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MP SHAHDOL खबर निष्पक्ष: शहडोल में भ्रष्टाचारिता छिपाने संघ सियासत का‌ खेला

शहडोल।।

चोर-चोर मौसेरे भाई की कहावत तो आपने सुनी होगी। लेकिन, आपने यह बहुत कम ही देखा होगा कि, इस कहावत को धरातल पर भी चरितार्थ किया जा रहा हो। ऐसा ही कुछ जिला मुख्यालय में देखने मिल रहा है। जहां स्थित तहसील कार्यालय के पटवारियों ने लामबंद होकर कलम बंद हड़ताल जारी कर रखी है। मप्र पटवारी संघ ने इस घटना पर विरोध जताते हुए आरोपियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग रखी है।

दरअसल, यह हड़ताल बीते दिनों मुख्यालय से सटे कोटमा हल्का पटवारी के साथ वहां के ग्रामीण द्वारा की गई मारपीट को लेकर की जा रही है। बता दें कि, यह मामला 23 अगस्त का है, जिस दिन प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का शहडोल आगमन हुआ था। मुख्यमंत्री आगमन के ठीक कुछ घंटों पूर्व जमीनी विवाद के चलते एक ग्रामीण की मौत के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने हल्का पटवारी दीपक पटेल की जमकर धुनाई की।

उक्त पटवारी की पिटाई के पीछे की वजह ग्रामीणों ने उसकी भ्रष्ट कार्यशैली और पैसों की चाहत में राजस्व मामले में छेड़छाड़ कर प्रताड़ित करना बताया और पुलिस, प्रशासन के सामने ही पटवारी को पीटा। ग्रामीणों का आरोप है कि, जब से उक्त पटवारी यहां पदस्थ हुआ है, तब से लगातार जमीनी विवाद के मामले यहां बढ़ते क्रम में है। साथ ही क्षेत्र में भू-माफियाओं का मकड़जाल लगातार फैल रहा है। भू माफियाओं के साथ पटवारी की मिलीभगत और ग्रामीणों के खसरा रकबा को खुर्द-बुर्द कर जमीनी हक मारना, यह यहां आम बात है।

खैर, खास बात यह है कि, उक्त हल्का क्षेत्र के जमीनी विवाद के मामलों पर निश्चित रूप से कड़ी और निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। अगर जांच शुरू हुई तो पटवारी और उसकी कलम पर संकट के बादल मंडराने लगेंगे। संभवतः यही वजह है कि, अब सोहागपुर तहसील के सारे पटवारी एक संघीय छतरी के नीचे संगठित होकर कलम बंद हड़ताल पर हैं। हड़ताल के पूर्व सोहागपुर तहसीलदार को पटवारी संघ ने ज्ञापन सौंपा। जिसमें मारपीट के आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने पर खेद जताते हुए तत्काल गिरफ्तारी की मांग की।

उल्लेखनीय है, ज्ञापन सौंपने के बाद पुलिस सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लेती है। बावजूद इसके भी, पटवारी की हड़ताल जारी है। यह हड़ताली पटवारी अब नया फाफ पीट रहे हैं। उनका कहना है कि, आरोपियों के अवैध अतिक्रमण के खिलाफ भी जिला प्रशासन कार्यवाही करे और जब तक यह कार्रवाई नहीं की जाती है, तब तक यह हड़ताल जारी रहेगी।

दूसरी और ग्राम कोटमा के ग्रामीणों सहित जिले के जागरूक जनों की मांग है कि, संबंधित पटवारी सहित संघीय छतरी के नीचे आश्रित सभी पटवारियों की विभागीय जांच होनी चाहिए। ताकि, भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। इस प्रकार से आम जनमानस में जमीनी विवाद में भी कमी आएगी। ग्रामीणों ने कहा, हमारे अतिक्रमण को देखने से पहले पटवारियों के अतिक्रमण उनकी अवैध संपत्तियों की जांच आवश्यक रूप से होनी चाहिए।

Divya Kirti
Author: Divya Kirti

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