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3 मंत्री 7 सांसद, क्या बैक डोर से शिवराज की छुट्टी…? सार्वजनिक मंच पर शिवराज भी धन्यवाद ज्ञापित कर चुके हैं

अगला मुख्यमंत्री कौन????

विनय मिश्रा की कलम से….
भोपाल।।शहडोल

भाजपा और कांग्रेस की आपसी प्रतिद्वंदिता जारी है दोनों एक दूसरे पर छींटाकशी कर रहे हैं जरा भी मौका या अवसर मिलता है तो दोनों एक दूसरे पर चुनावी भड़ास निकालने में देरी नही करते हैं। किन्तु चुनाव का यह कुरुक्षेत्र कुछ ही महीनों में समाप्त हो जाएगा और महाभारत की तरह एक पक्ष को राजयोग मिल जाएगा पर सवाल यह है कि यह राजयोग किसे प्राप्त होगा।

जहाँ कांग्रेस के पास सिवाय कमलनाथ के मुख्यमंत्री का कोई चेहरा नही है तो वहीं भाजपा में दूसरी सूची जारी होने के बाद शिवराज की नैया भी पार होते नही दिख रही है।यानी दूसरी सूची के नाम पर गौर फरमाएं तो 3 मंत्री और 7 सांसद 2023 के विधानसभा चुनाव में उतारे गए हैं जिनमे से कुछ चेहरे शिवराज विरोधी हैं तो कुछ स्वयं मुख्यमंत्री के दावेदार हैं। ऐसे में यह कहना कहाँ तक मुनासिब होगा कि इस बार मप्र में भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री कौन होगा।
हलाकि उनमें से कुछ नामों ने इस नीति का कड़ा विरोध जताया है कैलाश विजयवर्गीय मंच पर अपना बयान साझा करते हुए बोले कि मैं इस चुनाव को लड़ने के लिए बिल्कुल तैयार नही हूँ मैंने सोंचा था कि कार से भाषण देने जाएंगे और हवाई जहाज से आएंगे पर ऐसा नही हुआ।

वहीं सीधी से सांसद रही रीति पाठक के विरोध में पूर्व जिलाध्यक्ष राजेश मिश्रा भी ताल ठोक रहे हैं सूत्र बताते हैं कि राजेश मिश्रा विधायक के निर्दलीय दावेदारी कर सकते हैं इस कड़ी ।के विधायक केदारनाथ शुक्ला भी कहाँ चूक रहे हैं और उन्होंने जनता को अपना विकास गिनाते हुए सांसद रही व वर्तमान प्रत्याशी रीति पाठक पर तंज कसते हुए कहा कि रीति पाठक के आसपास दस-बीस गांव का भृमण कर लें तो ज्ञात हो जाएगा कि सांसद ने अपने लोकसभा क्षेत्र में कितना विकास किया है।
मुख्यमंत्री को लेकर होगी मूड़ाफोडी….

दूसरी सूची में जारी हुए नामों पर नजर फेरें तो 3 मंत्री समेत 7 सांसद हैं जिनमे से लगभग 3-4 नाम ऐसे हैं जो मुख्यमंत्री के प्रबल दावेदार भी माने जा रहे हैं इन नामो पर अगर विराम लगाएं तो आगामी लोकसभा चुनाव पर प्रश्नचिन्ह उठते हैं, अगर इन नामो से कुछ चेहरे विधानसभा चुनाव जीतकर आते हैं तो क्या इन्हें लोकसभा में अवसर नही दिया जाएगा या फिर इन्हें विधानसभा की सदस्यता का त्याग कर लोकसभा चुनाव लड़ना पड़ेगा??

या फिर विधायक लड़ाने के जरिए इनके राजनीतिक जीवन को पीछे के दरवाजे से खत्म करने का बन्दोबस्त किया जा रहा है, खैर जब 7 सांसद और 3 मंत्री कुरुक्षेत्र में तमाम अस्त्र-शस्त्र लेकर उतर रहे हैं तब तो मोदी जी को भी किसी न किसी विधानसभा से चुनाव लड़ना चाहिए था ताकि एक और सीट भाजपा के पाले में आ जाती।
फिलहाल दूसरी सूची को देखकर कई अटकलें लगाई जा रही हैं जिस पर विधानसभा चुनाव सम्पन्न होने के बाद ही पूर्ण विराम लग पाएगा।

हारे मन से शिवराज ने दिया धन्यवाद…

हलाकि हम इन बातों को पूर्णतः सत्य नही कहते पर अन्य अखबार और चैनलों की सुर्खियां यही बता रही हैं कि मुख्यमंत्री शिवराज को बैक डोर से इस रेस से हटाने एक गूढ़ षड्यंत्र रचा गया है। इस बात को हम स्पष्ट तो नही कर सकते पर उदास मन से मुख्यमंत्री शिवराज ने अपने समस्त अधिकारी, कर्मचारियों को सार्वजनिक मंच पर धन्यवाद ज्ञापित कर चुके हैं यानि यह मान लिया जाए कि कहीं न कहीं इस दूसरी सूची ने शिवराज के दिमाग मे सूनामी सा ला दिया है तो इसमें कोई अतिश्योक्ति नही होगी।

Divya Kirti
Author: Divya Kirti

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