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व्यवसायीकरण के इस युग मे बुनियादी ढाँचा टटोल रही आधुनिक शिक्षा

शिक्षा के व्यवसायीकरण में बुनियादी ढांचा टटोल रही आधुनिक शिक्षा

अभिभावकों की कट रही जेबें,छात्रों के पीठ ढो रहे बोझ

आईसीएससी का सपना दिखाकर भ्रमित कर रहे अभिभावकों को

विनय मिश्रा…

शिक्षा के मंदिरों में जिस तरह से व्यवसाय चल रहा उसका आँकलन किसी भी प्राइवेट विद्यालय को देखकर लगाया जा सकता है। निजी प्राइवेट विद्यालय में अभिभावकों की मानो शामत आई हो। फीस, लक्जरी पुस्तकें,ड्रेस,जूतों औरअन्य सामग्रियों की बाजार मंडियों ने इस तरह खुदरा व्यापार बढ़ा रखा है कि अभिभावकों की जेबें कट रही हैं तो छात्रों के पीठ बोझ से दब रहे हैं । पर जमीनी शिक्षा का पड़ताल यह है कि शिक्षा आज भी रसातल पर जा रही है। हर अभिभावक बड़े चाव से बच्चों को अपने तमाम जरूरत की वस्तुओं और अपने खुद की जरूरतों का त्याग करते हुए ऊंची से ऊंची शिक्षा मुहैया कराने में किंचित मात्र भी कोताही नही बरत रहे हैं किन्तु शिक्षा के नाम पर चल रहे लूट का गोरखधंधा दिनोदिन फल फूल रहा है

और शिक्षा के दाम सांतवें आसमान पर चढ़ रहे हैं । मनमाने फीस और आसमान छूती शिक्षा की दामों ने शिक्षा की हालत भी बद्तर कर दिया है अब तो वह युग याद आ रहा है जहाँ शिक्षा का कोई मूल्य नही था और पैर छूने मात्र से छात्र योग्य हो जाता था। शिक्षा के बढ़ते बाजार में गली-गली कूँचे कूँचे में किराना दुकानों की तरह स्कूलें खुली हैं जिसका हर्जाना अभिभावक आए दिन भर रहे हैं।

शहडोल।।बुढार

बुढार से लगे गोपालपुर रोड में स्थित प्राइवेट स्कूल एमजीएम का माँमला सामने आया है जहाँ अभिभावकों का आरोप है कि विद्यालय में एडमिशन के दौरान स्कूल का पाठ्यक्रम आईसीएससी था किन्तु भारत सरकार की गाइडलाइंस के अनुसार विद्यालय में 5वीं व 8वीं की बोर्ड परीक्षाओं में इस पाठ्यक्रम को कोर्स से वंचित रखा गया है। यानी विद्यालय प्रबंधन आईसीएससी सिलेबस के दावे जरूर करता है किंतु उसे जमीनी रूप दे पाना प्रबन्धन के लिए अभी भी टेढ़ी खीर लग रही है। कई अभिभावक अभी भी संशय में हैं कि उनके बच्चे आईसीएससी सिलेबस पढ़ रहे हैं या मप्र पाठ्यपुस्तक।

सरकार के निर्देशन में चल रहा स्कूल:-प्रबन्धन

विद्यालय प्रबंधन की मानें तो उनके द्वारा एमजीएम विद्यालय में आईसीएससी कोर्स ही चलाया जा रहा है।किन्तु सरकार की छोटे बोर्ड एक्जाम में उनके पैटर्न को सम्मलित नहीं किया गया है। प्रबन्धन ने बताया कि प्रबन्धन का पैटर्न10वीं 12वीं बोर्ड परीक्षाओं में पूर्णतः लागू है जिसके बकायदे सर्टिफिकेट जारी होते हैं किंतु छोटे स्तर की कक्षाओं में अभी जो शासन के निर्देश हैं विद्यालय उसी अनुसार चलाया जा रहा है।

इनका कहना है..
( हमारी संस्था सरकार के नियमानुसार चल रही है जो भी बोर्ड एक्जाम शासन स्तर के हैं उनमें वो सिलेबस मूल रूप से सम्मलित हैं ,बाकी रही बात अभिभावकों का अपने बच्चों का स्कूल में दाखिला दिलाना तो ये उनका निजी निर्णय हैं,जोशेफ जी प्राचार्य एमजीएम स्कूल)

Divya Kirti
Author: Divya Kirti

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