दिव्यकीर्ति सम्पादक-दीपक पाण्डेय, समाचार सम्पादक-विनय मिश्रा, मप्र के सभी जिलों में सम्वाददाता की आवश्यकता है। हमसे जुडने के लिए सम्पर्क करें….. नम्बर-7000181525,7000189640 या लाग इन करें www.divyakirti.com ,
Search
Close this search box.

नदी की घाट पर पटवारी की हत्या एक ‘मिस्ट्री’

पटवारी की लहू ने बयाँ किए जिम्मेदारों की भूमिका कौन-कितना जिम्मेदार…??

पुलिस महकमा जुटा जाँच में

दिव्य कीर्ति शहडोल।।

पटवारी की नृशंष हत्या या एक हादसा इस गुत्थी ने हर व्यक्ति के मन मे सवालों का एक किताब लाकर रख दिया है।जिले में लीगल कम्पनियों के ठेका न होने से शहडोल जिले में रेत माफियाओं ने पूरे जिले में नँगा नाच किया ऐसा नही की इस पूरे फिल्म के तार जिम्मेदारों से नही जुड़े थे किंतु मैनेजमेंट के एक खूँटे से बंधे होने के कारण जिम्मेदार इस पूरे खेल में लुका छिपी का खेल खेल रहे थे। ज्ञात हो सीधी के किसी बडे माफिया के तार शहडोल से जुड़े होने के कारण इनका सीधे नेटवर्क उप्र तक था जो मानसून सत्र में एक मोटे दाम पर यहाँ रेत खपाते थे।फिलहाल इस घटना में यह कह पाना तो कठिन है कि किसकी कितनी भूमिका थी पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कईयों के नाम इस खूनी मंजर से कनेक्ट हैं।

घटनाक्रम के सामने आने के बाद एक बात तो तय है बिना आग धुआं नहीं उठता अगर जिला और पुलिस प्रशासन की तरफ उंगली उठ रही है तो लाजिमी है आने वाले समय में जनता का प्रशासन पर से भरोसा उठ जाएगा, क्योंकि जब पुलिस प्रशासन ने हेलमेट सीटबेल्ट अभियान चलाने को पूरी फोर्स नागरिकों से चालान वसूली में लगा रखा था उसी समय घात लगाए बैठे माफियाओं ने सोन‌ की सुनहरी रेत की खातिर खूनी खेल खेला है अब भला पटवारी की मौत के बाद कौन सा चालान उनके मृतक परिजनों के सर का साया वापस ला सकता है ……इस मामले में कुछ अनसुलझे सवाल है जो इंगित करते हैं कि माफियाओं का सिंडिकेट काफी तगड़ा है और लंबे अरसे से सक्रिय है….

पटवारी प्रसन्ना सिंह बघेल की हत्या मामले में, बीत चुके हैं 96 घंटे लेकिन खूनी खेल खेलने वाला रेतमाफिया अभी भी जांच के दायरे से बाहर…..

इस मामले में मान लिया जाए पुलिस माफिया यंत्र के सिंडिकेट का हिस्सा थी या माफियातंत्र के पीछे काम सफेदपोशों की सरपरस्ती है जो मामले की खबर लगते ही सीएम हाउस के चक्कर काटने निकल पड़े…

स्थानीय शांति व्यवस्था बनाए रखने को स्थापित देवलोद थानांतर्गत तीन सौ बड़े वाहन अवैध रेत खनन और परिवहन में लगे हुए थे भनक कैसे नहीं लगी…..

हाल में ही एक घटनाक्रम में देवलोद के कैमरे ने बड़ी घटनाक्रम का खुलासा किया था जिसमें साज़िश के तहत देवलोद थाना में एफआईआर दर्ज कराई गई थी……मतलब साफ है थानांतर्गत लगा कैमरा काम करता है लेकिन रेत की अवैध परिवहन के लिए शायद कैमरा नहीं काम करता होगा…….

पुलिस एवं खनिज विभाग की विवेचना में मुख्य तस्कर और रेत के खरीददार का नाम का कोई जिक्र तक नहीं……

सूत्र बताते हैं कि घटना स्थल से लेकर देवलोद थानांतर्गत पदस्थ अफसरों के मोबाइल सीडीआर खंगालने लिया जाएं तो कथित डेविड सहित तमाम रेत तस्करों के नाम उजागर हो सकतें हैं कहा यह भी रहा है कि कुछ जिले के बड़े भी इस खेल में शामिल हैं और निष्पक्ष कार्रवाई में अड़ंगा लगा कर बेगुनाह लोगों को पकड़ पकड़ कर जेल‌भर रहे हैं …….

बहरहाल आगे आने वाला समय ही बतलाएगा की रेत तस्करों पर प्रशासन भारी या माफियातंत्र……

Divya Kirti
Author: Divya Kirti

ये भी पढ़ें...

error: Content is protected !!