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क्या है मप्र के इस ज्योतिर्लिंग का रहस्य, कैसे ॐ के आकार पर्वत पर साक्षात भगवान शिव बसे हैं

 

 

वैसे तो देशभर में भगवान भोलेनाथ के 12 ज्योतिर्लिंग हैं जो भारत के अलग-अलग प्रान्तों समेत नेपाल जैसे देश मे है। ये सभी ज्योर्तिलिंग भक्तों की आस्था का केंद्र भी माने गए है। भगवान शिव के इन 12 ज्योतिर्लिंगों में दो ज्योतिर्लिंग हैं जो मध्यप्रदेश में हैं और इनमें से एक ज्योतिर्लिंग उज्जैन में है जो महाकाल के नाम से भी जाना जाता है और काफी प्रसिद्ध है।
इस ज्योतिर्लिंग की बात करें तो यह खंडवा में नर्मदा नदी के किनारे है। ये विश्व प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। इस मंदिर को ओंकारेश्वर मंदिर के नाम से जाना जाता है। मंदिर तक जाने के लिए वोट या झूला पुल के माध्यम से पहुँचा जाता है।

 

 

ओंकारेश्वर मंदिर मध्यप्रदेश के खंडवा में नर्मदा नदी के मध्य द्वीप पर स्थित है। वहीं दक्षिण तट पर ममलेश्वर मंदिर मौजूद है। ओंकारेश्वर में ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के साथ-साथ ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग भी है। जानकारी के मुताबिक भगवान शंकर के 12 ज्योतिर्लिंगों में चौथा ज्योतिर्लिंग ओंकारेश्वर है।

ऐसा माना जाता है कि इस शब्द का उच्चारण सबसे पहले भगवान ब्रह्मा के मुख से हुआ था।
ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव यहां मां पार्वती के साथ विराजमान हैं और रात्रि में यहां विश्राम करते हैं, साथ ही दोनों चौसर भी खेलते हैं। इसके लिए यहां मंदिर में चौसर-पासे, पालना और सेज भी सजाए जाते हैं। सावन के महीने में शिवरात्रि के दिन यहाँ भक्तों का भीड़ उमड़ा रहता है।
पांच मंजिला इस मंदिर में सबसे नीचे श्री ओंकारेश्वर देव, फिर श्री महाकलेश्वर, श्री सिद्धनाथ, श्री गुप्तेश्वर और अंत में ध्वजाधारी देवता विराजमान हैं।

भगवान शिव के इस नगरी और नर्मदा में तट पर पहाड़ो के आकार ॐ के आकार का दिखता है मंदिर का द्वीप
ओंकारेश्वर मंदिर नर्मदा नदी के बीच मन्धाता और शिवपुरी द्वीप पर स्थित है। माना ये भी जाता है कि ओंकारेश्वर में स्थापित लिंग एक प्राकृतिक शिवलिंग है, इसे किसी मनुष्य द्वारा तराशा या गढ़ा नहीं गया है। लोगों की मान्यता है कि आज से हजारों वर्ष पूर्व भगवान शिव के भक्त मान्धाता ने भगवान शिव को प्रसन्न किया था जिससे भगवान शिव ने उन्हें साक्षात दर्शन दिया था और वर में मान्धाता ने उन्हें यहीं विराजमान होने के लिए माँग किया था जिससे भगवान शिव वही विराजमान हो गए इस मंदिर के किनारे ही आदि गुरु शंकराचार्य की 108 फिट की मूर्ति स्थापित है गुरु शंकराचार्य भगवान शिव के बहुत बड़े उपासक थे।

Divya Kirti
Author: Divya Kirti

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