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सावधान!अगर आप भी कर रहे हैं अपने लड़की का विवाह

बाल विवाह की सूचना टोल फ्री नंबर 181 पर, होगी संबंधितों की विरुद्ध कार्यवाही

बाल विवाह कानूनन अपराध, बाल विवाह रोकने हेतु निर्देश जारी
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18 वीं शताब्दी में भारत मे कई सामाजिक कुरूतियों को हटाने का प्रयास किया गया जिसमें सती प्रथा निषेध, हिंदू विधवा पुनर्विवाह,बाल विवाह निषेध जैसे कानून बनाने व उन्हें पारित कराने में सामाजिक अग्रदूतों का प्रयास सराहनीय रहा।

इन्ही कानूनों में से एक बाल विवाह प्रतिबन्ध अधिनियम, 1929 , 28 सितंबर 1929 को इम्पीरियल लेजिस्लेटिव काउंसिल ऑफ इंडिया में पारित हुआ। जिसके तहत लड़कियों के विवाह की आयु 14 वर्ष और लड़कों की 18 वर्ष तय की गई जिसे बाद में लड़कियों के लिए 18 और लड़कों के लिए 21 कर दिया गया।हालांकि कानून बनने व सजा का प्रावधन होने के बाद भी कानून लचीला ही रह गया और अभी भी कम उम्र में लड़कियों के विवाह करने की प्रथा पूर्णतः बंद नही हुई।

एनएफएचएस-5 (2019-21) के अनुसार, कम उम्र में विवाह का प्रचलन अभी भी अधिक है, 20 से 24 वर्ष की आयु की 23% महिलाओं की शादी 18 वर्ष की आयु से पहले हो जाती है। वहीं, ऐसी शादियों का पता लगाना कम है, 2020 में कानून के तहत केवल 785 मामले दर्ज किए गए।

कानून के मुताबिक इंडियन क्रिश्चियन मैरिज एक्ट 1872, पारसी मैरिज एंड डिवोर्स एक्ट 1936, स्पेशल मैरिज एक्ट 1954, और हिन्दू मैरिज एक्ट 1955, सभी के अनुसार शादी करने के लिए लड़के की उम्र 21 वर्ष और लड़की की 18 वर्ष होनी चाहिए. इसमें धर्म के हिसाब से कोई बदलाव या छूट नहीं दी गई है. फिलहाल बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 लागू है. जिसके मुताबिक़ 21 और 18 से पहले की शादी को बाल विवाह माना जाएगा. ऐसा करने और करवाने पर 2 साल की जेल और एक लाख तक का जुर्माना हो सकता है

शहडोल –

परियोजना अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग मनोज लारोकर ने जानकारी दी है कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के प्रावधान अनुसार 18 वर्ष से कम उम्र की लड़की एवं 21 वर्ष से कम उम्र का लड़का इससे कम आयु के विवाह बाल विवाह की श्रेणी में आते है जो कानूनन अपराध है। बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के तहत बाल विवाह को प्रोत्साहित करने और स्वीकृति देने वाले तथा शामिल होने वाले माता-पिता, रिश्तेदार, विवाह टेंट वाला, बैण्ड वाला, पंडित,मौलवी, हलवाई आदि अन्य सभी जो उसमे शामिल है, बाल विवाह कराने के अपराधी है जिसमें कानूनन 2 साल की कैद या एक लाख रूपये का जुर्मना अथवा दोनो से दण्डित किये जाने का प्रावधान है। हम सभी प्रण लें कि कोई भी बाल विवाह न करेंगे और न हीं होने देंगे। कोई भी बाल विवाह होने की सूचना प्राप्त होने पर संबंधित थाना क्षेत्र, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, परियोजना अधिकारी, चाईल्ड हेल्प लाईन नम्बर 1098 या वन स्टॉप सेन्टर,कन्ट्रोल रूम शहडोल दूरभाष टोल फ्री नं. 181 या मो.नं. 8319697804 पर सूचना दी जा सकती है।

Divya Kirti
Author: Divya Kirti

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