों में सम्वाददाता की आवश्यकता है। हमसे जुडने के लिए सम्पर्क करें….. नम्बर-7000181525,7000189640 या लाग इन करें www.divyakirti.com ,
Search
Close this search box.

कैश बुक लिख रहे ऑडिटर,धान गबन कर रहे सेल्समैन

27 वर्षों से अमृत का मेघ बरस रहा सहकारिता में

शहडोल।।

आदिम जाति सेवा सहकारी समिति में अरसों से कुंडली मारे बैठे ऑडिटर की भूमिका निभाने वाले गुप्ता साहेब के कुछ ऐसे चुनिंदा प्रबधंक और विक्रेता हैं जिनके लिए श्री गुप्ता ऑडिटिंग छोड़कर कैशबुक भी लिख रहे हैं । क्रय-विक्रय की हिसाब का बहीखाता बनाने में माहिर गुप्ता जी के दर्जनों कारनामे हैं जिनकी एक लंबी फाइल तैयार है। कभी सैयद के खास कहलाने वाले गुप्ता इन दिनों प्यादों पर रहमोकरम बरपा रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि धनपुरी लैम्प्स प्रबधंक के पास वित्तीय पावर होने के कारण वित्त का उल जलूल आहरण श्री गुप्ता के सहयोग से किया जा रहा है फिर उसका बैलेंस शीट भी बकायदे तैयार किया जाता है। जानकरों की मानें तो समर के खास दीपक का भर्ती भी में ऑडिटर बनाम प्रशासक बने श्री गुप्ता का भरपूर समर्थन रहा है।जिसे बैक डेट पर अंजाम दिया गया है। सहकारिता की नौकरी समर अपने भाई समेत पूरे परिवार जनों को उपहार दे रहा है।

यहाँ भी डालें नजर…

हमेशा विवादों में घिरे रहने वाला सहकारी विभाग अपने कारगुजारियों से भ्रष्टाचार की रोजाना नई इबारत लिखता है, इस महकमे के करिंदों के ऊपर आए दिन भ्रष्टाचार के आरोप लगना एक आम बात हो चुकी है , ऐसा ही एक मामला लैंप्स धनपुरी के अंतर्गत संचालित होने वाली शासकीय उचित मूल्य की दुकान बंडी से आया है जहां नए और पुराने सेल्समैन भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए एक दूसरे पर अनाज के गबन का आरोप लगा रहे हैं विभाग के ही एक व्हाट्सएप ग्रुप में ये दोनो कारिंदे एक दूसरे को जमकर कोस रहे हैं , वर्तमान में शासकीय उचित मूल्य की दुकान बंडी में पदस्थ सेल्समैन अरुण द्विवेदी ने व्हाट्सएप ग्रुप में इसी दुकान में पूर्व में पदस्थ सेल्समैन आनंद बहादुर सिंह पर अंधेरे में रख कर चार्ज देने का आरोप लगाया है यदि अरुण द्विवेदी की माने तो जब उन्हे दुकान का चार्ज सौंपा गया तो अभिलेखों में दर्ज खाद्यान्न से लगभग 165 क्विंटल अनाज की कमी पाई गई दूसरी ओर पूर्व सेल्समैन आनंद बहादुर सिंह ने आरोपों को निराधार बताया है और उनका यह कहना है की स्टॉक में खाद्यान्न अभिलेखों के अनुसार ही है , ज्ञात हो कि आनंद बहादुर सिंह धनपुरी लैंप्स के प्रबंधक समर बहादुर सिंह के सगे भाई हैं और जनचर्चा है की आनंद बहादुर सिंह को अपने भाई का संरक्षण प्राप्त है और इसी लैंप्स के अंतर्गत वे तीन दुकानों का संचालन कर रहे हैं , इस पूरे घालमेल में सहकारी बैंक धनपुरी के प्रबंधक , आडिटर और जिला स्तर पर बैठे रजिस्ट्रार की भूमिका भी संदिग्ध है , यदि जिले की कलेक्टर मामले की गंभीरता के साथ जांच कराएं तो निश्चय ही जिले में इस विभाग के सैकड़ों मामले सामने आ सकते हैं ।

Divya Kirti
Author: Divya Kirti

ये भी पढ़ें...

error: Content is protected !!