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पुलिस पर हुए हमले से सवाल खड़े हो रहें कानून व्यवस्था पर.??

●बुढ़ार पुलिस से नोकझोंक, खैरहा पुलिस पर हो चुका है हमला,ब्यौहारी में भी पुलिस की हो चुकी है हत्या
●छतरपुर में टीआई ने खुद को गोली मारी
●इंदौर में पुलिस के खिलाफ वकीलों का मोर्चा
●मऊगंज में एएसआई की हत्या

अभी मऊगंज में हुए एएसआई की हत्या के चिते की राख ठंडी नही हुई थी कि शहडोल जिले में पुलिस वालों के साँथ हाथापाई और झूमाझपटी का मामला सामने आया है जहाँ कुछ पुलिसकर्मियों को चोंट भी आई है तो कुछ महफूज हैं।दरअसल इस पूरे अपंग सिस्टम की असली वजह क्या है यह तो हम नही जानते किंतु पुलिस और आम आदमी के बीच सामंजस्य की स्थिति न बन पाना कहीं न कहीं चिंता का विषय है रोजाना हो रहे पुलिस पर हमले न सिर्फ पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करते हैं अपितु सरकार के सख्ती और न्यायपालिका की लचर व्यवस्था पर तीखे सवाल खड़े करते हैं।पुलिस का भय अपराधियों पर न होना पुलिस की भी लचर व्यवस्था का नमूना है।पुलिस की सख्ती और अनुशासन एक सभ्य व भयमुक्त समाज की नींव रखता है समय-समय पर बदलती सरकारों का भी अपना एक अहम रोल होता है जहाँ अपराधियो के घरों में बुलडोजर चलना व अन्य दण्ड, अपराधियो व अपराध करने वालो के मन मे सवाल जरूर पैदा करता है किंतु सरकार का सख्त न होना भी आम इंसान व वर्दी के लिए दिनोंदिन नासूर बनता जा रहा है
बुढ़ार थाना क्षेत्र अन्तर्गत वार्ड क्रमांक 15 में बीते दिनों हुई पुलिस पर हमले ने पूरे प्रदेश में सनसनी मचा दी है।

क्या है पूरा मामला…

जिले के बुढार थाना क्षेत्र के ‘ईरानी मोहल्ले’ में 4 दिन पहले यूपी पुलिस कथित यूसुफ और आम नामक युवकों की तलाश में आई थी, लेकिन उन्हें बिना किसी सफलता के ही बैरंग वापस लौटना पड़ा। इसके बाद, बीती रात बुढार थाने की पुलिस को सूचना मिली कि, केशवाही क्षेत्र में सराफा व्यापारियों पर गोली चलाने के दौरान आरोपियों द्वारा उपयोग की गई बाइक ईरानी बाड़ा में है। सूचना के बाद पुलिस की एक टीम मौके पर पहुंची। मौके पर पहुंचने के बाद और पुलिस ने फिरोज नामक व्यक्ति से बातचीत की। जब पुलिस ने मोबाइल में एक नंबर डायल किया, तो वह आरोपी वहां से भाग खड़ा हुआ। इसके बाद, वहां मौजूद महिलाएं और अन्य लोग भड़क गए और पुलिस टीम पर हमला बोल दिया।
बता दें कि, बुढार थाना क्षेत्र के ईरानी मोहल्ला में रहने वाले यूसुफ और तौहीद मध्यप्रदेश के अलावा छत्तीसगढ़ के जिला सूरजपुर के प्रेमनगर थाना क्षेत्र में एक सराफा दुकान से लाखों के जेवरात लेकर भागे थे। इसी तरह छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के रामानुज थाना क्षेत्र में भी लाखों के जेवरात चोरी की घटना को अंजाम दिया। इसके अलावा बिलासपुर में 60 लाख से अधिक के जेवरात चोरी किए हैं। इसके साथ ही उत्तरप्रदेश के महराजगंज में भी यूसुफ जेवरात की चोरी कर फरार है। वहीं राजस्थान सहित अन्य राज्यों की पुलिस भी इनकी तलाश में लगातार शहडोल जिले के चक्कर लगा रही है। वर्तमान में यूपी से सब इंस्पेक्टर पवन कुमार और छत्तीसगढ़ के एसआई रंजीत सोनवानी अपनी पुलिस टीम के साथ दोनों आरोपियों की तलाश में शहडोल के चक्कर लगा रहे थे।

आरोपियों पर हुई एफआईआर…

पुलिस बल में मौजूद आर. 392 बलभद्र सिंह ने थाना बुढ़ार में अपराध दर्ज कराया है कि ईरानी मोहल्ला के फिरोज अली जाफरी व उसके साथियों द्वारा मुझे माँ बहन की बुरी बुरी गालियां देकर जान से मारने की धमकी देने व स्टाफ के साथ हाथापायी करने के संबंध की गई इस दौरान कुछ पुलिसकर्मियों को चोंट भी आई।
बलभद्र सिंह ने बताया कि ईरानी मोहल्ले का रास्ता संकरा है जिससे गाडी मुहल्ले तक नहीं जा पाएगी जिससे उतरकर पैदल जाना पड़ा कुछ दूर पैदल जाकर ईरानी मोहल्ला पहुंचा जहां फिरोज अली जाफरी खडा मिला जिससे मै पूछा कि सफेद अपाची मो. सा. से अभी अभी कोई व्यक्ति ईरानी मोहल्ला मे आया है क्या? और सफेद कलर की रेड पट्टी वाली अपाची मो.सा. ईरानी मोहल्ला मे किसी के पास है तो बताओ, इसी बात पर नाराज होकर फिरोज अली जाफरी मुझको अभद्रता पूर्वक गालियाँ बकने लगा और बोला कि मै ईरानी मोहल्ले का मुखिया हूं तुम्हारे पता बताने के लिये नही बैठा हूं, जिसे मेरे द्वारा समझाइस दी गयी कि तुमसे मात्र पता पूंछा है, गाली गलौज क्यों कर रहे हो तब वह हल्ला मचाने लगा, हल्ला सुनकर उसकी बेटी कशिस और सूफिया व उसकी बहन फरीदा बेगम तथा ईरानी मोहल्ले के गुलहसन, सितारा निशा, निगार सुल्ताना, रेशमा खातून, अरफा, खुशरुबा बेगम, मनोहर अली, फिजा बेगम हुसैन अली, अर्शिफी बेगम, साबर हुसैन, सादिर अली, बानू हुसैन व अकरम की घरवाली एवं अन्य तीन चार लडके इकट्ठा हो गये और सभी लोग फिरोज अली जाफरी का साथ देते हुए मेरे साथ झूमा झपटी एवं धक्का मुक्की कर मां बहन की अश्लील गालियां देने लगे तब घटना को देखकर चतुर्वेदी साहब व पूरा स्टाफ गाडी से उतरकर दौडकर बीच बचाव कर समझाइस देने लगे, तब वह सभी लोग हाथ मे पत्थर लेकर पुलिस स्टाफ को मारने के लिये दौडकर पत्थर मारने लगे तब पूरा स्टाफ वापस होने लगा फिर भी वह सभी लोग हमारे पीछे आते हुए कह रहे थे कि पुलिस वालो यह ईरानी मोहल्ला है यहां दोबारा कोई पुलिस वाला आया तो वह लौटकर जिंदा नही जाएगा। फिरोज अली जाफरी व उसके साथियों द्वारा हंगामा करने से शासकीय कार्य में बाधा आयी है। फिरोज अली जाफरी व उसके साथियों द्वारा झूमा झपटी करने से मेरे दाहिने पैर मे मोच एवं पीठ में दर्द है तथा बीच बचाव करते हुए म.प्र.आर. 28 सरिता के दाहिने कान व दाहिने पैर में चोट व दर्द है, आर. 99 आशीष तिवारी के दाहिने पैर के टखना मे दर्द है।
जिससे कथित आरोपियों पर उक्त धाराओं के तहत फिरोज अली जाफरी, कशिस, सूफिया, फरीदा बेगम, गुलहसन, सितारा निशा, निगार सुल्ताना, रेशमा खातून, अरफा, खुशरुबा बेगम, मनोहर अली, फिजा बेगम, हुसैन अली, अर्थिफी बेगम, साबर हुसैन, सादिर अली, खानू हुसैन व अकरम की घरवाली एवं अन्य तीन चार व्यक्तियों के विरुद्ध कानूनी प्रथम दृष्टया अपराध धारा 132, 221, 296, 115(2), 351(3), 3(5) दर्ज किया गया है।

अलग-अलग संगठन ने सौंपा ज्ञापन…

बुढार अन्तर्गत इरानी समुदाय के द्वारा पुलिस पर हमला किये जाने पर रोष व्यक्त करते हुए एवं आपराधिक घटना में संलग्न लोगो पर कार्यवाही एंव अनाधिकृत रूप से अवैध अतिक्रमण पर कार्यवाही किये जाने के सम्बध में ज्ञापन सौंपते हुए लिखा है कि बुढार वार्ड क. 15 मे इरानी समुदाय के लगभग 70-80 घर बने हुए है जो कि रेल्वे एंव शासकीय भूमि पर अतिक्रमण कर कई वर्षों से काबिज है, जिनका कब्जा अनाधिकृत रूप से है, इरानी समुदाय के कई व्यक्ति आपराधिक प्रवृत्ति के है जिनके खिलाफ जघन्य एवं अन्य अपराधो से सबंधित मामले कई थाने व जिलो मे कायम है वर्तमान में इरानी समुदाय के लोगो द्वारा के बुढार पुलिस के उपर पत्थर लेकर एवं वाहनों को भी तोड फोड भी की गई जिस पर मौजूदा पुलिस ने अपनी जान बचाई बर्ना इरानी समुदाय के लोगो द्वारा गंम्भीर घटना को अंजाम दिया जाता, इरानी समुदाय के लोगो के हौसले बुलंद है, इनके द्वारा कई प्रकार के अवैध कार्य लगातार किये जा रहे है, इनके उपर यदि शासन प्रशासन किसी प्रकार का कार्यवाही करता है तो एक जुट होकर लाठी डण्डा, तलवार पत्थर आदि से लैस होकर विरोध कर दबाव बनाते है, तथा वर्तमान मे इरानी समुदाय मे कई ऐसे आपराधिक लोग है जिनका जिला बदर किया जाना आवश्यक है, ताकि नगर में शांति बनी रहे इसके अलावा इरानी समुदाय के लोगो के द्वारा रेल्वे एवं शासकीय भूमि पर जो अवैध अतिकमण किया गया है उसे मुक्त कराया जाना आवश्यक है।

सियासत और सियासी चेहरों के मोहरे बने ऐसे लोग..

पूरे देश के आँकड़े उठाएँ जाएँ तो यह अंदाजा लग जाएगा कि ऐसे लोगों की सियासत के लोग ही अपनी सियासी जंग को जीतने के लिए ऐसे लोगों को पनाह देते हैं फिर धीरे-धीरे इनका कुनबा इन्ही सियासी लोगों के लिए नासूर बनता है।गले की ऐसी फाँस न लील पाते हैं न उगल पाते हैं।
आज से कई वर्ष पहले जब इक्का-दुक्का लोग यहाँ खानाबदोश की तरह आए थे तब कुछ सियासी लोगों ने इन्हें पनाहगार बनाकर इनकी बस्तियाँ बसा दीं और उन्हें अपने वोट बैंकिंग के लिए रोटी कपड़ा,मकान मुहैया करा दी। आज ये एक से, सौ और सौ से, हजार हो गए और फिर बस्तियाँ बस गईं। आज इनके हौसले इस कदर हैं कि ये रोजाना किसी न किसी घटना को अंजाम देते हैं।इनकी दिनचर्या में यहाँ वहाँ सुबह से शाम तक महँगी गाड़ियों में घूमना और नगर के हर पान ठेले में अपने अपने कबीले के ही एक व्यक्ति से दबी पाँव पैठ बनवाना फिर तांक-झाँक कर एक बड़ी वारदात को जन्म देना।

कैसे होगा इसका हल…

मध्य प्रदेश में पुलिस पर हमले सिर्फ अपराध की घटनाएं नहीं, बल्कि एक बड़ी सामाजिक बीमारी का लक्षण हैं। यह बीमारी है अविश्वास, अशिक्षा और हिंसा को हल मानने की मानसिकता। इसे ठीक करने के लिए पुलिस को सख्ती और संवेदनशीलता का संतुलन बनाना होगा, वहीं सरकार और समाज को मिलकर जड़ तक जाना होगा। नहीं तो हर बार पत्थरों और गोलियों के बीच कोई न कोई जान गंवाता रहेगा – चाहे वह पुलिसकर्मी हो या आम नागरिक।
सुरक्षा की जिम्मेवारी न सिर्फ पुलिस की है बल्कि सरकार समेत आम इंसान का वर्दी के प्रति सम्मान व वर्दी का आम इंसान के प्रति सहज व्यवहार।

Divya Kirti
Author: Divya Kirti

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