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जनपद बुढार में फैली अंधेरगर्दी के मास्टरमाइंड सीईओ

अतिरिक्त और फुल प्रभार पर सिमटा है सीईओ की करतूतें

मोहन सरकार में भी कंशो का अत्याचार जारी

मप्र सरकार में भाजपा भारी मतों से विजयी हुई और आलाकमान ने मुख्यमंत्री चेहरा बदलकर पुराने सिस्टम को बदलना चाहा पर यह मुमकिन न हो सका जिसका जीवंत उदारहण जनपद बुढार और शहडोल जिले में चाँदी काट रहे मुद्रिका सिंह हैं।

शहडोल।।
जनपद पंचायत बुढार में मुख्य कार्यपालन अधिकारी का पद विगत कई महीनों से रिक्त है। जनपद पंचायत बुढ़ार में पूर्व में पदस्थ रहे मुख्य कार्यपालन अधिकारी एम.पी. सिंह का स्थानांतरण अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत शहडोल के पद पर हुआ था, जिस पर एमपी सिंह अपने कार्य पर उपस्थित हो जाने के बावजूद भी जनपद पंचायत बुढार में प्रभारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी के पद पर पदस्थ है। इनके द्वारा जनपद पंचायत में भारी भ्रष्टाचार किया जा रहा है।

लापरवाही और उदासीनता की भरमार

जनपद सीईओ एमपी सिंह द्वारा जनपद पंचायत की आयोजित सामान्य सभा की बैठकों में पारित प्रस्ताव पर कभी भी कोई कार्यवाही नहीं की गई और न ही बैठक से संबंधित कार्यवाही विवरण जारी किया जाता है। शिकायत पत्र में उल्लेख किया गया था कि इनके द्वारा मनमाने तौर पर जनपद पंचायत को शासन से प्राप्त राशि से ग्राम पंचायत में भारी भरकम कमीशन लेकर निर्माण कार्य स्वीकृत किया जाता है. जिसकी जानकारी जनपद पंचायत के किसी भी प्रतिनिधि को नहीं दी जाती है। यही नही पूर्व वर्षों के कार्य को वर्तमान वर्ष में स्वीकृत किया जाकर जनपद के जनप्रतिनिधियों को घोखा दिया जा रहा है।

ठेकेदारी प्रथा पर सीईओ की मेहरबानी और दर्जनों गफलत

इनके द्वारा नियम विरुद्ध तरीके से जनपद पंचायत में कार्यालय मरम्मत का कार्य ग्राम पंचायत पकरिया को सौंप कर मनमानी तरीकों से अपने चहेते ठेकेदार के माध्यम से कराया जा रहा है। ग्राम पंचायत अपनी सीमा के बाहर कार्य नहीं कर सकती है। उक्त कार्य विभागीय रूप से होना चाहिये था किन्तु भारी कमीशन के चक्कर में एमपी सिंह द्वारा नियम विरुद्ध कार्य किया गया है व ग्राम पंचायतों में विकास यात्रा के नाम पर लगभग 12 लाख का भ्रष्टाचार किया गया है। इनके द्वारा मनमाने तौर पर कुछ ग्राम पंचायतों को विकास यात्रा के नाम पर राशि जारी कर उस राशि को एक ही फर्म के नाम पर भुगतान कराकर भारी भ्रष्टाचार किया गया है जबकि ग्राम पंचायतों द्वारा स्वयं भी विकास यात्रा का भुगतान किया गया है। इस प्रकार एक ही कार्यक्रम के दो बार बिल भुगतान किया गया है।
इनके इतनी कारस्तानियों के बाद भी शहडोल जिले के इर्द-गिर्द ही अरसों से सेवाएँ देते रहना कहीं न कहीं सीईओ की सेटिंग और विभाग के उच्च स्तरीय लोगों पर संशय पैदा करता हैं।

इनका कहना है…

(जिले में सीईओ की कमी है हमने मांग की है अति शीघ्र कार्रवाई की जाएगी ,कलेक्टर श्रीमती वंदना वैध शहडोल)

Divya Kirti
Author: Divya Kirti

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