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ऐसे होता है अमानक व अशुद्ध पानी का व्यापार

खाद्य से लेकर अलग-अलग विभागों की जिम्मेवारी किन्तु कार्यवाही से अछूते

शहडोल सम्भाग।।

जिलेभर में कई जगहों पर अमानक स्तर पर ठंडा पानी बेचने का कारोबार संचालित है जिनमे से कुछ तो मानक मापकों को पूर्ण करते हैं किंतु कुछ बगैर लाइसेंस के पानी का कारोबार कर लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने वालों पर जिम्मेदार विभाग द्वारा शायद अब तक किसी भी प्रकार की कार्यवाही नहीं हुई। जिले में गर्मी के मौसम की शुरुआत हो चुकी है। ऐसे में ठंडे पानी के नाम पर दूषित पानी बेचने वाले कारोबारी जिले में सक्रिय हो गए हैं। केनों के माध्यम से पानी की सप्लाई की जा रही है। बता दें कि जिलेभर में कुछ ही लोग होंगे जिनके पास ठन्डे पानी आपूर्ति का अनुज्ञा होगा पर जिले में ऐसे दर्जनो पानी प्लान्ट हैं जिनके पास अनुज्ञा न होते हुए भी इस कारोबार को अंजाम देते हुए बकायदे टैक्स की चोरी की जा रही है।

इन विभागों की जिम्मेवारी

इस प्लान्ट में कार्यवाही व जांच करने के लिए इन विभागों की जिम्मेवारी बनती है खाद्य एवं औषधि विभाग, सम्बंधित नगरीय प्रशासन, पानी की शुद्धता व पर्यावरण को देखते हुए प्रदूषण विभाग, पानी का स्वास्थ्य पर असर पड़ने पर स्वास्थ्य विभाग पानी के यदि गुणवत्ता की सही से जांच नहीं हो रही है ।

 

केनों, पाऊचों, बोतलों में नहीं लिखा होता नाम व पता कार्यालय

जिले में आपूर्ति हो रहे ठण्डे केन, पानी पाउच व बोतलों की बिक्री अनवरत जारी है बिक्री होने वाले इन पेय पदार्थों में घर, किसी भी कार्यलय में या एक निजी संस्थान का नाम व सम्बंधित संस्थान के मालिक का मोबाइल नम्बर भी होना चाहिए। जिस केन से ठंडे पानी की सप्लाई की जाती है, उसमें संस्था का नाम व आईएसआई सर्टिफाइड होने का मार्का लगा होना चाहिए, लेकिन पानी की सप्लाई करने वाले अधिकांश कारोबारियों की केनों, पाऊचों, बोतलों में इसका उल्लेख नहीं होता।

आरओ प्लांट के लिए जरूरी है ये नियम और दस्तावेज

मिनरल वाटर का बिजनेस शुरू करने के लिए पहले एक कंपनी या फर्म बनाई जाती है इसके लिए ब्यूरो ऑफ इ को आवेदन करना होता है। ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंटर्ड (आईएसआई) के अधिकारी मौके पर जांच करते हैं। पानी का नमूना लेते हैं। फिर अनुमति पत्र देते हैं। यह पत्र जिला खाद्य विभाग के यहां देते हुए आवेदन करना होता है। औषधि प्रशाधन विभाग भौतिक जांच के बाद प्लांट का लाइसेंस जारी करता है।

इतने विभागों की सहमति और कार्यवाई की जद में आने वाले अमानक पानी व्यापारियों पर शायद ही विभाग की कार्यवाई देखने को मिलती हो।

Divya Kirti
Author: Divya Kirti

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