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मध्य प्रदेश में ‘देसी पटाखा गन’ का खतरनाक क्रेज — 3 दिन में 122 बच्चे घायल

भोपाल/इंदौर: दिवाली की खुशियों के बीच मध्य प्रदेश में ‘देसी पटाखा गन’ बच्चों के लिए खतरा बनकर उभरी है। पिछले तीन दिनों में 122 से ज्यादा बच्चों की आंखें घायल होने के मामले सामने आए हैं। इनमें कई बच्चों की रोशनी आंशिक या पूरी तरह खोने का खतरा बना हुआ है।

डॉक्टरों के अनुसार, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर वायरल वीडियो देखकर बच्चे प्लास्टिक पाइप, माचिस और पटाखों से देसी गन बना रहे हैं। ये गन जलाने पर तेज धमाका करती है, और छोटे-छोटे कण आंखों में जाकर गंभीर चोट पहुंचा रहे हैं।

इंदौर के महाराजा यशवंतराव अस्पताल में सिर्फ 24 घंटे में 28 बच्चे इलाज के लिए पहुंचे। वहीं भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर और सागर के मेडिकल कॉलेजों में भी ऐसे मामलों की बाढ़ आई हुई है। कई डॉक्टरों ने बताया कि आंखों की कॉर्निया फटने के केस सबसे ज्यादा हैं, और कुछ बच्चों की आंखों की रोशनी लौटना मुश्किल है।

नेत्र विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि ऐसे देसी प्रयोग बेहद खतरनाक हैं। डॉक्टरों के मुताबिक, “पटाखे के रासायनिक तत्व और विस्फोट से निकले धातु के टुकड़े पलक पार कर सीधे अंदरूनी हिस्से तक पहुंच रहे हैं, जिससे स्थायी नुकसान हो सकता है।”

राज्य सरकार ने इस मामले पर स्वास्थ्य विभाग और पुलिस को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। स्कूलों में बच्चों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाने की भी तैयारी की जा रही है।

Divya Kirti
Author: Divya Kirti

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