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आयुक्त शहडोल से गुहार, कब होगा तहसील बुढार का उद्धार व्यवसायी बनाम नेताओं की चुप्पी कब टूटेगी ऐसे मुद्दों पर

शहडोल।।
विनय मिश्रा की कलम से….

वैसे शहडोल जिले की बात की जाए तो यहाँ की आर्थिक राजधानी बुढार का नाम स्वयं ही लोगों की जुबाँ पर आ जाता है। पर धन की यह नगरी विकास के उस पटल से आज भी वंचित है जहाँ इसे होना चाहिए यह बुढार नगरी का दुर्भाग्य है कि सैकड़ो कोल व्यवसायी व उद्योगपति होने के बाद भी इसे समृद्ध नही कर पाए सिवाय यहाँ की अकूत खनिज दोहनों के। हाँ यहाँ के चंद मनसबदारों के दिखावे की भृकुटी जरूर तननें लगती है जब कभी बुढार के विकास पर चर्चाएँ होती हैं खैर बुढार विकास के कई ऐसे किस्से हैं जिस पर एक छोटा खण्डकाव्य लिखा जा सकता है।बहरहाल बुढार तहसील को अनुविभागीय दर्जा कब मिलेगा यह तो यहाँ के व्यवसायी बनाम राजनेता ही जानें।

अपने अमिट पहचान और बेदाग छवि से आमजनमानस के मुद्दों पर सदैव पहल करने वाले शैलेन्द्र ने पुनः बुढार के विकास का अलख जगाने का एक छोटा सा प्रयास किया है जहां उन्होंने आयुक्त शहडोल को पत्र लिखकर इस पूरे मसले से अवगत कराया है। ये और बात है कि इस ज्वलंत मुद्दे को उठाने के लिए फोटो छाप नेताओं का योगदान प्रथम पायदान पर होता तो शायद हमारे हाँथ उनके पीठ थपथपा रहे होते और होंठ उनका यशोगान कर रहे होते।

यह लिखा पत्र में…

विषय अंतर्गत निवेदन है कि शहडोल जिले के अन्तर्गत बुढार को 2012 में उप तहसील से तहसील का दर्जा प्रदान किया जा चुका है। लेकिन इसके बाद भी 10 वर्ष से ज्यादा का समय बीत चुका है पर यहां आज तक एस.डी.एम. की पदस्थापना नहीं की गई है ।
विगत कुछ वर्ष पहले तात्कालीन कलेक्टर सतेन्द्र सिंह जी के समय जैतपुर एस.डी.एम. कार्यालय को बुढ़ार शिफ्ट करने की बात सामने आई थी। पर तब इस पर आपत्ति लगा दी गई थी, आपत्ति करने वाले जनप्रतिनिधि का नाम सर्व विदित है।

तब भी बुढ़ार सहित सम्पूर्ण कोयलांचल क्षेत्र के साथ हुये इस सौतेले व्यवहार के खिलाफ आवाज उठाई गई थी, परंतु तब यह कहकर आवाज को दबा दिया गया था, की जैतपुर में एस.डी.एम. कार्यालय यथावत रखते हुये जल्द से जल्द बुढ़ार तहसील में भी अलग से अनुविभागीय अधिकारी (SDM) की पदस्थपना कर SDM कार्यालय प्रारंभ किया जाएगा । परंतु आज तक ऐसा नहीं हो सका है।

मान्यवर, बुढ़ार तहसील में SDM कार्यालय प्रारम्भ नहीं किए जाने के कारण सम्पूर्ण कोयलांचल क्षेत्र की जनता को अपने छोटे छोटे कामों के लिए भी शहडोल के चक्कर काटने पड़ते हैं । कोयलांचल क्षेत्र के अधिवक्ताओं को भी विभिन्न प्रकरणो में सुनवाई / अपील के लिए रोज शहडोल के चक्कर काटने पड़ते हैं।

मान्यवर बुढार क्षेत्र के अनैतिक / अवैध कार्यों में लिप्त अपराधी व माफिया भी नहीं चाहते हैं कि बुढ़ार में रेगुलर एस.डी.एम. कार्यालय की शुरुआत हो एवं बुढ़ार तहसील में अनुविभागीय अधिकारी (SDM) की पदस्थापना की जाए क्योकि वे भलीभांति जानते हैं कि इससे उन्हें अवैध कोयला रेत कबाड़ व अन्य अवैध कार्यों में दिक्कतें आएंगी एवं रेगुलर तौर पर एस.डी.एम. की पदस्थापना से ऐसे अवैध कार्यों पर अंकुश लग सकेगा।

मान्यवर क्षेत्र की जनता सोये हुये जनप्रतिनिधियों से दुखी व परेशान है एवं अब आप ही उनकी आखरी उम्मीद हैं।
अत: आवेदन पत्र प्रस्तुत कर विनम्र आग्रह है कि शहडोल जिले के अन्तर्गत बुढ़ार तहसील में अनुविभागीय अधिकारी (SDM) की पदस्थपना कर SDM कार्यालय प्रारंभ किया जाये।

Divya Kirti
Author: Divya Kirti

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