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शुद्धता की कसौटी पे खरे नही होटल-रेस्टोरेंट

होटल और रेस्तरां में FSSAI से खाद्य व्यवसाय का लाइसेंस नही

होटल और रेस्तरां में जीएसटी का भुगतान न के बराबर

अग्निशमन की व्यवस्था नही

नाबालिग बच्चे नियोजित

पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड से अनापत्ति प्रमाण नही

डेस्क..दिव्यकीर्ति

शहडोल।।

आप हम अक्सर घर के अलावा बाहर खान-पान करते हैं और खान-पान करने वालो की संख्या लगभग लाखों में होंगे।खाने पीने की अलग-अलग चीजो का निर्धारण हम स्वयं करते हैं किन्तु वस्तु आपूर्ति की यह निर्भरता होटल/रेस्टारें मालिक पर करता है। कहीं जंक फूड बिक रहे हैं कहीं फास्ट फूड बिक रहे हैं कहीं ढाबों में अलग-अलग पकवान मिल रहे हैं तो कहीं पीने की तमाम पदार्थें उपलब्ध हैं पर सवाल यह है कि इनसे जुड़े जाँच दल और विभाग इनके अमानक व अशुद्ध पदार्थो की जाँच करता है कि नही और करता भी है तो जिले में ऐसे कितने होटल रेस्टोरेंट हैं जो मानक-अमानक दायरे में आ रहे हैं शायद इस प्रश्न की जानकारी विभाग से जुड़ा कोई अफसर दे पाए।
शहडोल।।
शहडोल जिले में ऐसे कई होटल रेस्टोरेंट संचालित हैं जो अमानक खाद्य पदार्थों के सेवन कराने से लेकर शुद्धता के पैमाने पर खरे नही उतर रहे बावजूद इसके सम्बंधित विभागों ने कभी इनके नब्ज नहीं टटोले और मनमाने तौर पर पूरे जिले कस्बो में शुद्धता का दावा कर अशुद्धता परोसा जा रहा है।

डेयरी में सिंथेटिक पनीर…

आप किसी भी दूध डेयरी में जाइए वहाँ आपको पनीर के दाम पर फर्क तो नही दिखेगा किन्तु पनीर की गुणवत्ता में जरूर फर्क मिलेगा यही नही डेयरी में सिंथेटिक पनीर परोसने का एक रश्म चल रहा है जहाँ न तो दूध शुद्ध दूध मिलता न ही शुद्ध अन्य डेयरी उत्पाद समय-समय पर विभाग छोटी- मोटी कार्यवाई दिखाकर अपनी पीठ जरूर थपथपा लेते हैं।

होटलों में नाश्ते के नाम पर अशुद्धता और गंदगी…

आप जिले कस्बे के किसी चाय-नाश्ते के होटल में चले जाएँ जहाँ मजदूर की सफाई से लेकर होटल की सफाई और शुद्धता की कलई खुल जाएगी होटलों में घरेलू सिलेंडर प्रयोग हो रहे हैं तो पानी अशुद्ध पिलाया जा रहा है अग्निशमन के पर्याप्त व पुख्ता इंतेजाम नही होते तो किसी भी होटल द्वारा ग्राहकों को बिल नही दिया जाता ऐसे तमाम मानक पैमाने हैं जिम्मेदारों की जाँच पर सवालिया निशान खड़े करते हैं।

रेस्टोरेंट में परोसे जा रहे शराब तो ढाबों में मिल रहा सड़ा-गला खाना..

जिले और कस्बो में ऐसे दर्जनों रेस्टोरेंट मिल जाएंगे जहाँ शराब पिलाने के अहाते बनाए गए हैं जिनका न ही सम्बंधित विभाग से न कोई अनुज्ञा जारी रहता है और न ही लायसेंस लिए रहते हैं यही नही इन रेस्टारेंट मे सर्विस चार्ज भी ग्राहकों को परसो दिया जाता है जो ग्राहकों से साँथ एक प्रकार का अनुचित व्यवहार है जिसके लिए कोर्ट में याचिका भी दायर किया गया था
अक्सर हम रेस्टोरेंट में खाना खाने जाते हैं तो पानी के जग के साथ-साथ एक पानी की बोतल भी रख दी जाती है अगर आप उस पानी के बोतल का इस्तेमाल करते हैं तो होटल मालिक उस पानी का बिल आपके खाने के बिल के साथ जोड़ देता है
FSSAI का कोड है कि कोई भी होटल मालिक या रेस्टोरेंट मालिक पानी को बेच नहीं सकता, अगर वे ऐसा करता है तो उसको कम से कम 25 हजार जुर्माना भरना होगा.अगर वे आपकी बात नहीं मानता है तो आप उसकी कंप्लेंट FSSAI की हेल्पलाइन नंबर 1800112100 पर कर सकते हैं.दिल्ली उच्च न्यायालय के अधिवक्ता प्रेम जोशी कहते है कि ग्राहक इस संबंध में अपने अधिकारों को नहीं जानते हैं, इसलिए वे अधिकांश बार होटल और रेस्तरां मालिक बिल पर पर सेवा शुल्क लगा रहे हैं, जो अवैध, मनमाना, अनुचित और अनुचित व्यापार व्यवहार है और उपभोक्ता के हितों के विरुद्ध है.फेडरेशन ऑफ होटल्स एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एफएचआरएआई) और नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एनआरएआई) ने दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष सीसीपीए के 2022 के दिशानिर्देशों को चुनौती देते हुए दो याचिकाएं दायर की थीं.उक्त याचिकाओं में माननीय न्यायालय ने कहा कि खाद्य बिलों पर सेवा शुल्क का अनिवार्य संग्रह भ्रामक है क्योंकि इससे उपभोक्ताओं को यह आभास होता है कि यह सेवा कर या जीएसटी के रूप में लगाया जा रहा है और इस तरह की प्रथा अनुचित व्यापार व्यवहार के बराबर है।
इसी प्रकार ढाबे में मिलने वाले तमाम खानों की शुद्धता पर सवाल है जहाँ होटल कर्मचारियों के खुले हाँथ और नाक कभी गन्दगी के दायरे मै आते है तो कुछ दिनों का बना वेस्ट मैटेरियल भी परोस दिया जाता है कई बार खाने वाले व्यक्ति को फ़ूड प्वाइजनिंग की शिकायत भी हो जाती है।
ऐसे में सवाल है कि तमाम मापदंडों से परे और तमाम जिम्मेदारों से लैस विभाग इन होटल-रेस्टोरेंट डेयरी और ढाबों में कब-कब क्या क्या कार्यवाही करता है।

Divya Kirti
Author: Divya Kirti

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