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कार्यवाही के बाद भी नही चेते नर्सिंग स्कूल व कालेज

नियम व मानक पैमानों से अछूते दर्जनों नर्सिंग कालेज

शहडोल सम्भाग।।

अरसे से चल रही जिले में नर्सिंग कालेजों और स्कूलों की कलई बीते कुछ महीनों में खुल गई जब कई मानक पैमानों को रौंदकर संस्थानों को चलाया जा रहा था । इन अव्यवस्थाओं को देखते हुए एक याचिकाकर्ता ने माननीय न्यायालय में याचिका दायर किया था जिसके बाद न्यायालय ने इन कालेजों और स्कूलों की सूक्ष्मता से जाँच करने के आदेश दिए जिसमे न सिर्फ भोपाल बल्कि दर्जनों जिलों के कॉलेजों स्कूलों में फर्जीवाड़ा का खेल खेला जा रहा था। विभाग ने उन पर कार्यवाही कर नसीहत दी किन्तु नर्सिंग कालेजों की बाढ़ ने पुनः अपना स्वरूप ले लिया और आल इज वेल की तर्ज पर पुनः संस्थाने चलने लगीं।

पैमाने खा रहे धूल

नर्सिंग कॉलेजों का संचालन निर्धारित मापदण्डों के अनुसार हो रहा है या नहीं, इसका भौतिक सत्यापन करने के लिए जिले में सीबीआई व मप्र नर्सिंग काँसिल भी रेड कर चुकी है जानकारी के अनुसार पिछले दिनों टीम ने शहर में संचालित रावतपुरा नर्सिंग कॉलेज, विन्ध्या एवं पंचशील संस्थानों की जांच कर चुकी है उसके बाद भी संस्थानों में कमियाँ रह गई है। हाई कोर्ट के निर्देश एवं टीमों द्वारा किए जा रहे परीक्षण के बीच यह बात सामने आ रही है कि जिले में वर्ष 2023-24 के लिए अभी तक किसी भी कॉलेज को मान्यता प्राप्त नहीं हुई है, लेकिन अनेक संस्थानों द्वारा छात्रों को एडमीशन दिए जा रहे हैं। यह बात भी सामने आई है कि सभी संस्थानों के पास खुद के भवन तक नहीं हैं, जो किराये के भवन में संचालित हो रहे हैं। मध्य प्रदेश नर्सिंग काऊंसिल के तय मानको में स्वयं का भवन, सुविधायुक्त कमरे, विद्यार्थियों के लिए लैब तथा वाहन की सुविधाएं होना अनिवार्य बताया गया है।

दुकानें बनी कालेज के भवन

शहर में दर्जनों ऐसी संस्थानें हैं से जिनके पास खुद के भवन नही हैं। संस्थानों को किराए के मकानों में संचालन किया जा रहा है। नियमों की मानें तो संस्थान शुरु होने के तीन वर्ष में कॉलेज का संचालन स्वयं के भवन में होने चाहिए साथ ही वाहन की सुविधा भी होनी चाहिए।

शहडोल सहित उमरिया का भी नाम

मध्यप्रदेश नर्सेस रजिस्ट्रेशन कौंसिल विभाग ने पत्र में उल्लेख करते हुए लिखा था कि 2020-21 में मान्यता प्राप्त नर्सिंग कालेजों को अकादमी भवन, छात्रावास, लैब, उपकरण, संबंद्ध अस्पताल के समस्त आवश्यक दस्तावेज एवं फोटो तथा नर्सिंग कॉलेज के अन्य समस्त दस्तावेज उपलब्ध कराने को लिए 10 मई तक का समय दिया गया था, लेकिन प्रदेश के अन्य जिलो सहित शहडोल का राधारानी नर्सिंग कॉलेज एवं उमरिया का कमला स्कूल ऑफ नर्सिंग उमरिया की मान्यता नियम 2018 के नियम 7 के अनुसार कार्यवाही करते हुए शैक्षणिक सत्र 2021-22 की मान्यता तत्काल प्रभाव से निलंबित किया था किंतु इन संस्थानों का पुनः बेखौफ संचालन कहीं न कहीं विभाग की कार्यवाही पर सवाल उठाता है।

Divya Kirti
Author: Divya Kirti

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