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सुप्रीम कोर्ट में CJI पर जूता फेंकने की कोशिश, आरोपी वकील चिल्लाया- सनातन का अपमान नहीं सहेंगे

नई दिल्ली — सोमवार को सुप्रीम कोर्ट की बेंच के समक्ष एक चौंकाने वाला घटनाक्रम घटित हुआ जब एक वकील ने CJI बी.आर. गावई की ओर जूता फेंकने का प्रयास किया। इस दौरान उसने जोर से नारा लगाया — “सनातन का अपमान नहीं सहेंगे।”

घटना की पृष्ठभूमि

  • यह घटना सुप्रीम कोर्ट के कोर्ट नंबर 1 में दिन के समय हुई, जब सुनवाई जारी थी।

  • बताया गया है कि यह आक्रोश खजुराहो में भगवान विष्णु की मूर्ति पुनरुद्धार से जुड़े मामले पर CJI द्वारा कही गई टिप्पणी — “Go ask your deity” — की प्रतिक्रिया के रूप में था।

  • वकील की इस हरकत के बाद सुरक्षा बलों ने तुरंत हस्तक्षेप किया और वकील को कोर्ट से बाहर ले जाया गया।

  • कोर्ट में इस अवांछित कार्रवाई के बावजूद CJI ने आत्मसंयम बनाए रखा और सुचारू रूप से सुनवाई जारी रखी।

प्रतिक्रिया एवं निहितार्थ

  • इस घटना ने न्यायालय की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। कैसे किसी वकील को कोर्ट में ऐसा करने की हिम्मत हुई?

  • साथ ही, यह मुद्दा धार्मिक भावनाओं और न्यायपालिका की गरिमा के बीच संवेदनशीलता की जटिलता को सामने लाता है।

  • कानूनी विशेषज्ञों के अनुसार, इस तरह की हरकत को अदालत की अवमानना या अपराध की श्रेणी में रखा जा सकता है और संबंधित कानूनों के तहत कार्रवाई संभव है।

  • यदि वकील पर दोष सिद्ध होता है, तो उसे न केवल वकील पटल पर दंड, बल्कि आपराधिक मुकदमे का भी सामना करना पड़ सकता है।

  • दूसरी ओर, यह घटना न्यायपालिका और समाज दोनों को यह विचार करने पर मजबूर करती है कि अभिव्यक्ति की हदें कहां खींची जाएँ, विशेष रूप से तब जब भावनाएं उबल रही हों।

Divya Kirti
Author: Divya Kirti

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