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“खबर का असर” शिक्षा माफियाओं पर कलेक्टर का मास्टर स्ट्रोक

 

 

निजी विद्यालयों की मनमानी,बैग,पुस्तक,ड्रेस,फीस और वहाँ की अन्य शैक्षणिक गतिविधियों को लेकर बीते दिनों हमने(दिव्यकीर्ति समाचार) एक खबर प्रकाशित किया था जिस पर जिला कलेक्टर व उच्च शिक्षा विभाग एक्शन लेते हुए तमाम निजी विद्यालयों की बैठक बुलाई है साँथ में स्कूल में अध्ययन हेतु छात्रों के लगने वाले पुस्तकों सम्बन्धी जानकारी पर कलेक्टर ने एडवाइजरी जारी किया है।

 

अशासकीय विद्यालयों के संस्था प्रमुखों को कारण बताओं नोटिस जारी
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विनय मिश्रा…
शहडोल –

कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी तरूण भटनागर ने अशासकीय विद्यालय सेंट्रल एकेडमी स्कूल शहडोल, अशासकीय टाइम पब्लिक स्कूल शहडोल, अशासकीय ज्ञानोदय अंग्रेजी माध्यम स्कूल शहडोल, अशासकीय ईएलसी स्कूल शहडोल, अशासकीय रेनाउन पब्लिक स्कूल शहडोल के संस्था प्रमुखों को कारण बताओं नोटिस जारी किया हैं। कारण बताओ नोटिस में कहा गया है कि जिला स्तरीय गठित समिति द्वारा विद्यालय का भ्रमण कर शिक्षकों एवं विद्यालय संचालक से चर्चा किया गया। विद्यालय में शैक्षणिक सामग्री संबंधी दस्तावेजों की जाँच भी किया गया । उक्त विद्यालयों में लगने वाली पाठ्य पुस्तकें, यूनीफार्म एवं अन्य शैक्षणिक सामग्री मिलने वाली दुकानों पर भी भ्रमण कर जानकारी प्राप्त की गई ।
जिसमें पाया गया कि विद्यालयों एम०पी०बोर्ड पैटर्न पर नर्सरी से कक्षा 12 वीं तक संचालित है। विद्यालय में नर्सरी से कक्षा 4 तक अशासकीय प्रकाशन की पुस्तकें चलाई जाती हैं। स्कूल शिक्षा विभाग मंत्रालय वल्लभ भवन की अधिसूचना क्रमांक 474 भोपाल दिनांक 04/12/20 में जारी म.प्र. निजी विद्यालय (फीस तथा संबंधित विषयों का विनियमन) अधिनियम 2020 के नियम 6 (1) में उपबंधित है कि निजी विद्यालय प्रबंधन द्वारा, विद्यालय प्रवेश प्रारंभ की तिथि एवं प्रकिया, विद्यालय में उपयोग में लायी जाने वाली पाठ्यपुस्तकें, स्टेशनरी, पठन सामग्री, बैग, यूनिफॉर्म, स्पोर्ट्स किट, ट्रांसपोर्ट सुविधा, फीस अथवा परोक्ष या अपरोक्ष रूप से संग्रहित की जाने वाली धनराशि का विवरण विद्यालय के नोटिस बोर्ड तथा आधिकारिक वेबसाइट पर प्रदर्शित की जाएगी। निजी विद्यालय, विद्यालय की विवरण पुस्तिका एवं आवेदन पत्र प्राप्त करने के संबंध में आवश्यक जानकारी विद्यालय के सूचना पटल एवं आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध करायेगा। इस हेतु यदि अभिभावकों द्वारा कोई भुगतान किया जाना अपेक्षित है तो स्पष्टतः उल्लेख करेगा, निजी विद्यालय प्रबंधन द्वारा पाठ्यपुस्तकों का निर्धारण ऐसे संबद्धता बोर्ड अथवा परीक्षा निकाय के विनियमों के अनुसार विनिश्चित किया जाएगा, जिससे कि वह संबद्ध है । अशासकीय शिक्षण संस्था अपने विवेकानुसार एन.सी.आर.टी, मध्यप्रदेश पाठ्य पुस्तक निगम, निजी प्रकाशकों द्वारा प्रकाशित पाठ्य पुस्तकों में से विद्यार्थियों के शिक्षण के लिये पुस्तकों का चयन कर सकेगी। संस्थाओं के लिये अनिवार्य होगा कि वे शिक्षण सत्र प्रारंभ हाने के कम से कम एक माह पूर्व पुस्तकों की सूची, लेखक एवं प्रकाशक के नाम तथा मूल्य के साथ, अपने विद्यालय के सूचना पटल एवं अपनी वेबसाईट पर प्रदर्शित करें और शाला के विद्यार्थियों, अभिभावकों द्वारा मांगने पर उन्हें उपलब्ध करायें, ताकि विद्यार्थी एवं उनके अभिभावकगण इन पुस्तकों को उनकी सुविधा से खुले बाजार से क्रय कर सकें । प्राप्त जांच रिपोर्ट तथा दस्तावेजों से स्पष्ट है कि उप वर्णित इन नियमों तथा निर्देशों का पालन आपकी शैक्षणिक संस्था द्वारा नहीं किया गया है । आपका यह कृत्य उक्त निर्देशों एवं मान्यता शर्तों के उल्लंघन की श्रेणी में आता है । उक्त के संबंध में स्पष्टीकरण मय अभिलेख 07 दिवस के अन्दर जिला सचिव, जिला शिक्षा अधिकारी शहडोल के माध्यम से अधोहस्ताक्षरी को प्रस्तुत करना सुनिश्चित करें। समय-सीमा में स्पष्टीकरण प्रस्तुत न करने अथवा स्पष्टीकरण समाधान कारक न होने पर विधिमान्य कार्यवाही की जावेगी।

Divya Kirti
Author: Divya Kirti

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