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गुजरात में तालिबानी सजा, थाने में प्राइवेट कर्मचारी ने आरोपी के सिर से उखाड़े बाल, वीडियो वायरल

अहमदाबाद / राजकोट, 8 अक्टूबर 2025 — गुजरात के राजकोट जिले से सामने आई एक सनसनीखेज घटना ने पुलिस कार्रवाई की सीमाओं और मानवाधिकारों पर पुनर्विचार को मजबूर कर दिया है। वायरल वीडियो में दिखाया गया है कि एक किशोर को पुलिस थाने के भीतर खींचकर उसके सिर से बाल उखाड़े जा रहे हैं, यह दृश्य “तालिबानी सजा” जैसा प्रतीत हो रहा है।

🔍 क्या हुआ — घटना की झलक

  • घटना गांधीग्राम पुलिस थाने, राजकोट की बताई जा रही है। वीडियो में एक युवक कुर्सी पर बैठा है, जबकि एक अन्य व्यक्ति उसके बाल पकड़कर जोर से खींच रहा है और उन्हें कूड़ेदान में फेंकने की क्रिया कर रहा है।

  • इस कृत्य को एक सफाई कर्मचारी (sanitation worker) द्वारा किया गया था, और कथित तौर पर इसे एक पुलिस कॉन्स्टेबल ने रिकॉर्ड किया।

  • इस प्रकरण के प्रकाश में आने के बाद पुलिस ने तुरंत दो कांस्टेबलों को थाने से स्थानांतरित कर दिया।

  • पीड़ित युवक की 55 वर्षीय दादी ने प्राथमिकी दर्ज कराई है जिसमें आरोपों में युवा के साथ क्रूरता (cruelty) भी शामिल है।

  • जांच को ACP (पश्चिम जोन) राधिका भाराई को सौंपी गई है।

  • ⚖️ आरोप और कानूनी स्थिति

  • आरोपों में शामिल हैं: IPC की धारा 115(2) (अवैध कार्यों का उकसाना), 198 (जानबूझकर चोट पहुँचाना), और 54 (उत्साहवर्धन करना) के साथ-साथ Juvenile Justice Act की धारा 75 (बालकों के प्रति क्रूरता)

  • पुलिस का कहना है कि मामले की प्रारंभिक जांच पूरी हो चुकी है और अंतिम रिपोर्ट जल्द पेश की जाएगी।

🧭 समीक्षा और प्रभाव

यह घटना न केवल पुलिस बल की कार्यशैली पर सवाल खड़े करती है, बल्कि निम्न बिंदुओं को व्यापक चर्चा में ला रही है:

  • मानवाधिकार एवं संवैधानिक मर्यादा: अगर ऐसी कार्रवाई सरकारी थानों में हो रही है, तो यह गंभीर उल्लंघन है।

  • निगरानी की जरूरत: CCTV, थाने की आडिट, स्वतंत्र लोकायुक्त निरीक्षण ज़रूरी हो जाते हैं।

  • पारदर्शिता: मामले के दस्तावेज, वीडियो रिकॉर्डिंग और दोषियों की पहचान जनता के सामने होनी चाहिए।

  • न्याय सुनिश्चित करना: पीड़ित युवाओं को सुरक्षा, चिकित्सा सहायता और कानूनी मदद मिलनी चाहिए।

Divya Kirti
Author: Divya Kirti

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