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क्यों होता है पीलिया,जानिए पीलिया होने पर क्या करें

 

पीलिया क्या है…

जॉन्डिस या पीलिया शरीर में बिलीरुबिन की बढ़ती मात्रा के कारण होता है, जो लाल रक्त कोशिकाओं के टूटने से बनता है। यह लिवर की बीमारी है और ग्रसित मरीज की स्किन और आंखों का पीला हो जाता है। अगर बिलीरुबिन की मात्रा बहुत अधिक हो जाए, तो यह पीलिया का कारण बन सकता है, जिससे लिवर की समस्याएं बढ़ सकती हैं। फेलिक्स हॉस्पिटल इस तरह की बीमारियों के इलाज में विशेषज्ञता रखता है और मरीजों को प्रभावी और उचित उपचार प्रदान करता है।
लिवर बिलीरुबिन को रक्त से अपशिष्ट पदार्थ के रूप में लेता है और इसकी रासायनिक संरचना को बदलकर इसके अधिकांश भाग को पित्त के माध्यम से मल के रूप में निकाल देता है। बिलीरुबिन, एक पीला-नारंगी पदार्थ है जो लाल रक्त कोशिकाओं में पाया जाता है। जब ये कोशिकाएं मर जाती हैं या टूट जाती हैं तो इनसे निकलने वाले बिलीरुबिन को लिवर एकत्रित कर फिल्टर करता है। जब लिवर यह काम ठीक से नहीं कर पाता तो शरीर में बिलीरुबिन की मात्रा बढ़ जाती है। इसी अतिरिक्त बिलीरुबिन के कारण पीलिया होता है।

पीलिया के लक्षण

बिलीरुबिन के कारण ही पीलिया से ग्रसित मरीज की त्वचा और आंखों का रंग पीला दिखता है।
पीलिया के शुरुआती लक्षणों में त्वचा और आँखों का पीलापन शामिल है। पीलिया में, त्वचा और आँखों का सफेद भाग पीला दिखने लगता है।
मतली, उल्टी, भूख न लगना, थकान, और पेट के ऊपरी दाहिने हिस्से में दर्द,जोड़ो में दर्द,बुखार

पीलिया का इलाज..

वैसे तो किसी भी बीमारी का इलाज आयुर्वेद से लेकर एलोपैथी प्रकिया द्वारा होते हैं।गाँव देहात में आज भी ज्यादातर चलन पीलिया को झाड़ फूँक के माध्यम से भी ठीक करने का है जबकि पीलिया एक लीवर की बीमारी है जो खराब खानपान से होता है।मुख्यतः इसका इलाज अपने चिकित्सक के बताए अनुरूप ही करें।
पीलिया होने पर क्या खाएँ..

पीलिया होने पर आसानी से पचने वाले, पौष्टिक और कम वसा वाले आहार पर ध्यान देना चाहिए। मुख्यतः ताजे फल, सब्जियां, साबुत अनाज और हल्के प्रोटीन को शामिल करें. वसायुक्त, तले हुए, मसालेदार, और कैफीन वाले खाद्य पदार्थों से बचें,गन्ने का जूस या गन्ना,मूली,या फिर सलाद का खूब सेवन करें।

Divya Kirti
Author: Divya Kirti

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