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बाबा महाकाल मिनरल्स की डमरू पर थिरकते जिले के जिम्मेदार, आदर्श आचार संहिता को मुँह चिढ़ाता रेत का कारोबार

 

 

 

शरद की छाया से नदियों और कम्पनी के कार्य पर लग रहा ग्रहण

खनिज की खुमारी अभी भी बरकरार

आदर्श आचार संहिता में फ्लाइंग स्काट में कितनो के नब्ज टटोले पुलिस कप्तान

महीने भर की कम्पनी की साख पर बट्टा लगा रहे शरद

कभी बाबा महाकाल तो कभी अमन सेठी के हिमायती
सम्पादक की कलम से
भोपाल /उमरिया
राजधानी से लेकर होशंगाबाद नर्मदापुरम- कटनी-अनूपपुर और उमरिया से रेत कारोबार शुरू करने वाले कथित रेत कम्पनी के बैनर तले शरद नाम का शख्स किसी फिल्म की तर्ज पर यहाँ भी अपना अभिनय बरकरार रखा है। कहीं की रेत कहीं की टीपी का मैनेजमेंट करने वाले कथित कम्पनी का शागिर्द शरद नाम का यह शख्स कहीं कम्पनी की साख पर ग्रहण न लगा दे। जनचर्चा है कि यह शरद खुद को टीवी एक्टर कभी पत्रकार बताता है पर सवाल यह है कि कथित टीवी एक्टर बनाम पत्रकार रेत के इस धंधे में आखिर अपना अभिनय क्यों कर रहा है

कभी अमन सेठी तो बाबा महाकाल की कमान सम्हाल रहा शरद..

जिले मे रेत खदानों की नीलामी पूर्व मे हुई थी इनमे से कुछ तो संचालित होकर आधे रास्ते पर ही दम तोड़ दिए ज्ञात हो पूरे सम्भाग में रेत अत्यधिक मंहगी होने के कारण ठेकेदार और खनिज विभाग मिल कर दूसरा खेल खेले और उस टेंडर को समाप्त कर दूसरी टेंडर प्रक्रिया की गई। जिसमें कई लोग मिल कर सस्ते दर पर रेत खदान ले लिए। इसके साथ ही अवैध रेत खनन का काला करोबार शुरू कर दिया। जानकार बताते हैं 3,4 महीने में ही अनूपुपुर में रेत खदान सरेंडर करने वाले अमन सेठी नामक ग्रुप का भी यही हाल रहा वहाँ भी शरद की पूर्णिमा बिखर न पाई और कुछ ही महीने में खदान संचालक को हानि के साँथ खदान छोड़ना पड़ा।
सूत्र बताते हैं कि उमरिया में भी अभी कुछ खदानों की लीगल परमिशन नहीं मिली है। कुछ खदानों की ही ट्रांजिट पास जारी हुई है जिसमें लीज होल्डर बाबा महाकाल मिनरल्स प्राइवेट लिमिटेड चैन सिंह शेखावत और राकेश गौतम हैं रेत खदान करकटी जो कि जनपद पंचायत पाली क्षेत्र में आता है। हालांकि वहां की ईटीपी काटकर मानपुर जनपद पंचायत क्षेत्र अंतर्गत आने वाली रेत खदान सलैया से अवैध उत्तखनन किया जा रहा है।

खनिज में फरहत, पार की है सारे हद…

उमरिया खनिज अधिकारी फरहत जहाँ का सफर अनूपपुर से शुरू होकर शहडोल और अब उमरिया में कट रहा है खनिज अधिकारी का ट्रैक रिकार्ड अनूपपुर के कुछ व्यवसायी और शहडोल के जयचन्दों ने बताया कि किस हद तक फरहत का रौब उन पर था बगैर मैनेजमेंट के सारे काम खनिज अधिकारी की नजर में फेल नजर आते थे।

आचार संहिता में कप्तान ने कितनो के नब्ज टटोले

ज्ञात हो रेत खदान धारकों के साँथ दर्जन से ऊपर फ्लाईंग स्काट के रूप में कार्य करने वाले स्टाफ काम करते हैं जिनका रिकार्ड नजदीकी थाने में खंगाले गए या नही यह भी एक विचारणीय प्रश्न है। पूरे प्रदेश में आचार संहिता लग चुका है ऐसे में आम व्यक्ति भी शासन-प्रशासन की नजर में होता है यही नही हर एक एक्टिविटी पर प्रशासन की पैनी नजर होती है किंतु आपराधिक और गुंडागर्दी का तमगा लेकर रेत खदानों में फ्लाइंग स्काट की चाकरी करने वालों के खिलाफ उमरिया कप्तान ने किसके- किसके नब्ज टटोले यह बड़ा सवाल है।
इनका कहना है..

(मैं अभी आया हूँ मुझे ज्यादा जानकारी नही है आप खनिज से बात लर लीजिए वही अनुबंध करते हैं,कमलेश नीरज एसडीएम मानपुर)

किन-किन खदानो की रजिस्ट्री हुई है मैं अभी आपको कन्फर्म नहीं कर सकता हम माइनिंग कारपोरेशन से नीचे हैं आप उनसे बात कर लीजिए,दिवाकर चतुर्वेदी खनिज निरीक्षक)

(फोन लगाने पर फोन नही उठा, फरहत जहाँ खनिज अधिकारी)

(फोन लगाने पर नही उठा,शरद सिंह मीडिया प्रबंधक)

Divya Kirti
Author: Divya Kirti

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