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पाकिस्तान को नहीं मिलेंगी AIM-120 अमेरिकी मिसाइलें, US दूतावास ने किया खबरों का खंडन

नई दिल्ली, 10 अक्टूबर 2025:
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया कि अमेरिका ने पाकिस्तान को नई AIM-120 (Advanced Medium-Range Air-to-Air Missiles, यानी AMRAAM) मिसाइलें देने का निर्णय लिया है। इसके बाद अमेरिकी दूतावास ने इन खबरों का सख्ती से खंडन किया है।


📰 क्या दावा था?

  • रिपोर्ट्स कह रही थीं कि अमेरिकी रक्षा विभाग ने एक संशोधित विदेशी सैन्य बिक्री (FMS) अनुबंध में पाकिस्तान को AIM-120 मिसाइलों की आपूर्ति के लिए सूचीबद्ध किया है।

  • कहा गया कि यह मिसाइलें पाकिस्तान की F-16 एयरक्राफ्ट बेड़े के लिए होंगी और यह उसकी वायु मुकाबला क्षमताओं को बढ़ाएंगी।

  • कुछ रिपोर्ट्स ने तो यह भी बताया कि इस नए अनुबंध के तहत अमेरिका पाकिस्तान को AIM-120 मिसाइलें देगा।


✅ अमेरिका का खंडन — दूतावास की सफाई

  • अमेरिकी दूतावास (India में स्थित) ने कहा है कि ये रिपोर्ट्स “गलत” हैं और उन्होंने बेहद स्पष्ट किया कि कोई नई मिसाइल आपूर्ति नहीं होगी

  • दूतावास ने कहा कि संशोधित अनुबंध केवल रखरखाव (sustainment) और स्पेयर पार्ट्स (पूर्जा) सेवा से संबंधित है — किसी भी नए हथियार या उन्नयन (upgrade) की आपूर्ति इसमें शामिल नहीं है।

  • उन्होंने यह स्पष्ट किया कि इस अनुबंध में पाकिस्तान की मौजूदा क्षमताओं को बढ़ाने का कोई प्रावधान नहीं है।


🧭 पृष्ठभूमि और विश्लेषण

  • सितंबर 2025 में अमेरिकी रक्षा विभाग ने एक मौजूदा मिसाइल उत्पादन अनुबंध में संशोधन किया, जिसमें AIM-120 C8 और D3 वेरिएंट्स शामिल हैं।

  • उसमें 35 देशों को आयात (FMS) ग्राहक के रूप में सूचीबद्ध किया गया।

  • लेकिन ऐसे देशों की सूची में पाकिस्तान का नाम पहली बार सार्वजनिक रूप से शामिल किया जाना ही विवादास्पद बना।

  • रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि यदि सच में कोई नई मिसाइल आपूर्ति होती है तो यह दक्षिण एशिया में शक्ति संतुलन को प्रभावित कर सकती है।

  • अन्य विश्लेषक यह भी कहते हैं कि भारत को अपनी वायु रक्षा क्षमताओं को और मजबूत करने की जरूरत है ताकि किसी अप्रत्याशित बदलते परिदृश्य का सामना किया जा सके।

Divya Kirti
Author: Divya Kirti

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