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पुरानी बस्ती नालियों का पानी घर के सामने आने से जनता परेशान,तो दूसरी तरफ सोहागपुर में सड़कों में पानी भरने से जनता परेशान।

जनता हो रही परेशान लेकिन जनप्रतिनिधि है मौन ।

प्राय देखा गया है की नगरपालिका बरसात पूर्व बडे-बड़े दावे करती है, पर वक्त पर हकीकत खुद बयां हो जाती है. मॉनसून से निपटने को लेकर विभाग की सक्रियता शून्य है. नगरपालिका में जनप्रतिनिधि की उदासनीता का भुगतान वार्ड वासियों को भुगतना पड़ रहा है नगर की साफ सफाई की जिमेदारी नगरपालिका की होती है. इसके लिए बरसात के पूर्व ही सफाई की जाती है, ताकि बारिश के समय दिक्कत नहीं हो काम आसानी से हो सके।लेकिन बारिश के आते शहडोल शहर के हालात कुछ और बया कर रहे है बारिश के आते ही कई जगह नालियों का गंदा पानी सड़क पर आना शुरू हो गया है तो कही पर सड़को पर पानी का भराव बना हुआ है।

शहडोल।। अगर हम बात करे पुरानी बस्ती वार्ड नंबर 37 विजय दाल मिल के पीछे रह रहे रहवासियों की तो उन्हें काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है नगर पालिका द्वारा कई बार सर्वे किया गया और यहां के रहवासियों द्वारा नगर पालिका को कई शिकायतें दी गई लेकिन इसके बावजूद नगरपालिका द्वारा कोई ध्यान ना देने के कारण यहां के रहवासियों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है हालात यह है कि बरसात में नाली का पानी कच्ची सड़कों पर आने के कारण घर से बाहर निकलना दूर भर है वही नालियों का पानी घर के सामने आने से जीव जंतुओं के घुसने का खतरा हमेशा बना रहता है। जब शहर के बीच का यह हाल है तो और जगह का हाल बयां नहीं किया जा सकता।

न नाली की व्यवस्था न सड़क की

शहर में कई वार्ड ऐसे हैं जहां न नालियों की व्यवस्था है न सड़कों की शहर अंतर्गत पुरानी बस्ती मैं कई वार्ड ऐसे हैं जहां नालियों का पानी सड़कों पर आने से लोगों को रहने में कठिनाई होती है वही जीव जंतुओं का भय बना रहता है लेकिन वार्ड पार्षद नगरपालिका के आला अधिकारियों द्वारा सुध न लेने के कारण लोग गंदगी में रहने को मजबूर है।

आदेश को मार दी ठोकर

कमिश्नर शहडोल सडक़ों के रखरखाव के लिए अवश्य गंभीर दिखाई पड़ते हैं उन्होने कई बार अधिकारियों को सडक़ों का गुणवत्तापूर्ण रखरखाव करने के निर्देश दिए हैं लेकिन आज तक उनके निर्देशों का अधिकारियों ने पालन नहीं किया है। जबकि एक बार तो उन्होने सडक़ रखरखाव पर लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर कड़े कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी थी। फिर भी कोई असर नहीं हुआ। सडक़ों की हालत आज भी ज्यों की त्यों ही है। अधिकारी केवल अपने मन का ही करते  हैं।

Divya Kirti
Author: Divya Kirti

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