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झोलाछाप डॉक्टर पर विभाग का चाबुक,बिना डिग्री के करता था चीरफाड़

 

वर्षो से बंगाली डाक्टर क्लीनिक खोलकर कर रहा था ग्रामीणों के जान के साथ खिलवाड़

मरीजो को भर्ती करके करता था ऑपरेशन ,
टीम ने मारा छापा,
स्वास्थ्य टीम के साथ हुई अभद्रता
मामला पहुंचा थाना एवं कलेक्टर के पास

शहडोल।

बंगाली डॉक्टर ने किराए के भाँडो को रखकर विभाग को दी खुली चुनौती इसके पूर्व में भी ग्रामीणों सहित अपने गुर्गों के साथ स्वास्थ्य विभाग को बंदी बनाकर रखा गया था जब पुलिस बल पहुंचा था तब स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को राहत मिली थी यह वही बंगाली है जो पुलिस एवं स्वास्थ्य विभाग को अपने जेब में रखकर ग्रामीणों की जान के साथ खिलवाड़ करता है और बाहर से आकर करोड़ की संपत्ति एकत्रित किया हुआ है आखिर क्यों नतमस्तक हो जाता है सिस्टम मध्य प्रदेश के बड़े-बड़े गुंडा माफियाओं को सरकार ने चकनाचूर कर दिया परंतु एक अदना सा बंगाली डॉक्टर प्रशासन के लिए चुनौती बना हुआ है।

खबरदार, दोबारा बंगाली डॉक्टर के क्लीनिक की ओर रुख नहीं करना वरना अच्छा नहीं होगा’ उक्त धमकी के साथ मेडिकल टीम के साथ अभद्रता एवं गाली गलौज करते हुए झींकबिजुरी निवासी एक मिश्रा एवं उसके दो साथियों द्वारा शासकीय कार्य में बाधा उत्पन्न किया गया है, जिसकी शिकायत चिकित्सा अधिकारी डॉ. सचिन कारखुर एवं आर के त्रिवेदी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र धनपुरी एवं बुढ़ार द्वारा पुलिस चौकी झींक बिजुरी में की गई है। घटना के संबंध में जानकारी देते हुए चिकित्सा अधिकारी सचिन कारखुर ने बताया कि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी शहडोल के आदेशानुसार समस्त बुढार ब्लॉक में प्राइवेट प्रेक्टीशनर एवं झोला छाप डाक्टरों के विरुदध निरीक्षण एवं कार्यवाही की मुहिम शुरू की गई। झींक बिजुरी गांव में झोला छाप बंगाली डॉक्टर के द्वारा क्लीनिक संचालित कर मरीजों को भर्ती कर इलाज किया जा रहा था जिसकी लगातार शिकयत मिल रही थी। बंगाली डॉक्टर के द्वारा अपने क्लीनिक में ऑपरेशन थिएटर तक खोल रखा था ।जिस पर अभियान के तहत बंगाली डॉ. श्यामलदास के दवारा क्लिनिक चलाए जाने की जानकारी मिलने पर शुक्रवार को डॉ. बंगाली के क्लिनिक में कार्यवाही हेतु गए और दस्तावेज मांगा गया जो उपलब्ध नहीं कराया गया। जांच दल द्वारा उनको तीन दिवस का नोटिस देकर पावती प्राप्त किया गया।शिकायत पत्र में उल्लेख किया गया है कि जांच द्वारा डॉक्टर बंगाली के यहां निरीक्षण की कार्यवाही के दौरान ही बंगाली डॉक्टर के तथाकथित संरक्षक के रूप में मौके पर पहुंचे एक मिश्रा एवं उसके दो और लोगों ने मेडिकल निरीक्षण दल के सदस्यों के साथ अभद्र व्यवहार करना शुरू कर दिया और शासकीय कार्य मे अवरोध उत्पन्न करने लगे। शिकायत पत्र में आरोपित किया गया है कि एक मिश्रा के द्वारा गाली गलौज एवं अभद्र व्यवहार करते हुए एवं धमकी दिया गया कि आज के बाद इस बंगाली डॉक्टर के पास नहीं आना, नहीं तो आपके लिए अच्छा नही होगा मेरा कोई कुछ नही कर सकता। शिकायत की प्रति कलेक्टर शहडोल, पुलिस अधीक्षक एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी शहडोल को भेज कर उचित कार्यवाही किए जाने की मांग की गई है।

Divya Kirti
Author: Divya Kirti

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