दिव्यकीर्ति सम्पादक-दीपक पाण्डेय, समाचार सम्पादक-विनय मिश्रा, मप्र के सभी जिलों में सम्वाददाता की आवश्यकता है। हमसे जुडने के लिए सम्पर्क करें….. नम्बर-7000181525,7000189640 या लाग इन करें www.divyakirti.com ,
Search
Close this search box.

थोक भर से ऊपर मैरिज गार्डन अवैध

 

नगरपालिका, नगरपंचायत के दर्जनों नियम सड़क पर
अलग-अलग विभागों की तय है जिम्मेदारी
शहडोल…
विनय मिश्रा…

बढ़ती गर्मी और शादी के बीच अवैध मैरिज गार्डन का धंधा संचालको के लिए मन चाहा पैसा कमाने का एक अच्छा व्यवसाय बना हुआ है। बेटी की शादी में विघ्न न पैदा करने के फेर में संचालको का गर्मी पैसे के शीतलन में गुजर रही है।
जिले के इर्दगिर्द अवैध मैरिज गार्डन धड़ल्ले से सचालित हैं इन पर न ही नगरपालिका का ध्यान जाता न ही नगर पंचायत कईयों ने तो नगरपालिका और नगर पंचायत से बचने कब लिए और आपत्ति अनापत्ति के डर से ग्राम पंचायतों में विवाह कराने का यह धंधा चला रहे हैं।
जिले में शादी व अन्य समारोह के लिए बनाएं गए दर्जन से ऊपर मैरिज गार्डन पूरी तरह से अवैध है। शासन प्रशासन के निर्देशों को ताक पर रखते हुए मैरिज गार्डन का संचालन हो रहा है। शादियों का मौसम जारी है। मैरिज गार्डन के सामने वाहनों की लंबी कतार के चलते जाम की स्थिति बन जाती है आवागमन करने वालो की खासा फजीहत होता है इस विषय सम्बंधित विभाग ने अब तक कोई ठोस कदम नही उठाया है।
मैरिज गार्डन के लिए मापदण्ड….
●मैरिज गार्डन संचालन के लिए नगर निगम या नगर पंचायत,ग्राम पंचायत से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना अनिवार्य है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अनापत्ति प्रमाण पत्र के लिए संचालकों को खास निर्देश दिए गए है। एकाध को छोड़ दिया जाए तो मैरिज गार्डन सभी नियमों का पालन नहीं कर रहे है। किसी भी स्थिति से निपटने के लिए फायर सिस्टम का होना जरूरी है किन्तु फायर सिस्टम गार्डनों में नही रहता।
●मैरिज गार्डन में डीजे से 80 डेसिबल तक शोर होता है, जो सीधे ध्वनि प्रदूषण करता है। जबकि सामान्य अवस्था के हिसाब से एक शरीर दिन के समय अधिकतम 55 डेसिबल और रात के समय अधिकतम 45 डेसिबल तक ही ध्वनि बर्दाश्त कर सकता है। इससे ज्यादा होने पर दुष्प्रभाव सामने आते हैं। इससे बहरापन, मानसिक उत्तेजना, चिड़चिड़ापन और दिमागी असंतुलन हो सकता है।

●हर पांच वर्ष में लाइसेंस रिन्यूअल कराना
● आतिशबाजी के लिए निर्धारित स्थान
●समारोह के बाद कचरा फेंकने की जिम्मेदारी संचालक की
●मैरिज गार्डन में पार्किंग व्यवस्था
●मैरिज गार्डन में वृक्षारोपण, पार्क और खुली भूमि होना
●बिजली कनेक्शन, पानी और जनरेटर की व्यवस्था
●सीवेज निकासी के लिए पर्याप्त व्यवस्था जरूरी
●विवाह स्थल के सामने सड़क की चौड़ाई 40 फीट हो
● आने-जाने के लिए गार्डन में अलग-अलग रास्ते हो
●भवन नियमों के अनुसार ही अग्निशमन यंत्र हों
●महिला एवं पुरुषों के लिए पर्याप्त प्रसाधन कक्ष
●कॉलोनियों एवं पार्क की अन्य उपयोग के लिए आरक्षित खाली जमीन पर विवाह समारोह नहीं हो सकते।
● बारात के लिए अनुमति लेने और सड़कों को जाम से बचाने का जिम्मा भी गार्डन संचालक का है।
●मैरिज गार्डन के लिए स्वीकृत जगह का अन्य उपयोग नहीं किया जा सकता है।
मप्र भूमि विकास नियम 2012 के मापदंड के अनुसार मैरिज गार्डन के लिए न्यूनतम भूमि एक हैक्टेयर होना अनिवार्य है किन्तु दुकान रूपी होटल और कमरों में चंद स्क्वेयर फिट के प्लाट में इसका प्रारूप गढ़कर अच्छा खासा सरकार के राजस्व को चूना लगाया जा रहा है।

Divya Kirti
Author: Divya Kirti

ये भी पढ़ें...

error: Content is protected !!