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6 वर्ष से आखों के नीर सूख गए,कालरी प्रबन्धन का दिल अब तक नही पसीजा

 

 

 

कालरी प्रबन्धन की लापरवाही झेल रहे किसान

क्रय-विक्रय पर भी लगा प्रतिबंध

आगामी निर्वाचन का बहिष्कार करने का निर्णय

एसईसीएल की उदासीनता ऐसी है कि आज सैकड़ों ग्रामीण किसान उनकी लापरवाही की भेंट चढ़ गए हैं । 6 वर्ष बीतने को है किंतु बटुरा हाईवाल प्रोजेक्ट का मुआवजा वहाँ से लगे ग्रामीणों को नही मिला जबकि उनकी भूमि एसईसीएल द्वारा अधिकग्रहित कर ली गई है।प्रोजेक्ट में खमरौध,बटुरा,बिछिया,खैरबान गांवों के किसानों की जमीनें अधिकग्रहित की गई है।ग्रामीणों ने आप बीती बताते हुआ कहा कि सैकडों ऐसे लोग हैं जिनकी भूमि अधिग्रहण तो किया गया है किंतु उनको आज तक न ही मुआवजा मिला है और न ही नौकरी। इस आस में कईयों के आँखों की नीर सूख गए हैं यहाँ की जमीन पर क्रय-विक्रय पर प्रतिबंध लगने के कारण कई ऐसे अक्षम लोग अपने बेटियों का विवाह नही कर पा रहे हैं नौबत तो ऐसी आ गई है कि चिकित्सा व्यवस्था के लिए समय आने पर इलाज भी नही करा पा रहे हैं। बुरे वक्त में इंसान अपने जमीन की बिक्री कर अपनी तंग हाल में सुधार लाने के लिए ऐसी तात्कालिक व्यवस्था भी आजमाता है और अन्य चीजों की तरकीब ढूँढ़ता हैं किंतु उन किसानों और ग्रामीणों को आज तक नौकरी और मुआवजा मुनासिब नही हो सका।

शहडोल।।

बदुरा हाइवाल परियोजना के अंतर्गत अर्जित भूमियों के भूमिस्वामियों को रोजगार एवं मुआवजा न मिलने पर ग्रामीण व किसानों ने जिला कलेक्टर से लेकर प्रबन्धन तक को पत्र लिखा है।

यह लिखा पत्र में

यह है कि भारत सरकार नई दिल्ली भारत का राजपत्र दिनांक 30 मार्च 2017 के द्वारा ग्राम बटुरा की कुल 28815 हे0, बिछिया की कुल 335711 हे0, खमरौध की 15.429 हे० एवं खैरबना की कुल 17.821 0 भूमि कुल 397.776 हे0 भूमि बटुरा हाइवाल परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहीत की गई है। 2. एसईसीएलसोहागपुर द्वारा सीबीए (ए बटुरा हाइवाल, दामिनी भूमिगत खदान एवं खैरहा भूमिगत खदान के लिए भूमि अधिग्रहीत एण्ड डी) एक्ट 1957 कर धारा 9(1) के अंतर्गत किया गया है।
यह कि दामिनी भूमिगत खदान एवं खरहा भूमिगत खदान के लिए अर्जित भूमियों का प्रतिकर/मुआवजा संबंधित भूमिस्वामियों को दिया गया है किन्तु बटुरा हाइवाल के लिए ‘अधिग्रहीत भूमि के भूमिस्वामियों को मुआवजा से वंचित किया गया है उन्हें आज दिनांक तक प्रतिकर/मुआवजा दिया गया है और न ही रोजगार के लिए कोई प्रक्रिया की जा रही है।
इस संबंध में पूर्व में भी कई बार ग्रामीणों के द्वारा समय समय पर विभिन्न फोरमों पर अपनी माँग रखी गई है किन्तु कालरी प्रबंधन एवं जिला प्रशासन के द्वारा कोई कार्यवाही नही की जा रही है जिससे ग्रामीणजनों में काफी आकोश एवं सरकार के प्रति असंतोष व्याप्त है।
अतः उपरोक्त संबंध में ध्यान आकृष्ठ कराकर अनुरोध है कि उक्त संबंध में ग्राम बटुरा, बिछिया, खैरबना खमरौध के कृषकों की समस्याओं का निराकरण कराने की कृपा करें अन्यथा की स्थिति में आन्दोलन व निर्वाचन से बहिष्कार किया जायेगा जिसकी सम्पूर्ण जवाबदेही शासन एवं प्रशासन की होगी।

Divya Kirti
Author: Divya Kirti

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