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भैया कोई तो बताओ कि कौन है वह कर्मचारी जो जिलाध्यक्ष को नही जानता…

 

 

जिलाध्यक्ष हो तो क्या कहीं के राष्ट्रपति हो
शहडोल।।

देश की सबसे बड़ी पार्टी कही जाने वाली भाजपा की तानाशाही और उनके कार्यकर्ताओं के रौब के बारे में लिखा जाए तो शायद शब्द कम पड़ जाएँगे। हर कार्यकर्ता पदाधिकारी का सीधे सम्पर्क और संवाद मोदी जी से ही होने लगता है ऐसे में कई छोटे कर्मचारी से लेकर बड़े अफसर तक आहत होते हैं पर क्या करें नौकरशाही ने पैरों में बेडियां जो बांध रखी है। बीते दिनों शाम को हमारे वाट्सअप नम्बर पर अलग-अलग नम्बरों से एक ऑडियो आया। आडियो के नीचे लिखा था कि हमारा नाम नही आना चाहिए बात भी सही है कि आखिर संगठन की किरकिरी में भला भाई साहेब सार्वजनिक रूप से कैसे आ सकते हैं।
जब हमने आडियो को सुनना शुरू किया तो पहले कुछ मिनटों के लिए भैया हम तो भौचक्के हो गए कि भला ये कौन से विभाग का कर्मचारी है जो दादा को चमका दिया जबकि दादा बार-बार बोल रहे हैं कि मैं भाजपा जिलाध्यक्ष बोल रहा हूँ। यही नही उसने तो दादा को कानून भी बताया की गाड़ी में भरा भूँसा ओवर हाइटेड और ओवर साइजेस है फिर भी दादा किसानों की दुहाई देते हुए कर्मचारी को फटकारने लगे भैया परिवहन कर्मचारी के रूप में बात करने वाले इस कर्मचारी ने जिलाध्यक्ष की एक न सुनी और बोला कि जिलाध्यक्ष हो तो कहीं के राष्ट्रपति हो दादा ने कलेक्टर को भी लाइन में लेने की बात कही पर पता नही कि उस कर्मचारी के ऊपर किस बड़े पदाधिकारी का हाँथ है उसने दादा की एक न सुनी और कहा आ जाओ और देख लो कि गाड़ी की क्या स्थिति है मैं तुह्मारी हेकड़ी निकाल दूँगा। हमने अपना फोन घुमाया और सभी विभाग के सभी कर्मचारियों से बात करना चाहा परन्तु किसी का प्रतिउत्तर नही मिला इस आडियो की पुष्टि के लिए हमने जिलाध्यक्ष को भी फोन लगाया पर जिलाध्यक्ष जी का फोन नही लगा । खैर इतनी बहस होने के बाद दादा अपने मुह से कैसे कहते कि इस ऑडियो में मैं ही हूँ, भले जिलाध्यक्ष ही सही पर मर्यादा से परे बातें तो दोनों तरफ से गो रही थी।
कल से आजतक हम सोंच-सोंच कर परेशान हैं कि आखिर दादा को नींद कैसे आई होगी,हम स्वयं अपने बाल नोच रहे हैं कि वह साहसी कर्मचारी कौन है जो भाजपमय देश मे भाजपा जिलाध्यक्ष को नही जानता
आपको पता चले तो फोन में ही सही पर हमें बताईएगा जरूर….

नोट… हम आडियो की पुष्टि नही करते कहें गए कथनों के आधार पर यह आम जनता का विचार ….

Divya Kirti
Author: Divya Kirti

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