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कोलकाता रेप केस के बाद सड़क पर उतरे लोग,प्रजातन्त्र की आवाज”हैंग टिल डेथ”

 

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फिर हुई दिल्ली जैसी घटना

दिल्ली में हुए 12 वर्ष बाद रेप काण्ड की पुनरावृत्ति कोलकाता में…

पूरा देश माँगे फाँसी, टू बी हैंग टिल डेथ….???

बुढ़ार नगर व जिले में आक्रोश का माहौल

शहडोल।।   

विनय मिश्रा की रिपोर्ट….

भारतवर्ष में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर समय-समय मे अलग-अलग कानूनों का निर्धारण किया गया है उन नियमों का पालन कराने के लिए सरकार प्रतिबद्ध भी है किंतु महिलाओं के प्रति हिंसात्मक रवैया,यौन उत्पीड़न व उनका दैहिक शोषण पूर्णतः निषेध नही हो पाया है कोलकाता जैसे केस को देखकर अब आवश्यक हो गया है कि सरकार को नारी सम्मान व उनकी सुरक्षा को लेकर कोई ऐसा ठोस कदम उठाना चाहिए जिससे बलात्कार ,नृशंस हत्या जैसे जघन्य अपराधों पर पूर्ण विराम लगाया जा सके।
6 दिसम्बर 2012 दिल्ली में हुए निर्भया कांड में पूरे देश की जनता सड़क पर आकर आरोपियों के लिए न्याय व्यवस्था का खाका एकित्रत की ठीक 12 वर्ष बाद कोलकाता में हुए रेप व हत्या ने मानवता को झकझोर दिया है और प्रजातन्त्र की भीड़ ने मुजरिम के लिए कोर्ट से पहले ही फाँसी की सजा इख्तियार कर दी है अब देखना यह होगा कि कोर्ट,सरकार और सीबीआई इस पूरे मसले पर क्या फैसला करती है।

भारत मे चौथा सबसे आम अपराध रेप…

भारत में महिलाओं के खिलाफ बलात्कार चौथा सबसे आम अपराध है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की 2021 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, देश भर में 31,677 बलात्कार के मामले दर्ज किए गए, या औसतन 86 से 87 मामले प्रतिदिन पूरे भारत मे कहीं न कहीं रेप होते हैं एनसीआरबी रिपोर्ट की मानें तो 2020 में 28,046 मामलों की वृद्धि हुई, जबकि 2019 में 32,033 मामले दर्ज किए गए थे।

दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित अखबार और वेबसाइट बीबीसी ने अपने एक लेख में बताया है कि
भारत में एक दिन में औसतन 87 रेप की घटना होती हैं इसमें देश की राजधानी दिल्ली में एक दिन में 5.6 रेप के मामले सामने आते हैं जबकि NCRB के ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक़, पिछले सालों के मुकाबले रेप के मामलों में 13.23 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। देश के इन राज्यों में सबसे ज्यादा रेप से जुड़े मामले आते हैं
राजस्थान (6342), मध्यप्रदेश(2947), उत्तरप्रदेश (2845) के बाद दिल्ली(1252)

यह लिखा ज्ञापन में….

उपरोक्त विषयानुसार ज्ञात है कि स्वतंत्रता के 78 वर्षों बाद भी आज स्वतंत्र देश में महिला सुरक्षित नहीं है, आये दिन महिला के साथ, मासूम बच्चियों के साथ, युवतियों के साथ छेड़छाड़ और दुष्कर्म जैसे अपराध हो रहे हैं जिससे आज महिला स्वयं को सुरक्षित महसूस नहीं कर पा रही है और जैसा नारी के लिए शास्त्रों में वर्णित है :

यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः”

हमारी पुरानी गर्न्थो और संस्कृत के श्लोकों में लिखा है कि जहाँ नारी की पूजा होती है वहाँ देवताओं का वास होता है किंतु ऐसे मिथक अब किताबों और गर्न्थो तक उपदेश मात्र के लिए रह गए हैं और कलयुगी राक्षस महिलाओं को सरेराह नोच रहे हैं जिससे सम्पूर्ण समाज स्तब्ध है।
विगत दिवस 9 अगस्त को कोलकाता में हुए आर जी कर मेडिकल कालेज में प्रशिक्ष डॉक्टर के साथ जघन्य बलात्कार और हैवानियत, हत्या को लेकर पूरा समाज आक्रोशित है यह केवल 9 अगस्त की घटना नही है ऐसी घटनाएं रोज प्रतिदिन हो रही हैं हाल ही में महाराष्ट्र में 4 साल की बच्चियों के साथ भी दुष्कर्म की घटना हुई है। ज्ञापन के माध्यम से देश के विभिन्न राज्यो हो रहे बलात्कार जैसे घिनौने कृत्य भी समाहित हैं।

दोषियों को मिले फाँसी..

वैसे हमारे संविधान में फाँसी जैसे सजा का प्रावधान न के बराबर है अर्थात यहाँ कोर्ट की दलीलों और पेचीदियों के कारण बलात्कार के कई ऐसे आरोपी हैं जो लचीले कानून व्यवस्था के कारण ऐसे वारदात शहर समाज के गली-नुक्कड़ में दोहराते रहते हैं।
कोलकाता में डॉक्टर के साथ हुए बलात्कार और अन्य जिलों, राज्यो मे हुए दुष्कर्म में दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए, दोषियों को फांसी की सजा दी जाए, इस हेतु हम नगरवासी और सम्पूर्ण समाज मूक प्रदर्शन के माध्यम से माननीय राष्ट्रपति महोदय तथा माननीय प्रधानमंत्री महोदय को ज्ञापन सौंप रहे हैं।

ज्ञापन में यह रखा माँग :-

1. महिलाओं के खिलाफ हिंसा अधिनियम (VAWA) घरेलू हिंसा, यौन उत्पीड़न, डेटिंग हिंसा और पीछा करने के लिए व्यापक, लागत प्रभावी प्रतिक्रियाओं पर त्वरित कार्यवाही हो।

2. राज्यों में भी विक्टिम कॉम्पेंसेशन स्कीम के तहत प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंसेस ऐक्ट (पोक्सो) को भी जोड़ा जाए तथा मुआवजा 1 करोड़ और शासकीय नौकरी दी जाए, जिससे पीड़ित महिला का जीवन यापन हो सके

3. उपरोक्त विषयानुसार महिलाओ की सुरक्षा के प्रति कठोर कानून बनें।

4. महिलाओ के साथ दुष्कर्म के मामलो में फास्ट ट्रैक कोर्ट के माध्यम से दोषियों के विरुद्ध त्वरित कार्यवाही की मांग।
अतः हम समस्त नगरवासी व जिलावासी कोलकाता में हुए ऐसे जघन्य अपराध के लिए दोषियों के खिलाफ फांसी जैसी सजा मुकर्रर की जाए कि माँग करते हैं।

Divya Kirti
Author: Divya Kirti

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