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अध्यक्ष-उपाध्यक्ष के इशारे में हो गया करोड़ो का घोटाला कैसे निकलेगा भ्रष्टाचार का जिन्न.

नगरपरिषद में बंद है भ्रष्टाचार का जिन्न..

जाँच से खुलेगें इसके राज

शहडोल।।

नगरपरिषद गठन के के बाद ही चुनावी तमाशे ने एक ही मिनट में यह बता दिया था कि जब बात खुद के स्वार्थ पर हो तो क्या पार्टी क्या संगठन.?यह बात तब और तय हो गया जब परिषद के अध्यक्ष-उपाध्यक्षो के नाम घोषित होने के बाद वर्तमान अध्यक्ष-उपाध्यक्षो ने पार्टी से बगावत कर अपने चेहरे को तवज्जो दिया।
नगरपरिषद में घोटालों घपलों और अनियमितताओं पर चर्चा हो तो चर्चा प्रदेश लेवल की हो जाएगी इसमें कोई संदेह नही नवगठित नगरपरिषदों में होने वाली भर्तियाँ सरकार द्बारा न सिर्फ निरस्त की गई थी बल्कि मामला आज भी कोर्ट में विचाराधीन है इस सबके परे नगरपरिषदों में कई ऐसे निर्माण कार्य व वित्तीय कार्य हैं जिनमे मनचाहा उगाही और घपलों को अंजाम दिया जा रहा है।
इस पूरे मामले में और भी ज्यादा रोमांच तब आया जब बुढ़ार ब्लाक कांग्रेस कमेटी द्वारा इसका मुखर होकर विरोध किया गया।

 

नल जल कनेक्शन पर वसूली…

मोदी सरकार की अहम योजनाओं में से एक नल-जल योजना में भी पलीता लगाने का कार्य जारी है । सरकार ने इस योजना की शुरुआत की थी ताकि हर गरीब तबके के घर मे सुलभता से पानी की आपूर्ति हो सके किन्तु इस योजना में भी परिषद द्वारा नजरें गड़ाई जा रही हैं और कनेक्शन के एवज में उनसे 2500 से 3000रु की माँग की जा रही है जिससे रहवासियों को पानी पीने व कनेक्शन कराने में मशक्कत करना पड़ रहा है।

वृक्षारोपण और सेल्फी का दौर…

ज्ञात हो सरकार के ढांचे के तले आने वाले सरकारी अमला और सरकार खुद वृक्षारोपण के नाम पर इतना ढोल पीटते हैं कि उस ढोल की पोल चंद समय मे ही खुल जाती है, इनके द्वारा लगाए गए पेड़ो की हिफाजत भले ये न कर पाए पर सेल्फी लेकर उसे सोशल मीडिया में डालकर यह साबित करने में कतई पीछे नही हटते कि वह इस बढ़ते ग्लोबल वार्मिंग और पर्यावरण के लिए कितने सचेत है परिषद में वृक्षारोपण के नाम पर लाखों का व्यारा-न्यारा हो गया और किसी को जू तक नही रेंगा,रहवासियों को अपनी गिनती सही करके उन लगाए गए वृक्षो की संख्या जरूर गिन लेना चाहिए जिसे परिषद ने लगाया है व जिन स्थानों पर लगवाया है उनका एक बार भौतक निरीक्षण भी आवश्यक है।

निर्माण कार्य, स्ट्रीट लाइटों में भी टेढी नजर...

परिषद में अब तक अलग-अलग वार्डो में कुछ न कुछ निर्माण कार्य हो चुके हैं या मौजूदा दौर पर चल रहे हैं इन सभी निर्माण कार्य मे कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार व्याप्त है सड़क किनारे लगाई गई स्ट्रीट लाइटों व ठेकेदार द्वारा किए गए लफड़े की जाँच भी आवश्यक है ताकि ज्ञात हो सके कि रोशनी के नाम पर रहवासियों को कितना अंधेरे में रखा गया है।
ऐसे और भी तमाम कार्य हैं जिन पर भ्रष्टाचार का जिन बोतल में बंद है ।

Divya Kirti
Author: Divya Kirti

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