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आईजीएनटीयू : ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020, व्यावसायिक शिक्षा और कौशल प्रशिक्षण: विकसित भारत का रोडमैप’ विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन

अनूपपुर‌।।  इन्दिरा  गांधी  राष्ट्रीय  जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक मप्र. के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग और व्यवसायिक शिक्षा विभाग द्वारा 17 एवं 18 अक्टूबर को राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा नीति, व्यावसायिक शिक्षा और कौशल प्रशिक्षण:  विकसित भारत का रोडमैप पर राष्ट्रीय संगोष्ठी जेएमसी सभागार में संपन्न हुई। संगोष्ठी में 3 पैनल डिस्कशन और 7 तकनीकी सत्र आयोजित हुए जिसमें देश के विभिन्न हिस्सों से आए विशेषज्ञों ने अपने विचार प्रस्तुत किए. तकनीकी सत्रों में कुल 72 शोधपत्र प्रस्तुत किए गए. कुल चौदह राज्यों से आए विशेषज्ञों, शोधार्थियों, विद्यार्थियों ने विषय के विविध पक्षों पर आलोचनात्मक विमर्श प्रस्तुत किया. कार्यक्रम के अध्यक्ष प्रो बल्देव भाई शर्मा, कुलपति, कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर छ.ग., मुख्य अतिथि, प्रो. आलोक श्रोत्रिय, शिक्षा संकायाध्यक्ष, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक, कार्यक्रम के मुख्य वक्ता प्रो. राकेश गोस्वामी, पाठ्यक्रम समन्वयक, अंग्रेजी पत्रकारिता एवं परीक्षा नियंत्रक, आईआईएमसी (डीम्ड यूनिवर्सिटी), नई दिल्ली रहे।

अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कुलपति प्रो बल्देव भाई शर्मा ने कहा कि भारतीय शिक्षा पद्धति, भारतीय संस्कृति या मातृभाषा के प्रति सिर्फ कृतज्ञता व्यक्त करते रहने से कुछ नहीं होगा जब तक कि हम इन्हें अपने कार्य-व्यवहार का हिस्सा नहीं बनाते. प्रो आलोक श्रोत्रिय ने विषय की व्यापक मीमांसा प्रस्तुत करते हुए कहा कि आधुनिक समय की चुनौतियों और शिक्षा को व्यक्ति, समाज और देश के लिए उपयोगी बनाने की दृष्टि राष्ट्रीय शिक्षा नीति एक महत्त्वपूर्ण कदम है. उन्होंने आगे कहा कि विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में व्यावसायिक शिक्षा और कौशल प्रशिक्षण बड़ा योगदान देने जा रहे हैं. बीज़ व्याख्यान में प्रो राकेश गोस्वामी ने कहा कि कौशल प्रशिक्षण के माध्यम से ही इंडस्ट्री और अकादमिया के अन्तर को पाटा जा सकता है. प्रो गोस्वामी ने कहा कि आज व्यावसायिक शिक्षा और कौशल प्रशिक्षण अनिवार्य हो गए हैं जिसका रास्ता राष्ट्रीय शिक्षा नीति में स्पष्ट किया गया है. भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में यह नीति क्रांतिकारी भूमिका निभाने में सक्षम है. अपने उद्बोधन में सीयूएसबी गया के प्रो आतिश पाराशर ने कहा कि व्यावसायिक शिक्षा और कौशल प्रशिक्षण को हर पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाना होगा. विकसित भारत के स्वप्न को पूरा करने के लिए यह आवश्यक है. संगोष्ठी को दिल्ली से डॉ एसडी त्रिपाठी और पवन कोंडल, रायपुर से आए डॉ नरेंद्र त्रिपाठी और डॉ राजेंद्र मोहंती, बिलासपुर से आए धीरज शुक्ल, मृत्युंजय शंकर सिन्हा, आलोक पांड्या, रीवा से सूर्य प्रकाश आदि सहित अन्य विद्वानों ने संबोधित किया. गोष्ठी के संयोजक के रूप में पत्रकारिता एवं जनसंचार संकाय के संकाय प्रमुख एवं पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग एवं व्यावसायिक शिक्षा विभाग के हेड प्रो राघवेंद्र मिश्रा ने अतिथियों का स्वागत किया और संगोष्ठी का धन्यवाद ज्ञापन किया. विभिन्न सत्रों में संचालन शशांक द्विवेदी और दीपक त्रिपाठी, धन्यवाद प्रो मनीषा शर्मा, प्रमुख व्यावसायिक शिक्षा, और डॉ वसु चौधरी ने किया. कार्यक्रम में सुश्री अभिलाषा एलिस तिर्की, डॉ कमलेश पांडेय, आकाश द्विवेदी, विनोद वर्मा, डॉ दिनेश परस्ते, पंकज, आशीष गुप्ता, अनुराग सिंह सहित शोधार्थियों, विद्यार्थियों ने भी शिरकत की. इस अवसर पर नेट परीक्षा उत्तीर्ण कृष्ण कुमार शुक्ला और अंशुल अग्रवाल का विभागाध्यक्ष प्रो राघवेंद्र मिश्रा द्वारा सम्मान भी किया गया।

Divya Kirti
Author: Divya Kirti

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