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पूजा खेड़कर की धोखाधड़ी के बाद यूपीएससी अब सख्त

 

नई दिल्ली।।

दुनिया की सबसे बड़ी परीक्षा यूपीएससी में भी अब धांधली के बू आने लगे हैं इस परीक्षा में बीते दिनों से सवाल उठने लगे हैं जहाँ निवास,जाति व अन्य तरह के दस्तावेजों के साँथ छेड़छाड़ करने का चलन भी बीते दिनों पूजा खेड़कर के मामले में देखने को मिला।
संघ लोक सेवा आयोग के पास ऐसे 30 से अधिक मामलों के शिकायतें मिली हैं जिनमें दावा किया गया है कि चयनित उम्मीदवारों ने अपने प्रमाण पत्र और अन्य विवरणों को गलत तरीके से प्रस्तुत किया है।
सरकार विकलांगता मानदंड और कोटे के दुरुपयोग को रोकने के तरीकों पर भी गहन विचार कर रही है। इस मुद्दे पर लगातार बैठकें हो रही हैं। यह भी पाया गया कि मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी में खेडकर के कई बैचमेट्स को उसके विकलांग कोटे के कथित दुरुपयोग के बारे में पता था, लेकिन उन्होंने इस बारे में जानकारी देना जरूरी नहीं समझा। जानकारी के अनुसार DoPT और LBSNAA दोनों ही ऐसे प्रोटोकॉल पर काम कर रहे हैं जो इस तरह की कमियों को दूर करेगा और समस्याओं पर लगाम लगाने पर विचार करेगा।
इस बीच, यूपीएससी ने नाम परिवर्तन जैसे धोखे को दोहराने से रोकने के लिए अपने सॉफ्टवेयर सुधार कर लिया है। इसका आवेदन-लिंक सॉफ्टवेयर अब यह पता लगा सकेगा कि क्या किसी उम्मीदवार का नाम और जन्म तिथि एक अटेंप्ट से दूसरे अटेंप्ट में बदल जाता है। हमारे सहयोगी ईटी को पता चला है कि आयोग ने एक समान ऑपरेटिंग मोड के माध्यम से उम्मीदवारों को अनुमत प्रयास सीमा का उल्लंघन करने से रोकने के लिए अपने कानून को भी सख्त कर दिया है। यह आकलन किया गया कि पिछले निर्देश स्पष्ट नहीं थे और वास्तव में कुछ राज्य-विशिष्ट मामलों में भी लागू नहीं थे। खेडकर मामले के बाद ये मुद्दे सामने आए।
पूजा खेडकर के मामले में, नाम चेंजिंग की विसंगति का पता नहीं चला, क्योंकि उसने न केवल अपना नाम बदला बल्कि यूपीएससी के अनुसार अपने माता-पिता का नाम भी बदल दिया। उसने 2020-21 तक पूजा दिलीप राव खेडकर के नाम से ओबीसी उम्मीदवार के रूप में नौ बार सिविल सेवा परीक्षा का प्रयास किया। एक ओबीसी उम्मीदवार के लिए अनुमति सभी प्रयासों के बाद भी परीक्षा उत्तीर्ण करने में विफल होने के बाद, उसने कथित तौर पर अपना नाम पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर बदल दिया।

Divya Kirti
Author: Divya Kirti

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