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5 लाख में ‘मास्टरजी’ बनाने का खेल, सरकारी बाबुओं ने किया खुलासा

फर्जी मार्कशीट से 20 साल में 100 शिक्षक तैयार,

2 लाख रिश्वत ली गई

एक बड़े घोटाले का खुलासा हुआ है, जिसमें सरकारी बाबुओं और कुछ निजी एजेंटों ने 5 लाख रुपए में ‘मास्टरजी’ बनाने का खेल खेला। भास्कर की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट के अनुसार, फर्जी मार्कशीट के जरिए शिक्षक तैयार किए गए और उन्हें सरकारी मान्यता प्राप्त असली दस्तावेज दिखाए गए।

जानकारी के अनुसार, 20 साल के दौरान करीब 100 शिक्षकों को इसी प्रणाली के तहत तैयार किया गया। इनमें से कई शिक्षक सरकारी स्कूलों में तैनात भी हो गए। आरोप है कि सरकारी कर्मचारियों ने प्रत्येक मामले में 2 लाख रुपए रिश्वत लेकर फर्जी मार्कशीट को असली साबित किया।

विशेषज्ञों के अनुसार, यह घोटाला शिक्षा तंत्र में भरोसे को गंभीर रूप से प्रभावित करता है। केवल पैसे लेकर किसी को शिक्षक बनाना न केवल कानून का उल्लंघन है बल्कि छात्रों और स्कूल सिस्टम के लिए भी खतरा है।

पुलिस और शिक्षा विभाग की प्रारंभिक जांच में यह पता चला कि फर्जी दस्तावेज बनाने में कुछ निजी एजेंटों की भी मदद ली गई। एजेंट और सरकारी बाबू मिलकर उम्मीदवारों के फाइलों को असली की तरह तैयार करते थे, ताकि कोई भी अधिकारी शक न कर सके।

इस मामले में कई सरकारी स्कूलों और शिक्षा कार्यालयों की जिम्मेदारी भी जांच में सामने आई है। अधिकारियों ने कहा कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और फर्जी शिक्षकों की नियुक्ति की पूरी सूची तैयार कर उनके खिलाफ कानूनी प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सरकारी दस्तावेजों और नियुक्तियों में डिजिटल सत्यापन प्रणाली लागू की जाए। इससे भविष्य में फर्जी नियुक्तियों और रिश्वतखोरी पर रोक लग सकेगी।

घोटाले की रिपोर्ट के सामने आने के बाद शिक्षा जगत और समाज में हड़कंप मच गया है। लोग पूछ रहे हैं कि क्या इतनी लंबी अवधि में कितने छात्रों को नुकसान हुआ और सिस्टम में सुधार कब तक आएगा।

Divya Kirti
Author: Divya Kirti

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