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सोन की धारा में कोयले का सुरंग, जबलपुर का कारोबारी,चीर रहा नदी का धार

सोन की धारा में कोयले का सुरंग, जबलपुर का कारोबारी,चीर रहा नदी का धार
अनूपपुर। ।

(विनय मिश्रा की कलम से)

अनूपपुर जिले की अंतिम सीमा से लगे बकही गाँव मे इन दिनों माफिया चहलकदमी कर रहे हैं और बेफिक्र होकर नदी नालों में सुरंग बनाकर कोयला ढूँढ रहे हैं।कहते हैं प्राकृतिक आपदा से बचना है तो प्रकृति से खिलवाड़ न करें किन्तु यहाँ सोन नदी का चीरहरण किया जा रहा है और नदी के धार के बीचों बीच गड्ढे खोदे जा रहे हैं इस पूरे खेल में जबलपुर का अतीक और उसका बॉस मामू अनूपपुर जिले में आकर प्रशासन समेत सबको मैनेज करने का दम भर रहे हैं यही नही कोयले और नदी की धार में सुरंग करने के इस पूरे खेल में चंद चिन्हित स्थानीय माफिया भी शामिल हैं। सम्भाग की अकूत खनिज सम्पदा ने स्थानीय लोगों समेत बाहर से आए हुए लोगों को भी इस खनिज संपदा ने आँखों को चकाचौंध कर दिया है। नदियों और धरातलों में भूगर्भीय धमाके से वह दिन दूर नही जब आने वाली सभ्यता को एक बार पुनः “प्लेट विवर्तनिकी” सिद्धांत पढ़ने सुनने को मिलेगा।

 

 प्रदूषण और एनजीटी के कायदों की बलि…

जिले में वैसे तो सम्भाग स्तरीय पर प्रदूषण कार्यालय बनाया गया है किंतु इस विभाग की कार्यवाही दशकों से देखने सुनने को नही मिली और प्रशीतन की छाया में बैठे विभाग अरदिलगी करता रहता है। जिस तरह से बकही के सोन नदी में जेसीबी और तू टेन मशीन उतारकर धमाके और गड्ढे बनाए जा रहे हैं उससे तो यही प्रतीत होता है कि एनजीटी के कायदे तार-तार तो हो ही रहे हैं साँथ में प्रदूषण विभाग भी इस ठंड में ठंड पड़ा हुआ है।

 

 

खनिज विभाग नही रोंक पा रहा अपनी खनिज सम्पदा…

अनूपपुर में बैठा खनिज विभाग भी इस पूरे कारनामे से अनभिज्ञ है विभाग इसलिए बनाया गया है ताकि वह अपने सम्पत्ति के दोहन और हनन को रोक लगा सके। बीते कुछ महीने से बाहर से आए लोग पूरे जिले में कोयले की सुरंग बना रहे हैं और आलाकमान को मैनेज करने की घुड़की भर रहे हैं किन्तु विभाग को मानो कुछ पता ही नही और मनमर्जी की माफिक नदियों और खुले क्षेत्रो में गड्ढे खोदे जा रहे हैं।

इस माफिया का बॉस कौन..??

 

 

अनूपपुर जिले में महीने भर से अलग-अलग होटलों और रेस्टोरेंट में स्थानीय माफियाओं से ताल बिठाने वाले “अतीक” का बॉस कौन है इसमें थोड़ा अचंभा लग रहा है । हमने यह सवाल इसलिए भी किया की जबलपुर से आकर यहाँ स्थानीय माफियाओं से सिंडिकेट करने वाले अतीक और उसके बॉस मामू का मामू कौन है यानि इन दोनों का बास कौन है ये अभी तक पता नही चल पाया। सूत्र बता रहे हैं कि अतीक और उसका बॉस प्रशासन को अपने छल बल से हर प्रकार से मैनेज करने की गारंटी माननीय-सम्मानीय के दम पर कर रहे है पर अभी तक यह पता नही लग पाया कि स्थानीय स्तर पर इस खेल का असली वजीर कौन है??

Divya Kirti
Author: Divya Kirti

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