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रसूख के आगे दब गया न्याय,नेतागिरी के भय से छात्रा ने त्याग दिया पढ़ाई

 

शहडोल।।

कांग्रेस आज दशकों से बैकफुट पर है बामुश्किल मिली जुली सरकार केंद्र में कांग्रेस बहुमत से पिछड़ गई किन्तु मप्र में सूफड़ा साफ हो गया।
शहडोल जिले में कांग्रेस की स्थिति ऐसी है मानो नाम के ही नेता हैं जिनका अपना कोई वर्चस्व नही है। जनपद में कांग्रेस बनाम भाजपा के नेता बनकर चुनाव लड़ने वाले कांग्रेसी नेता विक्रम को एक युवती का ऐसा लत लगा कि उसने अपनी उम्र से आधी युवती को प्रेम का इजहार कर दिया आलम यह रहा है कि युवती के मना कर देने पर भी विक्रम युवती को परेशान करता रहा और अपने रौब को कायम रखा यही नही युवती इस प्रसंग से तंग आकर कानून का सहारा ले डाली किन्तु कानून भी नेताओ और राजनैतिक व्यक्तियों के शरणागत है और विक्रम जैसे लोग अपने नेतागिरी को ढाल बनाकर हरिजन युवती को अपने पैरों तले रखने का माद्दा रखते हैं।प्रमाण के तौर पर युवती ने काल रिकार्डिंग तक को साक्ष्य रखा किन्तु विक्रम जैसे नेताओं के गिरेबान आज भी पुलिस हाँथ डालने पर कतराती है।

यह लिखा फरियादिया ने…

फरियादिया पिता मनोज चौधरी उम्र 17 वर्ष निवासी पचगाँव थाना गोहार जिला शहडोल (म.प्र.) हमराह मम्मी तारा चौधरी, पिता मनोज चौधरी, चाचा रामावतार बौधरी, चाची ममता बौधरी के साथ महिला थाना आकर एक हस्तलिखित आवेदन पत्र पेश करी कि गांव का जनपद सदस्य विक्रम सिंह मेरे साथ छेड़छाड़ किया है, फरियादिया के आवेदन पत्र के अवलोकन पर आरोपी विक्रम सिंह पिता वीरेन्द्र प्रताप सिंह निवासी- ग्राम पंचगाँव तहसील सोहागपुर जिला शहडोल (म.प्र.) के विरुध्द अपराध धारा 354 (ए),354 (डी) भा‌वि 7/8 पक्सो एक्ट 3(1)(w) (ii), 3(2) (va) Sc/st Act का कायम कर विवेचना में लिया गया।

आवेदन पत्र नकल अक्षरशः जैल है। सेवा में, श्रीमान थाना प्रभारी महोदय महिला थाना जिला शहडोल (म. प्र.) विषः- विक्रम सिंह पिता वीरेन्द्र प्रताप सिंह निवासी ग्राम पंचगाँव तहसील सोहागपुर जिला शहडोल (म. प्र.) द्वारा छेड़छाण करने के सबंध में आवेदन पत्र। महोदय, विनय है कि प्रार्थिया युवती पिता मनोज चौधरी उम्र 17 वर्ष निवासी पंचगाँव जिला शहडोल की निवासी हूँ तथा मैं बीए प्रथम वर्ष की अध्ययनत छात्रा हूं दिनांक 24 मई 2024 को सुबह 11 बजे के लगभगत समय आई.डी. के. वीर्ड सी. के समध में कार्यालय ग्राम पंचायत पंचगाँव में विक्रम सिंह पिता वीरेन्द प्रताप सिंह (जनपद सदस्य) के बुलाने पर गई थी। कार्यालय में केवल विक्रम सिंह अकेले बैठे थे वहां अन्य कर्मचारी नहीं ये मैंने विक्रम सिंह से कहा की समय केवाईसी ठीक कराना है आप सचित को बोल कर करवाना दीजिये विक्रम सिंह ने कहा ठीक है बैठो आता ही होगा मैं वहीं बैठ गयी कुछ देर बाद विक्रम सिंह बोले की अंदर चाली एक जरुरी बात बालाना है मैं उनकी बात पर विश्वास कर अंदर कमरे में चली गयी इसके बाद वह मेरे से कमरे में कुछ बातचीत की बात करते हुये विक्रम सिंह मेरे कंधे में हाथ रख दिए इसके बाद वह मेरे हाथ सहलाने लगा मैं उनकी हरकत से डर गयी तथा मैं विरोध करते हुये बोली कि दादा आप ये क्या कर रहे हो यह तो गलत है उसने कहा की तुम चुप रहो कुछ नहीं होगा किसी को पाता नही चलेगा उसके खराब इरादे को मैं भाप चुकी थी और वहा से हाथ छुड़ाकर भागते भागते अपने घर आ गयी। पुनः दिनांक 28.05.2024 को रात्रि 9 बजे विक्रम सिंह का मो.न. 98236657187 से मेरे मो. 6266979800 में आया मैं फोन आन कर बात की उसने शुरु शुरु में बड़ी बात कर रहा था मेरी तरीफ कर रहा था कुछ देर बात बोला की मैं तुम्हे पसंद करता हू तुम अच्छी हो मैं किसी से आजतक बात नहीं किया हूँ लेकिन तुमसे बात करना चहता हैं बाद में मोबाइल में बोला आईलव यू फिर अकेले में मिलने को कहा मैं मैं इसका विरोध की अंत में मैं बोली कि आज के बाद तुम मुझे फोन नहीं करना तुम मेरा फोन नंबर कहां से पाये हो अगर दोबारा मुझे फोन किया तो ठीक नहीं होगा। इसके बाद विक्रम सिंह टो तीन बार कलेज जाते समय रास्ते में फिर बदतमीजो जैसे बात की कहा कि तुम्हे जितना पैसा चाहिये लेलो जमीन लेलो माला माल कर दूंगा दूंगा बस मुझे खुश कर दो मैं वही विरोध जातायी उसने कहा कि यदि तुम मेरी बात नहीं मनोगी तो मैं कुछ भी कर सकता हूँ मैं इस डर से कलेज भी नहीं जा पाति पढ़ाई का भी नुकसान हो रहा है ऐसी दशा में पुलिस को शिकायत करना मेरी मजबुरी बन गयी क्योकि यह व्यक्ति भविष्य में किसी गंभीर वारदात को अंजाम दे सकता है अपनी और अपने परिवार की मान मर्यादा को ध्यान में रखकर विलंब से शिकायत की हूँ अतः इन पर कार्यवाही कर मुझे न्याय दें।

Divya Kirti
Author: Divya Kirti

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