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कैसे अपने आपको हिटलर ने मारी गोली,दुनिया का पहला डिक्टेटर

यौन सम्बन्धो की कल्पनाओं में डूबने वाला,दमनकारी नेता

दुनिया।।  विनय मिश्रा…

दुनिया का सबसे क्रूर शासक जिसने बचपन मे सपनों को पेंटिंग के जरिए संजोना सीखा था और एक दिन पूरे विश्व युद्ध का परिचायक बनेगा ऐसी कल्पना शायद किसी ने न की थी।
एडोल्फ हिटलर का जन्म 1889 ऊपरी ऑस्ट्रियाई सीमावर्ती शहर ब्रौनौ एम इन में हुआ था। 1898 में, हिटलर का परिवार ऊपरी ऑस्ट्रिया की राजधानी, लिंज़ में चला गया। दृश्य कला में करियर की तलाश में, हिटलर ने अपने पिता के साथ कड़ा संघर्ष किया, जो उन्हें हैब्सबर्ग सिविल सेवा में प्रवेश कराना चाहते थे। हिटलर के पिता कस्टम अधिकारी थे
हिटलर फरवरी 1908 और मई 1913 के बीच वियना में रहा, जब वह म्यूनिख के लिए निकला। वहाँ, उन्होंने प्रथम विश्व युद्ध के उनके जीवन को नई दिशा दिए जाने तक पानी वाले रंगों और स्केचेस को चित्रित करके खुद को आगे बढ़ाया और समर्थन किया। वह सेना में शामिल हो गया। युद्ध के दौरान, वह दो बार 1916 और 1918 में घायल हुए और उन्हें कई पदकों से सम्मानित किया गया था।

अक्टूबर 1918 में, बेल्जियम में यप्रेस के पास एक सरसों के गैस के हमले में आंशिक रूप से अंधे होने के बाद, हिटलर को पासवॉक के एक सैन्य अस्पताल में भेज दिया गया था। 11 नवंबर, 1918 को उनके पास युद्धविराम की खबर तब पहुंची जब वे स्वस्थ हो रहे थे। नवंबर 1918 में अस्पताल से छुट्टी मिलने पर हिटलर म्यूनिख लौट आए।
1919 में, वह बवेरियन सैन्य प्रशासन के सूचना कार्यालय में शामिल हुए। इस कार्यालय ने नागरिक वह बवेरियन सैन्य प्रशासन के सूचना कार्यालय में शामिल हुए। इस कार्यालय ने नागरिक राजनीतिक दलों पर खुफिया जानकारी एकत्र की और सैनिकों के लिए कम्युनिस्ट विरोधी “राजनीतिक शिक्षा” प्रदान की। अगस्त 1919 में, एक पाठ्यक्रम प्रशिक्षक के रूप में, हिटलर ने अपना पहला उग्र विरोधी सेमेटिक भाषण दिया। एक महीने बाद, उन्होंने जर्मनी से यहूदियों को हटाने की वकालत करते, पहली बार कागज पर एक यहूदी विरोधी, नस्लवादी विचारधारा व्यक्त की।

नाज़ीवाद का जन्म…

अक्टूबर 1919 में हिटलर नाज़ी पार्टी में शामिल हो गया। उन्होंने 1920 में पार्टी के राजनीतिक कार्यक्रम को तैयार करने में मदद की। कार्यक्रम नस्लवादी विरोधीवाद, विस्तारवादी राष्ट्रवाद और अप्रवासी विरोधी शत्रुता पर आधारित था। 1921 तक, वह नाज़ी पार्टी के पूर्ण नेता थे।
वेइमर चुनावों में राजनीतिक भागीदारी को रद्द करते हुए, हिटलर और नाज़ी पार्टी के नेतृत्व ने वेइमर गणराज्य के एक राज्य, बवेरिया की सरकार का तख्ता पलटने की मांग की। बीयर हॉल पुट्स 9 नवंबर, 1923 को हुआ। पुट्स के ध्वस्त हो जाने के बाद, म्यूनिख की एक अदालत ने उच्च राजद्रोह के आरोप में हिटलर और अन्य सरगनाओं पर मुकदमा चलाया। हिटलर ने मुकदमे का इस्तेमाल संसदीय लोकतंत्र की प्रणाली पर हमला करने और ज़ेनोफोबिक राष्ट्रवाद को बढ़ावा देने के लिए एक मंच के रूप में किया। हिटलर को दोषी पाया गया, लेकिन उसे कम सजा मिली और उसे केवल एक साल की हिरासत में रखने के बाद रिहा कर दिया गया था।
एडॉल्फ हिटलर और नाज़ियों का मानना ​​था कि दुनिया अलग-अलग जातियों में बंटी हुई है। नाज़ियों के अनुसार, प्रत्येक जाति के अपने लक्षण थे। नाज़ी दृष्टिकोण में ये विशेषताएँ एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को हस्तांतरित की गईं। माना जाता है कि एक जाति के सभी सदस्य समान विरासत में मिले लक्षण साझा करते हैं। इन लक्षणों ने फिर कदाचित जाति की उपस्थिति, बुद्धि, रचनात्मकता, और ताकत का निर्धारण किया।

यौन सम्बन्धो की कल्पनाओं में डूबे हिटलर के रहस्य…

एक इतिहासकार के मुताबिक, हिटलर के साथ संबंध रखने वाली कई महिलाओं के बारे में दिलचस्प बात यह है कि उन्होंने या तो आत्महत्या कर ली या फिर जान देने का प्रयास किया। जाहिर तौर पर हिटलर ने महिलाओं के साथ कुछ ऐसा खराब किया कि उन्होंने खुद को मारने की कोशिश की। एक्सपर्ट का मानना है कि महिलाओं के साथ हिटलर के विचित्र रिश्ते उसके जीवन की सबसे पहली महिला यानी उसकी मां से ही शुरू हुए।
महिलाओं के साँथ इतनी दुर्दान्तता के बाद भी हिटलर से ईवा ब्राउन नामक महिला ऐसा बेइंतहा प्यार किया कि उसके साँथ मरने को भी तैयार हो गई। ईवा हिटलर पर मोहित थी और जब हिटलर ने उसे नजरअंदाज किया तो वह अवसाद में आ गई और यहां तक कि दो बार उसने अपनी जान लेने की भी कोशिश की। इतिहासकार लिखते हैं कि ईवा हमेशा से हिटलर की पत्नी बनना चाहती थी। दूसरे विश्व युद्ध के आखिरी दौर में उन्होंने अपने बंकर में शादी कर ली। दोनों ने जब शादी की तो जर्मनी की हार तय हो गई थी और शादी के 36 घंटे बाद दोनों ने जान दे दी। जेन थिने कहती हैं कि आखिरी दिन उनकी शादी हुई। यह एक तरह की मृत्यु की इच्छा थी या कहें कि हिटलर के साथ ईवा का पूरा रिश्ता मौत की इच्छा थी।

कैसे खुद को मार ली गोली….

1933 से 1945 तक जर्मनी के चांसलर और तानाशाह एडोल्फ़ हिटलर ने 30 अप्रैल 1945 को बर्लिन में जमीन से 50 फुट नीचे बने अपने बंकर में बंदूक की गोली से आत्महत्या कर ली। उन्होंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि यह स्पष्ट हो चूका था कि सोवियत संघ की सेनाएँ बर्लिन तक पहुँच जाएंगी। इससे यूरोप में द्वितीय विश्व युद्ध का अंत हो गया। उनकी एक दिन पहले बनी पत्नी एवा ब्राउन ने भी सायनाइड खाकर आत्महत्या कर ली। हिटलर के पूर्व लिखित और मौखिक निर्देशों के अनुसार, उस दोपहर उनके अवशेषों को सीढ़ियों से ऊपर ले जाया गया और बंकर के आपातकालीन निकास के माध्यम से बाग़ान ले जाया गया। जहां उन्हें पेट्रोल डालकर जला दिया गया। अगले दिन 1 मई को जर्मन रेडियो पर हिटलर की मौत की खबर की घोषणा की गई।

Divya Kirti
Author: Divya Kirti

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