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जिम्मेदारों की लापरवाही की भेंट चढ़ गए मासूम बेटियों के माता पिता,इस मातम का जिम्मेदार कौन??

 

 

●थानों की सीमा पर होता था खनन का यह काम

●खनिज विभाग हमेशा की तरह रहा नाकाम

●मृत माता-पिता के समक्ष बिलखती रही मासूम बेटियाँ

तन की भूँख और मन की प्यास कई बेबशों को कुछ भी कर गुजरने के लिए विवश कर देता है।दिन भर दिहाड़ी कमाने वाला व्यक्ति एक पूंजीपति को बड़े मुकाम पर तो पहुँचा देता है किंतु वह सर्वहारा वर्ग कभी खुद पूंजीपति नही बन पाता।ऐसा ही एक मामला कल यानि रविवार को शहडोल मुख्यालय में देखने को मिला जहाँ पाँच बेटियों को पालने के लिए दो दम्पत्तियों ने अपने जान गंवा दिए हलाकि यह चोरी सरकार की चोरी थीं तो शायद उनके मासूम बेटियों को कोई कम्पनसेशन भी न मिले और जिले में शायद ऐसे जनप्रतिनिधि भी नही है जो आगे आकर इन बेटियों के लिए किसी प्रकार की कोई शासकीय लाभ दिला सके।फिलहाल इस मौत का असल जिमेदार कौन है आप सभी पाठकगण जानते हैं….??

शहडोल।।

रविवार की शाम शहडोल जिले के धनगंवा ग्राम में चुनारगढ़ी के अवैध कोयले की खदान में दो दम्पत्ति कोयला खोदने के दौरान खदान धसने से अंतिम साँस ली। ग्रामीणों ने बताया कि ओमकार यादव अपनी पत्नी पार्वती यादव के साथ खदान में कोयला खनन कर रहा था, इस दौरान अचानक खदान धंसक गई। जिसमें दबने से दोनों की दर्दनाक मौत हो गई।मामले की पुष्टि के लिए प्रशासनिक अमला दल-बल सहित पहुँचा हालांकि घटनास्थल पर मरने वालों की संख्या में सिर्फ दो लोगों के ही नाम सामने आए और बाँकी कितने ऐसे लोग कोयले की इन खदानों में दफन हो गए यह आज भी रहस्य है।
ग्राम धनगंवा में कोयला कारोबारी एक लंबे अरसे इस क्षेत्र में अवैध तरीके से खदान संचालित करते आ रहे हैं किंतु आजतक सम्बंधित विभाग और प्रशासन इस पर अंकुश नही लगा पाया।जानकारों और मीडिया टीम के सामने ही कुछ लोगों ने बताया कि धनगवां से निकलने वाला यह अवैध कोयला दो थानों के बीच चल रहा जिसमे बुढ़ार और सोहगपुर थानों के नाम शामिल हैं। मीडिया कैमरों में इस काम के लिए बकायदे थानों में एक पेशगी जाती थी जिसका एक निश्चित दाम तय था।
इस अवैध काम मे कुछ आदिवासी वर्ग के लोगों को सामने रख आसपास के गांवों के ही प्रभुत्व वर्ग काम को बकायदे अंजाम देते थे।जिसे आसपास के दर्जनों भट्ठों में एक निश्चित दाम पर खपाया जाता था।ऐसा नही है कि इसकी जानकारी अन्य जवाबदेहियों को नही थी किंतु हमेशा की तरह तकियाकलाम शब्दो को दोहराते हुए मीडिया कैमरों में बड़ी बेबाकी से झूँठ कह दिया जाता है।

नबलपुर-जरवाही-धुरवार-जमुईसमेत धनगवां छाँटा में सैकड़ो की तादाद में लगे भट्ठे इसके प्रमाण…..

धनगवां,छाँटा,चंगेरा से निकलने वाले अवैध कोयले की सुरंगों से बड़े पैमाने में कोयला निकाला जाता है जिसके प्रमाण आसपास के गाँवो धुरवार, जुमई, नबलपुर,जरवाही में पनप रहे सैकड़ो भट्ठे हैं।जिनके पास टनों में कोयला पड़ा रहता है।इस पूरे मामले में कार्यवाही मुखर होकर पुलिस,राजस्व और खनिज अमले को करना चाहिए किन्तु विभाग के निचले स्तर के नुमाइंदे विभाग के उच्च स्तरीय लोगों के मैनेजमेंट करने का आसरा देकर इस काम को ओके कर देते हैं।

Divya Kirti
Author: Divya Kirti

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