दिव्यकीर्ति सम्पादक-दीपक पाण्डेय, समाचार सम्पादक-विनय मिश्रा, मप्र के सभी जिलों में सम्वाददाता की आवश्यकता है। हमसे जुडने के लिए सम्पर्क करें….. नम्बर-7000181525,7000189640 या लाग इन करें www.divyakirti.com ,
7k Network

होम

Search
Close this search box.
Search
Close this search box.

बेदखली के आदेश के बाद भी नहीं सिकुड़ा अवैध कब्जा

 

( बुढ़ार तहसीलदार का आदेश ठेंगे पर )

शहडोल ।।
जहां एक ओर मुख्यमंत्री और शहडोल कलेक्टर समीक्षा बैठकों में शासकीय जमीनों मे अवैध कब्जा चिन्हित कर के जल्द से जल्द हटाने के आदेश निर्देश देते नहीं थक रहे हैं वहीं दूसरी ओर शहडोल के बुढ़ार तहसील अंतर्गत बेम्हौरी हल्का के राजस्व ग्राम गरफंदिया में मुख्यमार्ग से लगी शासकीय खसरा नंबर 323 (रकबा 0.0450 हेक्टेयर) और खसरा नंबर 320 (रकबा 0.0490 हेक्टेयर) में बीते दो साल से लगातार अवैध कब्जा बढ़ रहा है। सरकारी दस्तावेजों में उक्त शासकीय जमीन ‘राजस्व वन’ भूमि के नाम पर दर्ज है।
व्याप्त अवैध कब्जे के संबंध में तात्कालिक बुढ़ार तहसीलदार महोदय ने जांच कराई जिसमे उक्त शासकीय खसरा में अवैध कब्जा पाया गया, जिस पर तहसीलदार ने दिनांक 05/12/2022 को बेदखली का आदेश जारी किया “राजस्व प्रकरण क्रमांक 0007468/2022-23 (मध्यप्रदेश शासन जरिए पटवारी हलका बेम्हीरी बनाम अनिल कुमार द्विवेदी पिता स्व. गणेश प्रसाद द्विवेदी)” जिसमें ₹5000 का अर्थदण्ड लगाते हुए एक सप्ताह में अवैध कब्जा हटाने के आदेश दिए गए, आदेश जारी होने के एक वर्ष से ज्यादा का समय बीत जाने के बाद भी आज दिनांक तक नहीं किया गया। बल्कि दिनों-दिन अवैध कब्जा बढ़ाया जा रहा है, कथित तौर पर आरोपी द्वारा यह भी कहा जा रहा है कि मेरा साला और भतीजा, बड़े पद पर है, सब सम्हाल लेगा, जिले के राजस्व अधिकारी और विभाग, उसके जेब मे हैं! ऐसे बेदखली के आदेश बहुत आते रहते हैं कोई फर्क नहीं पड़ता! आरोपी की यह डींग सही भी हो सकती है क्योंकि राजस्व सेवा अभियान, ग्रामीण सेवा अभियान जैसे कई नवाचार प्रशासन ने कर के देख लिए इसके बाद भी उक्त बुढ़ार तहसीलदार ने बेम्हौरी हलका क्षेत्र में एक भी शासकीय जमीन में अवैध कब्जा हटाना तो दूर चिन्हित भी नहीं कर पाया है, जबकी दस्तावेजों में सैकड़ों शासकीय जमीनें गरफंदिया मे हैं, लेकिन भौतिक तौर पर गायब हैं।

शासकीय निर्माण कार्यों मे अड़ंगा भी लग रहा

सनद रहे कि गरफंदिया में शासकीय जमीनों मे अवैध कब्जा अधिकांशतः उन लोगों का है जिनके पास पर्याप्त निजी जमीने हैं। ग्राम पंचायत क्षेत्र मे आवादी के आसपास की शासकीय जमीनें जो सामुदायिक भवन, पुस्तकालय, आंगनबाड़ी भवन, संस्कृतिक मंच, सार्वजनिक शौचालय, जिम, खेल का मैदान या मंदिर आदि के उपयोग में आनी चाहिए या आ सकती हैं उनमें पहले से ही अवैध कब्जा है।

सभी शासकीय जमीनों का हो सीमांकन

यदि बुढ़ार तहसील अंतर्गत बेम्हौरी-गरफंदिया क्षेत्र की शासकीय जमीनों को अवैध कब्जों से मुक्ति दिलाने की कार्रवाई में ग्राम स्तर पर भी तेजी लाते हुए एक बड़ी कार्रवाई को भौतिक रूप से जल्द से जल्द अंजाम दें बेम्हौरी हल्का की सभी शासकीय जमीनों का सीमांकन आदि भी पूर्ण कराएं, और यह सुनिश्चित किया जाए कि उन सभी शासकीय जमीनों में दोबारा कब्जा न हो क्यों कि गांव में आवादी के बीच शासकीय जमीन न होने से गांव में सार्वजनिक विकास कार्य रुक जाते हैं या सिकुड़ जाते हैं जिससे आम ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

इनका कहना है

मै नायव तहसीलदार को मौका और दस्तावेज निरीक्षण के लिए पुनः आदेशित करते हुए, आरोपी जनों को अंतिम आदेश देने के लिए कहती हुं।

भावना डहरिया
(तहसीलदार बुढ़ार)

Divya Kirti
Author: Divya Kirti

ये भी पढ़ें...

error: Content is protected !!