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लगातार हो रही कौओं की मौत किसी महामारी या दैवीय शक्ति के संकेत तो नही..!

 

डेस्क…देश-दुनिया

कौआ हमारे जीवन व घरों के लिए एक ऐसे पक्षी माने जाते हैं जिसके कुछ करने न करने से इस लोक से लेकर दूसरे लोक तक के सन्देश होते हैं। जैसे मृत आत्मा को पिंड दान करने के बाद कौओं का खाना अनिवार्य माना गया है।कौए का छत के ऊपर बाग देना भी किसी आगन्तुक का संकेत होता है।कौए के मल का शरीर पर गिरना व कौए का सुअर पर बैठना जैसे कृत्य बड़ा ही अशुभ माना जाता है जिसके निवारण के लिए पूजा व दान देने जैसे विधान का प्रावधान है।कौआ बड़ा ही बुद्धजीवी पक्षी माना जाता है जो इशारा करने मात्र से सचेत हो जाता है।वैसे रामायण व पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान राम ने क्रोध में आकर कौवे की एक आँख फोड़ दी थी, इसलिए कौवे को एक आँख का माना जाता है।
हाल ही में एक ताजा घटना शहडोल जिले में देखने को मिला है जहाँ तीन दिन में लगभग 100 के आसपास कौओं की मौत हो चुकी है और अब तक इस पर पर्यावरण विद और अन्य विभागों की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नही आई है।
शहडोल जिले के अंतिम छोर जिसे हम झींकबिजुरी के नाम से जानते हैं के बिजुरी के मैरटोला करौदी व आसपास के गांवों में तीन दिनों से लगातार कौए की मौत हो रही है। जानकारी के अनुसार अब तक 100 से अधिक कौए की जान जा चुकी है। इतनी बड़ी संख्या में अचानक कौओं को सहसा मरना किसी बड़ी आपदा के संकेत तो नही इस बात से भी गुरेज नही किया जा सकता । आसपास के रहवासियों का कहना है कि पिछले तीन दिनों से कौए की मौत हो रही है। कौए अचानक जमीन पर गिरकर छटपटाने लगते हैं। दो-तीन घंटे के बाद दम तोड़ देते हैं।
सम्बंधित विभाग के अधिकारियों ने अब तक कौओं के इस मौत और कोई रिपोर्ट सार्वजनिक तो नही की है किंतु इसके पीछे की अटकलें लगाई जा रही हैं कि अचानक मौसम में परिवर्तन व पर्यावरण प्रदूषण, ठंड या कीटनाशक दवाओं के उपयोग का संदेह है।
अन्य मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो अचानक इतने सारे कौओं का मरना बर्ड फ्लू जैसी बीमारियों के संकेतक के अलावा, किसी की मृत्यु या बीमारी का संकेत माना जाता है.
धार्मिक मान्यताओं की मानें तो, कौवे का मरना पितरों के नाराज होने का भी संकेत हो सकता है.
पर्यावरण प्रदूषण के अनुसार, पर्यावरण प्रदूषण, ठंड या कीटनाशक दवाओं के प्रयोग से भी कौवे की मौत हो सकती है इसका दूसरा पहलू..
मृत्यु और परिवर्तन का प्रतीक भी है, मरे हुए कौवों को अक्सर मृत्यु और परिवर्तन का प्रतीक माना जाता है।
संदेशवाहक: मरे हुए कौवों को संदेशवाहक के रूप में भी देखा जाता है, जो किसी के जीवन में एक नए युग या घटना के आने की सूचना देते हैं।

Divya Kirti
Author: Divya Kirti

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