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ब्रिटेन का भारत-रूस के खिलाफ एक्शन

तेल कंपनियों पर लगा प्रतिबंध,

यूक्रेन युद्ध को बताया वजह

यूक्रेन युद्ध के बीच पश्चिमी देशों और रूस के बीच जारी तनाव अब भारत तक पहुंच गया है। ब्रिटेन ने रूस से तेल कारोबार करने वाली कई विदेशी कंपनियों पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं, जिनमें कुछ भारतीय कंपनियों का नाम भी शामिल बताया जा रहा है। ब्रिटिश सरकार का कहना है कि ये कंपनियां अप्रत्यक्ष रूप से रूस की ऊर्जा आय बढ़ाने में मदद कर रही थीं, जिससे यूक्रेन में जारी युद्ध को आर्थिक समर्थन मिल रहा था।

ब्रिटेन के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी करते हुए कहा कि यह कदम रूस के खिलाफ वैश्विक दबाव को और मजबूत करने के लिए उठाया गया है। ब्रिटिश ट्रेजरी ने भी उन सभी कंपनियों और व्यक्तियों की लिस्ट जारी की है जिन पर नए प्रतिबंध लगाए गए हैं। इसमें कुछ एशियाई कंपनियां और उनके व्यापारिक साझेदार भी शामिल हैं।

रिपोर्ट्स के अनुसार, ये कंपनियां रूस से डिस्काउंट रेट पर कच्चा तेल खरीद रही थीं और फिर उसे विभिन्न देशों में बेचकर भारी मुनाफा कमा रही थीं। ब्रिटेन का मानना है कि यह प्रथा रूस को प्रतिबंधों के बावजूद आर्थिक स्थिरता प्रदान कर रही है, जो पश्चिमी प्रतिबंधों की प्रभावशीलता को कमजोर करती है।

भारत सरकार की ओर से फिलहाल कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। हालांकि, भारत पहले भी कह चुका है कि उसकी ऊर्जा नीति राष्ट्रीय हितों पर आधारित है और वह रूस से तेल खरीदना अपनी आर्थिक आवश्यकता मानता है, न कि किसी राजनीतिक समर्थन के रूप में।

विश्लेषकों का कहना है कि यह कदम भारत-यूके व्यापार संबंधों पर असर डाल सकता है, खासकर ऐसे समय में जब दोनों देश मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को लेकर वार्ता के अंतिम चरण में हैं।

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Divya Kirti
Author: Divya Kirti

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