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SHAHDOL : मेरी दिल्ली तक पकड़ है तीन विधायक और सांसद मेरे:राजा

रची जा रही झूँठी स्क्रिप्ट

●अपराधी निरपराध को डाँटे

◆विवादों का पुलिंदा,नही बनी बात तो शुरू हुआ शिकायतों का दौर

शहडोल।।

कोयलांचल नगरी बुढ़ार प्रदेश ही नहीं बल्कि समूचे देश में अपनें बडे ट्रांसपोर्ट कारोबार के लिये जाना जाता है, एसईसीएल की तमाम कोयला खदानों से निकलनें वाला कोयला देश के अलग हिस्सों में यहां से परिवहन होता है, और यहीं कारण भी हैं कि इस क्षेत्र की कनेक्टिविटी समूचे देश में हैं और यहां का ट्रांसपोर्ट व्यापार पूरे देश से जुडा है। ट्रांसपोर्ट के कार्य से जुडे जहां तमाम व्यापारी इस क्षेत्र में हैं वहीं इनमें सबसे बड़ा वर्ग कोल ट्रांसपोर्टस का है, लेकिन बीते कुछ दिनों से इस ट्रांसपोर्ट के व्यापार में उथल पुथल मची हुई है, हालात ऐसे हैं कि ट्रांसपोर्ट कारोबारी दो गुटों में बंटकर अपनी शर्तों पर काम किये जानें को लेकर आमनें सामनें हैं और यह विवाद अब गहराता ही जा रहा है। ताजा मामला राजस्थान की बीएमआर नामक ट्रांसपोर्ट कंपनी और क्षेत्रीय ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के बीच चल रहे विवादों जुडा़ है जहां कोल लिस्टिंग को लेकर दोनों आमनें सामनें हैं और एक दूसरे के कार्यों का विरोध कर रहे हैं।

जानिये क्या है पूरा मामला

साउथ ईस्टर्न कोल्ड फील्ड्स लिमिटेड के सोहागपुर एरिया अंतर्गत विभिन्न कोयला खदानों में रोड सेल से कोयला उठाने और भेजना के मामले में भाड़े को लेकर राजस्थान की कंपनी और बीते कुछ दिनों से नए विवादों को जन्म दे रहे हैं, दो दिन पूर्व ही इस बात को लेकर काफी विवाद हुआ और स्थानीय लगभग 500 से अधिक ट्रकों के मालिक अपनी मांग को लेकर खैरहा थाने पहुंच गए, ट्रक ऑनर्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन राजा के अध्यक्ष राजा सरावगी व उसके बैनर तले खैरहा थाने पहुंचे दर्जनों ट्रक मालिकों ने पुलिस अधीक्षक और कलेक्टर के नाम पर खैरहा थाना प्रभारी को आवेदन दिया था और यह आरोप लगाए थे कि बीएमआर नामक कंपनी के कुछ कारिंदे अनावश्यक दबाव डाल रहे हैं और स्थानीय ट्रक मालिकों से विवाद कर रहे हैं, जिससे किसी भी दिन अप्रिय घटना कारित हो सकती है, इस मामले में स्थानीय पुलिस और जिला प्रशासन के हस्तक्षेप की मांग की गई जिसमे थाना खैरहा व एसपी के दखल के बाद मामला सुलझ गया किन्तु इसके बाद भी विवाद थमने का नाम नही ले रहा है । आज शाम को ही ट्रक एसोशिएशन के अध्यक्ष राजा सरावगी व अन्य वाहन मालिक अमलाई थाना पहुंचकर मामले में बीएम आर कम्पनी के खिलाफ ज्ञापन देकर मामले से अवगत कराया है।

बीएमआर नें कहा, जिन नियमों पर हमनें काम लिया उन शर्तों पर काम करें ट्रांसपोर्टर

बीएम आर कम्पनी का टेंडर रेट 790 रु के हिसाब से भाड़ा तय किया गया है जिसमे डीईओ अन्तर्गत गाड़ी लगाने वाले वाहन मालिकों को इसी शर्त पर वाहन लगाना है जो एक विधिसंगत है। आपको बता दें कि जिस कैमोर कम्पनी ने डीईओ का काम लिया है वह कोई और नही बल्कि एसीसी कम्पनी का है जिसे देश- प्रदेश में अपना वर्चस्व बनांने में महारत हासिल है।इसमें कोई संशय नही है कि ट्रक एसोशिएशन वाहन लगवाना व उन्हें प्राथमिकता देना कम्पनी का प्रथम दायित्व है किंतु भाड़ा व गाड़ी का भी एक नियम है कि अगर इस धंधे में हमे भाड़ा रास नही आता तो कालरी अन्तर्गत कई वाहन मालिकों के डीओ खदानों में चल रहे हैं जिसके अंर्तगत वाहन मालिक अपना वाहन लगा सकते हैं एक दूसरी कहावत है कि अगर हमे आपका भाड़ा नहीं पुसाता तो हम अपने वाहन उक्त कम्पनी के बैनर तले नही लगाएँगे यह लोकल अथारिटी का एक प्रकार का कम्पनी पर अनावश्यक दबाव बनाना है।

भाडे का विवाद, तमाम मांगो का विरोध

भाड़े के इस विरोध को लेकर बवाल सड़क पर आ गया है जो अब किसी अंजाम तक पहुंचकर ही दम लेगा बीते कुछ दिनों से जब से बीएम आर कम्पनी को जब से काम मिला है तब से विवाद गहराता जा रहा है हर क्षण कहानी में एक नया मोड़ आ रहा है जब भाड़े के कारण उक्त कम्पनी के वाहन लगाने से लोकल अथारिटी इंकार कर रही है और उन्हें किसी प्रकार का कोई फायदा ही नही तब वाहन मालिक व ट्रक असोसिएशन सड़क पर उतर कर हंगामा क्यों बरपा रहे हैं निश्चित तौर पर वाहन मालिकों के रोजी-रोटी की बात है जिससे उनका व्यापार प्रभावित हो रहा है किंतु “कहते हैं मन का हो तो अच्छा और न हो तो और भी अच्छा”यानि जब भाड़े का हिसाब किताब सही नही है तो ऐसी कम्पनी पर अपना वाहन क्यो लगाना और भी डीओ होल्डर और कोयला व्यवसायी है।

ऐसे में कैसे होगा काम, सबका होगा नुकसान

कोयला जैसे ज्वलनशील काम और उसका व्यापार पर पाबंदी लगाना और काम न होने देना न सिर्फ एसईसीएल के व्यवसाय और अच्छे मुनाफे को प्रभावित करेगा अपितु एसीसी जैसे नामी गिरामी पूंजीपतियों के काम को प्रभावित करेगा जिससे देश के आर्थिक विकास पर नुकसान होना मुनासिब है।इस पूरे काम मे सिवाय अड़चन और बढ़ते विवाद के कुछ नही दिख रहा जबकि इस पूरे काम मे जिला प्रशासन का भी सहयोग व दखल है इतना ही नही बल्कि एसपी ने बीएमआर कम्पनी को अपना सहयोग भी प्रदान किया है।

दिल्ली तक मेरी पकड़

खैरहा थाना अन्तर्गत राजा सरावगी व ट्रक एसोशिएशन के अन्य सदस्य के बीच जो हुज्जत हुई उसका एक वीडियो शहडोल जिला ही नही बल्कि पूरे प्रदेश में वायरल हो गया है आपको बता दूं कि शरीफी का चादर ओढ़ने वाले तथाकथित राजा थाने में बैठकर किसी से न डरने की बात कही और अपनी पकड़ दिल्ली तक होने को कही । सरकार में होने का मतलब क्या यही है कि आम जनता और कोई भी काम इनके हिसाब और इनके मुताबिक ही चलेगा, सरेआम थाने में बैठकर कोई व्यक्ति अगर ये कहता है की मुझे किसी का डर नही है यानी आप कानून व्यवस्था और कानून की नजाकत समझ सकते हैं।एक कम्पनी पर जबरन दबाव बनाने के लिए एड़ी चोटी लगाई जा रही है और उसे स्थानीय स्तर का दबाव दिखाया जा रहा है जबकि सारे काम लीगल और दस्तावेजों के तहत हो रहा है सूत्र बताते हैं कि चोरी का कोयला अमलाई साइडिंग में रोजाना रात में जाता है पर लीगल काम मे अड़चन डाला जा रहा है।गौरतलब हो कि थाने व पुलिस अधीक्षक के यहाँ जो लोग कागज पर ज्ञापन देने और अपने आपको साफ शुद्ध बताने वाले व्यापारियों के भी रिकार्ड अगर पुलिस वेरिफाई कर ले तो अंदाजा लग जाएगा कि इनके खुद के व्यवसाय और व्यक्तित्व क्या हैं।

Divya Kirti
Author: Divya Kirti

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