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9 वर्षो से बन रही सड़क पर अपर सचिव ने जताई नाराजगी,कमिश्नर भी दे चुके हैं एफआईआर के आदेश,पर ठेकेदार पर कोई असर नही!

अपर सचिव ने दी हिदायत

◆कमिश्नर ने दिए थे एफआईआर के आदेश

●9 वर्षो से बन रही सड़क का नही कोई पैमाना

शहडोल।।उमरिया…विनय मिश्रा

शहडोल-उमरिया एनएच मार्ग बीते 9 वर्षो से निर्माणाधीन है किंतु इस सड़क का निर्माण आज तक पूर्ण नही हो पाया कितने कमिश्नर-कलेक्टर आए मंत्री आए और गए किन्तु सड़क जस का तस रहा और निर्माण से पूर्व ही आधे-अधूरे बने सड़क के परखच्चे उड़ रहे हैं।सड़क के 2023-24 के आँकड़े उठाने पर ज्ञात हो जाएगा कि इस निर्माणाधीन सड़क ने कितनो को लील लिया।शहडोल-उमरिया मार्ग में धूल-डस्ट के गुब्बारे से क्षेत्रीय रहवासी तो परेशान हैं ही आने-जाने वाले राहगीरों के लिए यह सड़क किसी काल से कम नही। शहडोल से उमरिया जाने वाला हर राहगीर भगवान से यही मिन्नतें करता है कि काश इसके अलावा कोई और मार्ग होता ताकि कटनी व जबलपुर जैसे नगरों की ओर आसानी से पहुँचा जा सकता।

2020 तक होना था पूर्ण…

शहडोल-उमरिया जाने वाले 72 किमी दूरी की यह सड़क 2015 से शुरू होकर प्रोजेक्ट का काम 2020 तक पूरा हो जाना चाहिए था। गौरतलब हो कि सडक़ निर्माण में लगातार हो रही लेटलतीफी के बाद 17 जुलाई को दिल्ली में केंद्रीय सडक़ परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकऱी की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह तय किया गया था कि किसी भी स्थिति में सडक़ निर्माण का काम दिसंबर 2024 तक पूरा कर लिया जाए।
दिल्ली में समीक्षा बैठक के दौरान मुख्य ठेका कंपनी जीवीआर को जल्द से जल्द काम पूरा करने की हिदायत दी गई थी। ठेका कंपनी ने यहां पर काम पेटी कांटे्रक्ट में तिरुपति बिल्डकान को दिया है। हैरानी की बात है कि केंद्रीय मंत्री के निर्देश की बाद भी काम में तेजी नजर नहीं आई। इस मामले में शहडोल के सम्भागीय अधिकारी से लेकर अन्य विभागीय अधिकारियों की कई बार समीक्षा बैठक ली गई किन्तु आजतक नतीजा शून्य ही रहा।
पाली से नौरोजाबाद के बीच 10 किमी सडक़ में आम लोगो के लिए आज दशकों से फजीहत बना हुआ है ठेकेदार को न इसकी कोई फिक्र और न ही ये मामले में गम्भीता व सक्रियता दिखाई देती है।यहां पर वाहन चालकों को गड्ढों के बीच यात्रा करनी पड़ती है।
घुनघुटी के समीप मोर्चा फाटक, पाली नगर से पहले, अमहा रेलवे फाटक के पास का काम अभी तक पूर्ण नही हुआ है। एनएच 43 में मोर्चा फाटक से घुनघुटी बीच जर्जर सडक़ पर आए दिन हादसे हो रहे हैं। शहडोल से उमरिया के बीच हाईवे में चार स्थानों पर रेलवे फाटक में रेलवे ओवर ब्रिज का निर्माण होना तो है पर शायद एक आध दशक और लग जाएँगे और सड़क प्रोजेक्ट के 5 साल अवधि का दोगुना हो जाएगा।

 

हादसों और लाशों से भरा यह सड़क,कमिश्नर ने दिए थे एफआईआर के आदेश…

2022-23-24 के आँकड़े उठाने पर अंदाजा लग जाएगा कि इस निर्माणाधीन सड़क के कारण दर्जन भर से ऊपर लोग स्वर्गलोक सिधार गए धूल-डस्ट और अंधे मोड़ से भरा यह सड़क कितनो को अनियंत्रित कर मौत की आगोश में ले गया ।
गत वर्ष 5 शासकीय कर्मचारियों का सड़क दुर्घटना में मरना इस सड़क का एक प्रत्यक्ष उदाहरण है। ऐसा नही है कि सरकारी अमले ने इस सड़क के लिए पहल नही की बल्कि पूर्व कमिश्नर सड़क जल्द न पूर्ण होने पर ठेकेदार पर एफआईआर के निर्देश तक दिए थे किंतु न ही एफआईआर हुआ और न ही सड़क निर्माण पूर्ण हुआ यही कारण है की ठेकेदार आज भी सड़क बनाने में कछुए की चाल चल रहे हैं।

 

अपर सचिव का आदेश कब तक होगा पूर्ण…

आज चल रहे बैठक में अपर मुख्य सचिव लोक निर्माण एवं ऊर्जा विभाग नीरज मंडलोई ने भी इस जर्जर सड़क के लिए नाराजगी जताई और स्प्ष्ट आदेश दिए हैं कि उमरिया-शहडोल मार्ग निर्माण कार्य धीमी गति होने पर निर्माण कार्य को तेजी से पूर्ण कराएँ इस पूरे मामले में वर्षों से चुप्पी साढ़े बैठे डब्ल्यूआरडीसी विभाग के अधिकारियों को भी फटकार लगाई और निर्देश दिए हैं कि सड़क निर्माण कार्य शीघ्र ही पूर्ण कराएँ।

Divya Kirti
Author: Divya Kirti

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