दिव्यकीर्ति सम्पादक-दीपक पाण्डेय, समाचार सम्पादक-विनय मिश्रा, मप्र के सभी जिलों में सम्वाददाता की आवश्यकता है। हमसे जुडने के लिए सम्पर्क करें….. नम्बर-7000181525,7000189640 या लाग इन करें www.divyakirti.com ,
Search
Close this search box.

सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी पर बुरे फंसे भाजपा सांसद निशिकांत दुबे

पिछले कुछ वर्षों में राजनीति इस कदर बदहवास हो चुकी है जहाँ नैतिकता-अनैतिकता का कोई मर्यादा न रहा और राजनैतिक रसूखदार कभी भी किसी पर सीमा से परे अभद्र टिप्पणी कर रहे हैं. मौलिक अधिकारों से लेकर देश हित मे फैसला करने वाले सुप्रीम कोर्ट पर भी अब सवाल उठने लगे हैं जहाँ कटघरे में फैसला सुनाने वाले जजों पर अब भाजपा के नुमाइंदे अभद्र टिप्पणी करने में बाज नही आते हैं दरअसल बीते दिनों भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने चीफ जस्टिस आफ इंडिया को ही कटघरे में ला दिया।

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ बयानबाजी के मामले में भारतीय जनता पार्टी के सांसद निशिकांत दुबे घिरते नजर आ रहे हैं। इस मामले में देश के अटॉर्नी जनरल को चिट्ठी लिखकर बीजेपी सांसद के खिलाफ आपराधिक अवमानना की कार्यवाही शुरू करने की इजाजत मांगी गई है। आपराधिक अवमानना का मामला चलाए जाने की मांग दुबे की सुप्रीम कोर्ट और चीफ जस्टिस संजीव खन्ना के खिलाफ टिप्पणियों को लेकर की गई है।
वकील ने आरोप लगाया है कि निशिकांत दुबे ने टिप्पणी ‘बेहद अपमानजनक’ और सुप्रीम कोर्ट की गरिमा को कम करने के उद्देश्य से की है। आवेदन में कहा गया है कि दुबे ने सुप्रीम कोर्ट पर तीखा हमला करते हुए कहा था कि अगर कानून सुप्रीम कोर्ट को ही बनाना है, तो संसद और राज्य विधानसभाओं को बंद कर देना चाहिए। उन्होंने भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना पर भी निशाना साधा और उन्हें देश में गृह युद्ध के लिए जिम्मेदार ठहराया।
अधिवक्ता अनस तनवीर ने अटॉर्नी जनरल को लिखे पत्र में कहा है कि निशिकांत दुबे ने सार्वजनिक रूप से जो बयान दिए हैं, वे अत्यंत आपत्तिजनक, भ्रामक और माननीय सुप्रीम कोर्ट की गरिमा एवं अधिकार को कम करने की नीयत से दिए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड के भेजे गए पत्र के अनुसार, दुबे ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस के खिलाफ जो आपत्तिजनक टिप्पणियां की है वह कंटेप्ट वाली हैं और बेहद अपत्तिजनक है। पत्र में कहा कि दुबे की टिप्पणी ‘गंभीर रूप से अपमानजनक’ और ‘खतरनाक रूप से भड़काऊ’ हैं जो देश की न्यायपालिका की अवमानना व कदाचार जैसी स्थिति है।
अधिवक्ता ने आगे कहा कि वह यह पत्र 1971 के अदालत की अवमानना अधिनियम की धारा 15(1)(ब) और 1975 के सर्वोच्च न्यायालय की अवमानना संबंधी कार्यवाही को नियंत्रित करने के नियमों के नियम 3(ग) के तहत लिख रहे हैं। ताकि झारखंड की गोड्डा संसदीय सीट से लोकसभा सदस्य निशिकांत दुबे के खिलाफ आपराधिक अवमानना की कार्यवाही शुरू की जा सके ।

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इस बात को सिरे से खारिज किया है उन्होंने कहा भाजपा का इससे कोई लेना देना नही है और न ही भाजपा ऐसे बयानों के लिए जिम्मेदार है भाजपा सदैव कोर्ट का सम्मान करती है।

Divya Kirti
Author: Divya Kirti

ये भी पढ़ें...

error: Content is protected !!