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घूसखोर अधिकारी को ‘लोकायुक्त’ दफ्तर से फोन:बोला- केस खत्म करान

बातचीत की रिकॉर्डिंग पुलिस को सौंपी, जांच में फंसा भ्रष्ट नेटवर्क

भ्रष्टाचार के एक चौंकाने वाले मामले में एक नायब तहसीलदार को कथित रूप से ‘लोकायुक्त दफ्तर’ से एक फोन आया, जिसमें अधिकारी पर चल रहे मामले को खत्म कराने के बदले ₹50,000 की मांग की गई। फोन करने वाले शख्स ने खुद को लोकायुक्त कार्यालय का कर्मचारी बताकर तुरंत भुगतान करने का दबाव भी बनाया।

नायब तहसीलदार को बातचीत पर शक हुआ और उन्होंने पूरा कॉल रिकॉर्ड कर लिया। रिकॉर्डिंग में आरोपी व्यक्ति साफ-साफ यह कहते सुना गया कि “आपका केस खत्म कराना है तो 50 हजार रुपए लगेंगे, बाकी मैं संभाल लूंगा।” अधिकारी ने समझदारी दिखाते हुए तुरंत इसकी सूचना पुलिस और लोकायुक्त टीम को दी।

पुलिस ने रिकॉर्डिंग प्राप्त करने के बाद फोन नंबर की लोकेशन और कॉल डिटेल निकालने की प्रक्रिया शुरू की। प्रारंभिक जांच में खुलासा हुआ कि कॉल वास्तव में लोकायुक्त कार्यालय से नहीं बल्कि बाहरी व्यक्ति की थी, जो लोकायुक्त के नाम का इस्तेमाल कर पैसे ऐंठने की कोशिश कर रहा था।

अधिकारियों के अनुसार, यह संभव है कि आरोपी ने सरकारी कर्मचारियों के चल रहे मामलों की जानकारी किसी बिचौलिए नेटवर्क के माध्यम से हासिल की हो। पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि क्या इस गिरोह में लोकायुक्त या अन्य सरकारी विभागों के कर्मचारी भी शामिल हैं।

नायब तहसीलदार ने कहा कि भ्रष्टाचार की आड़ में लोकायुक्त जैसी महत्वपूर्ण संस्था का नाम इस्तेमाल करना बेहद गंभीर अपराध है। उन्होंने कहा—“यह सिर्फ किसी व्यक्ति से पैसा वसूलने की कोशिश नहीं, बल्कि व्यवस्था पर लोगों का भरोसा तोड़ने की साजिश है।”

पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर आरोपी की खोज शुरू कर दी है। अधिकारी की सतर्कता के कारण एक बड़े भ्रष्टाचार नेटवर्क के उजागर होने की संभावना जताई जा रही है।

Divya Kirti
Author: Divya Kirti

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