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शहडोल एवं रीवा संभाग की 30 सीटों में सिर्फ 2 महिला विधायक

 

50 प्रतिशत महिलाओं को टिकट की उठी माँग

यू तो घर से लेकर बाहर तक महिलाएं हर मल्टीनेशनल कंपनी की सीईओ जैसे आधी आबादी को सशक्त बनाना, जिससे महत्वपूर्ण पदों पर शोभायमान है या कोई बड़ी सामाजिक कार्यकर्ता या फिर कोई सेलिब्रेटीजबकि समाज के सर्वागीण विकास के लिए महिला सशक्तिकरण बहुत जरूरी है। लेकिन रीवा एवं शहडोल संभाग में विधानसभा की 30 सीट है और वर्ष 2018 में भारतीय जनता पार्टी की सिर्फ दो महिला विधायक निर्वाचित हुई जबकि महिलाओं को 50% आरक्षण की बात कही जाती है लेकिन दोनों संभागों में 50% तो क्या एक चौथाई भी सीट में महिलाओं को टिकट नहीं दिया गया।

शहडोल..

हर क्षेत्र में महिलाओं को आगे लाने व उनके सशक्तिकरण को भले ही बड़ी-बड़ी बातें राजनैतिक दलों द्वारा की जाती हों, लेकिन जब महिलाओं को आगे लाने की बात होती है तो सभी राजनैतिक दलों के हाथ तंग हो जाते हैं। चाहे वह चुनाव में टिकट देने का मामला हो या फिर संगठन में पद देने का ।इस मामले में सबसे कंजूस राजनैतिक दल भाजपा है। पिछले चुनाव में राजनैतिक दलों द्वारा संभाग में बात की जाए तो भारतीय जनता पार्टी ने रीवा एवं शहडोल संभाग में 2 सीट पर महिलाओं को उतारा था। जबकि दोनों संभाग में विधानसभा की 30सीट है।

बेहतर आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक परिणाम प्राप्त हो सकते हैं. सशक्त महिलाएं अपने परिवारों, समुदायों और अर्थव्यवस्था में योगदान करने की अधिक संभावना रखती हैं।

महिला उम्मीदवार को कब मिलेगा मौका?

वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में यदि जिले में भाजपा, कांग्रेस जैसे प्रमुख राजनैतिक दलों द्वारा चुनावी मैदान में उतारी गई महिलाओं की बात करें तो रीवा एवं शहडोल संभाग में 30विधानसभा सीटें हैं जिनमें उमरिया एवं शहडोल, सतना जिले की एक सीट छोड़कर अनूपपुर, सीधी ,रीवा, एवं सिंगरौली जिले में महिलाओं को भाजपा व कांग्रेस ने टिकट देने से महरूम कर दिया। जबकि इन जगहों पर महिला नेत्रियों के द्वारा लगातार अपनी दावेदारी अपने-अपने दल में पेश की जा रही थी किंतु संगठन ने सिरे से नकारा जिसके फलतः विधायक बनने का मौका उन नेत्रियों को नहीं मिला है।

शहडोल संभाग में दमदार मौजूदगी

यदि भारतीय जनता पार्टी महिलाओं की सेकंड लाइन टिकट देने की मंशा जाहिर करती है एवं महिलाओं को टिकट देने की बात करती है तो शहडोल जिले की जयसिंहनगर एवं जैतपुर विधानसभा सीट पर महिलाओं पर दांव लगा सकती है। भाजपा सूत्रों की माने तो उमरिया जिले की मानपुर विधानसभा सीट में मीना सिंह को टिकट देने की प्रबल संभावना है और उनका नाम लगभग फाइनल भी हो चुका है इनके अलावा सिंगरौली जिले की सिहावल विधानसभा सीट से वर्तमान सांसद रीति पाठक के नाम की चर्चा भी हो रही है। अनूपपुर, रीवा ,सीधी, सतना जिले से महिलाओं की दावेदारी कम ही दिखाई दे रही है।

विधायक जय सिंह मरावी पर टिका है महिलाओं का राजनीतिक भविष्य

आने वाले विधानसभा चुनाव भारतीय जनता पार्टी में महिला प्रत्याशी पर भरोसा किया तो महिलाओं को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण निर्णय होगा । शहडोल जिले के जयसिंहनगर विधानसभा सीट से विधायक जय सिंह मरावी पर जिले की दो विधानसभा सीट में महिला दावेदारों का राजनीतिक भविष्य टिका हुआ है। यदि उन्हें जय सिंह नगर विधानसभा सीट से दोबारा मौका नहीं दिया जाता है तो इस विधानसभा सीट से महिलाओं को मौका मिल सकता है वहीं दूसरी ओर जैतपुर विधानसभा सीट से भी जय सिंह को मौका दिया जाता है तो उस विधानसभा क्षेत्र की महिलाओं की दावेदारी पर विराम लग सकता है और यदि लंबे समय से विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ चुके और विजेता रहे जय सिंह को मौका इस बार नहीं दिया जाता है तो शहडोल जिले की दोनों विधानसभा सीट में महिलाओं की दावेदारी प्रबल हो सकती है । इस तरह यह कहा जा सकता है कि पूरा का पूरा दरोगमदार जय सिंह मरावी पर ही टिका हुआ है। शहडोल जिले की इन दोनों विधानसभा सीटों में भारतीय जनता पार्टी से महिला दावेदार का नाम चर्चाओं में है और वह प्रमुखता से टिकट की मांग भी कर रही हैं। जयसिंह नगर विधानसभा सीट केभाजपा कार्यकर्ताओं का कहना भी है कि भारतीय जनता पार्टी के मूल कार्यकर्ता को टिकट प्रदान किया जाए।

क्या आजीविका मिशन एवं स्व सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं को मिलेगा मौका

जहां एक ओर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आजीविका मिशन एवं स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं की भागीदारी राजनीतिक क्षेत्र में देने की बात गंभीरता से कहीं जा रही है और उनके लालपुर बुढ़ार में आयोजित कार्यक्रम में आजीविका मिशन एवं स्व सहायता समूह की महिला सदस्यों ने उनसे चर्चा भी की और जिला पंचायत शहडोल की उपाध्यक्ष फूलवती सिंह एवं जिला पंचायत सदस्य रामवती सिंह गुड्डी को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात करने का अवसर मिला और उन्होंने अपनी बातों को बेबाक तरीके से प्रधानमंत्री से रखा भी। प्रधानमंत्री के अलावा प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी पूरे प्रदेश में आयोजित कार्यक्रमों में महिलाओं को राजनीतिक क्षेत्र में भी भागीदारी देने के बात से नहीं थकते हैं । ऐसे में अब यह देखना है कि भाजपा का केंद्रीय एवं प्रदेश संगठन विधानसभा सीट के लिए आजीविका मिशन एवं स्व सहायता समूह से जुड़ी हुई महिलाओं को कितने सीट पर प्रतिनिधित्व देती है। हालांकि नगरीय निकाय एवं ग्राम पंचायत चुनाव में महिलाओं को 50 प्रतिशत उपस्थिति दर्ज कराते हुए नेतृत्व महिलाओं को दी जा रही है।तो विधानसभा चुनाव में भी प्रत्येक जिले में विधानसभा सीट से आरक्षण दिया जाए। शहडोल एवं रीवा संभाग में ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि उमरिया एवं सिंगरौली जिले के अलावा शहडोल जिले में भी महिलाओं को विधानसभा सीट पर मौका दिया जा सकता है। बहरहाल दोनों प्रमुख राजनीतिक दल से महिलाएं टिकट की मांग कर रही है।

Divya Kirti
Author: Divya Kirti

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