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भाजपा में अंदरूनी बगावत बेनकाब! कथित आडियो लीक

भाजपा में अंदरूनी बगावत बेनकाब!
जिला अध्यक्ष का कथित ऑडियो लीक, शहडोल से भोपाल तक सत्ता में हड़कंप
भोपाल। शहडोल

विनय मिश्रा की कलम से..

भाजपा में आई सियासी भूचाल अब भोपाल की गलियों में भी हलचल मचाएगा जहाँ दर्जन भर पदाधिकारी अपने अपने खेमे की नाराजगी लेकर संगठन के बड़े पदाधिकारी के पास कूच कर चुके हैं मामले में वायरल आडियो ने भाजपा जिलाध्यक्ष और अन्य कार्यकर्ताओ के बीच लकीर खींच दी है।
बातों-बातों में जिलाध्यक्ष ऐसे उलझ गईं की उनके चित में समाई सारी राजनीतिक कड़वाहट बाहर आ गई, चलो फिल्मी तर्ज पर मान लेते हैं कि “दिल की बात जुबाँ पर आ गई कहना था कुछ और, ही कह गई”खैर दीदी की विरह तो दीदी ही जानें पर अब देखना होगा कि संगठन और कार्यकर्ताओं के बीच ये तैश क्या रंग लाता है।

आजकल एआई का जमाना है जहाँ आदमी की सच्चाई बताने से लेकर वाइस और हूँबहू इंसान गढ़ने का चलन हो गया है डिजिटल दौर में मनुष्य ‘नील आर्म स्ट्रांग’ हो चुका है जिसने चाँद पर कदम रख दिया है वायरल हो रहे आडियो और स्थानीय अखबारों के अनुसार..
जिला अध्यक्ष और एक स्थानीय नेता के बीच बात हो रही है बातचीत ने पार्टी के भीतर मची गुटबाजी, नाराजगी और आपसी आरोपों को सार्वजनिक मंच पर ला खड़ा किया है। इस ऑडियो के सामने आते ही शहडोल की राजनीति उबल पड़ी है और इसकी गूंज भोपाल से लेकर दिल्ली तक पहुंच गई है।
वायरल ऑडियो में जिला अध्यक्ष पार्टी के ही कई नेताओं और पदाधिकारियों पर बेहद गंभीर और सनसनीखेज आरोप लगाती सुनाई दे रही हैं। बातचीत में साफ झलकता है कि संगठन भीतर से खोखला हो चुका है और पद, टिकट और पहुंच को लेकर खुला सत्ता में खुला झड़प है।
ऑडियो में कहा गया है कि “दौलत 50 बार भोपाल गया, हर बार भगा दिया गया” यह एक वाक्य ही संगठन में बैठे नेताओं की उपेक्षा, अपमान और असंतोष की पूरी तस्वीर पेश करता है। वहीं वर्तमान विधायक मनीषा सिंह को लेकर बोले गए तीखे शब्दों ने टिकट बंटवारे से पहले ही पार्टी में घबराहट पैदा कर दी है। बातचीत में कहा गया है कि इस बार मनीषा भी घेरे में हैं और टिकट लगभग हाथ से निकल चुका है।
इतना ही नहीं, सविता सिंह मार्को, जिला सरपंच अध्यक्ष मार्को और उनके सीएम हाउस में सम्मान का जिक्र करते हुए ऑडियो में यह संकेत दिया गया है कि संगठन के भीतर सत्ता का संतुलन पूरी तरह बिगड़ चुका है। एक और चौंकाने वाले आरोप में सूर्यकांत पर एक लाख रुपये डकारने और सालों से हिसाब न देने की बात कही गई है, जो पार्टी की कथित ईमानदारी पर बड़ा सवाल खड़ा करता है।
इस कथित ऑडियो के सामने आते ही भाजपा की अंदरूनी लड़ाई सड़क पर आ गई है। कार्यकर्ताओं से लेकर बड़े नेताओं तक में बेचैनी है और संगठन की किरकिरी खुलेआम हो रही है।
हालांकि जब विवाद बढ़ा तो भाजपा जिला अध्यक्ष अमिता चपरा ने तुरंत पलटवार करते हुए ऑडियो को पूरी तरह फर्जी बताया। उन्होंने कहा कि यह एआई से तैयार किया गया ऑडियो है और उन्हें बदनाम करने की सुनियोजित साजिश रची जा रही है।
अब सवाल यह नहीं कि ऑडियो वायरल हुआ या नहीं,
सवाल यह है कि भाजपा की “अनुशासन की राजनीति” के पीछे असल सच्चाई क्या है?
फिलहाल यह कथित ऑडियो भाजपा के लिए गले की फांस बन चुका है।

अंतिम सूचना इकट्ठा करते तक एक खबर सामने आई कि प्रदेश अध्यक्ष जी दीदी को काफी खरी खोटी सुनाए हैं।
इस खबर समापन के बाद कम से कम हम यह लिख दें यह खबर ‘ए आई ‘ नही ताकि हमारे पाठक इसे चाव से पढ़ सकें और इसकी विश्वसनीयता बनी रहे।

Divya Kirti
Author: Divya Kirti

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