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नागपुर ट्रेन की सौगात : चिट्टी-चिट्टी से खेल हुआ है चिट्टी से ही मिली सौगात, चिट्टी-चिट्टी से बात बनेगी चिट्टी-चिट्टी होगी तकरार

नागपुर ट्रेन की सौगात : चिट्टी-चिट्टी से खेल हुआ है चिट्टी से ही मिली सौगात, चिट्टी-चिट्टी से बात बनेगी चिट्टी-चिट्टी होगी तकरार।

राजकमल पाण्डेय- शहडोल डेस्क
अनूपपुर/ अनूपपुर से नागपुर पहुँचने के लिए सीधा साधन नही था। यानि अनूपपुर जिले सहित शहडोल, उमरिया क्षेत्र के रहवासियों को बिलासपुर जाकर ट्रेन पकड़ना पड़ता था या फिर निजी साधन से नागपुर जाना हो पाता था। अपितु हालही में शहडोल सांसद की अनुशंसा पर शहडोल से नागपुर पहुँच हेतु एक ट्रेन का परिचालन करवाया गया है। जिसमे अनूपपुर ठहराव न करके शहडोल ठहराव किया गया है। जिसकी जानकारी मीडिया व सोशल मीडिया के माध्यम से प्राप्त हुआ। या यूँ कहिए सांसद महोदया की चिट्टी ने शहडोल-नागपुर ट्रेन का परिचालन करवाया है। बहरहाल उक्त ट्रेन के परिचालन से अनूपपुर जिले की जनता जितनी दुःखी है उससे कहीं अधिक शहडोल की राजनीतिक जागरूकता स्वयं का पीठ इसलिए भी थपथपा रहे होंगे कि इससे पहले अनूपपुर जिला बनाए जाने का विरोध शहडोल के राजनीतिक जागरूकता, प्रबुद्धजन, मीडिया ने खूब किया था क्योंकि अनूपपुर जिला बन जाने के बाद शहडोल से एडीजे (अदालत) उठकर अनूपपुर आ गया था। जिसके टूटन पर खूब रस्साकसी हुई जिसका खीझ शहडोल की राजनीतिक जागरूकता, प्रबुद्धजन व मीडिया पेट में दाबे रखा था। लेकिन एक अवसर मिलते ही वह घाव पलटने की कोशिश की गई है। जिसका अंदाजा अनूपपुर की जनता को नही है, इससे पहले सन 1924 के रेलवे विस्तार व अनूपपुर जंक्शन बनने के बाद अनूपपुर व अनूपपुर के रहवासियों को शहडोल के रहवासी तेल की छाँव में देखते थे कि तुम ग्राम पंचायत लायक नही हो और तुम्हें जंक्शन मिला गया, इसके बाद जिला हमें क्या मिला संभाग। और इस सन्दर्भ में अगर किसी व्यक्ति का जन्म स्थान अनूपपुर उसके नाम के बाद जुड़ जाए तो खड़े-खड़े तमतमा जाते थे। हालाँकि अनूपपुर व शहडोल की यह खाई 20 वर्ष के राजनीतिक जागरूकता, प्रबुद्धजन, मीडिया के आवागमन से पटक गया था। लेकिन अनूपपुर जिले सहित अमलाई, चचाई बुढ़ार भी अनूपपुर से परिचालन होने पर लाभ उठा सकते थे। लेकिन अब चचाई, अमलाई निवासी को 40 व बुढ़ार की जनता को 22 से 30 किलोमीटर का सफर पहले तय करना होगा, तब जाकर उक्त ट्रेन का लाभ उठा पाएंगे। व अनूपपुर जिले की लगभग साढ़े 7 से 8 लाख आबादी को वंचित कर शहडोल से नागपुर ट्रेन का परिचालन करवा कर सांसद महोदया ने अनूपपुर-शहडोल के पूर्व की खाई में पुनः वृद्धि की है। जिस पर अनूपपुर के स्थानीय जन सहित कोतमा एवं पुष्पराजगढ़ विधानसभा के रहवासी अपनी नाराजगी प्रकट कर रहे हैं। तथा इस संदर्भ में शहडोल लोकसभा सीट पर भी खतरा बताने लग गए हैं।
ज्ञात होकि नागपुर पहुँच हेतु अनूपपुर से परिचालन में एक बड़ी आबादी को लाभ मिल सकता था। लेकिन शहडोल से परिचालन के बाद अनूपपुर सहित पुष्पराजगढ़, कोतमा, बदरा, जमुना, जैतहरी, विशिष्ट ग्राम परसवार, की बड़ी आबादी वाले क्षेत्र लगभग वंचित हो गए या फिर नागपुर जाने के लिए शहडोल पहुँच हेतु साधन के लिए जद्दोजहद करनी पड़ सकती है। जबकि अनूपपुर से परिचालन में अनूपपुर सहित पुष्पराजगढ़, कोतमा, बदरा, जमुना, जैतहरी, विशिष्ट ग्राम परसवार, बुढ़ार, चचाई, अमलाई आदि क्षेत्र व इनसे सटे गाँव भी आसानी से लाभ उठा सकते थे। अपितु बिना विचार व गहन अध्ययन के लिए गया फैसला, लगभग साढ़े 7 से 8 लाख की आबादी को प्रभावित कर रहा है। जिस पर जनता अपनी प्रतिक्रिया हालही के लोकसभा में देने के लिए तत्पर होगी।
गौरतलब होकि अनूपपुर जंक्शन लगभग कई दशकों से है लेकिन सुविधा के नाम पर अनूपपुर जंक्शन बाट जोह रहा है। वहीँ एक रेलवे ब्रिज भी था जोकि 3 व 4 नम्बर प्लेटफॉर्म तक जाता था वह भी जर्जर अवस्था के कारण मरणासन्न है और यात्रियों को घूमकर 3 व 4 नम्बर प्लेटफॉर्म में पहुंचना होता है। साथ ही अनूपपुर जंक्शन होने के बावजूद ट्रेनों की साफ़ सफाई की व्यवस्था भी रेलवे प्रशासन आज तक नही कर पाया है। ऐसे में अनूपपुर से नागपुर पहुँच हेतु ट्रेन का परिचालन न होना भी रेलवे की निष्क्रियता को दर्शा रहा है। लेकिन यह तब निर्थक लगते हैं जब कटनी और बिलासपुर के बीच का एक बड़ा जंक्शन हो और साफ़ सफाई की व्यवस्था न हो जिसके कारण साढ़े 7 से 8 लाख की एक बड़ी आबादी प्रभावित हो रही हो। बहरहाल जब तक नागपुर पहुँच हेतु अनूपपुर ठहराव नही हो जाता तब तक साढ़े 7 से 8 लाख की आबादी प्रभावित तो होगी। लेकिन अनूपपुर जिले की जिस जनता को रिझाने के लिए उक्त ट्रेन का परिचालन किया गया था, अब उसी ट्रेन परिचालन से अनूपपुर जिले की जनता के नाराजगी के बाद उन्हें रिझाने हेतु समाधान, सांसद महोदया लोकसभा, विधानसभा चुनाव के पहले कर पाती हैं या नही यह देखना दिलचस्प होगा।

Divya Kirti
Author: Divya Kirti

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