दिव्यकीर्ति सम्पादक-दीपक पाण्डेय, समाचार सम्पादक-विनय मिश्रा, मप्र के सभी जिलों में सम्वाददाता की आवश्यकता है। हमसे जुडने के लिए सम्पर्क करें….. नम्बर-7000181525,7000189640 या लाग इन करें www.divyakirti.com ,
Search
Close this search box.

खादी और खाकी के नाक के नीचे चल रहा जिले का सबसे बड़ा जुआँ, क्षेत्र में बढ़ रहा आपराधिक गतिविधयाँ

दीपक पाण्डेय रिपोर्ट….

शहडोल। 

जिला मुख्यालय से सटे ग्राम पंचायत जमुई एवं हर्री में बेखौफ और बेधड़क तरीके से जुएं का कारोबार संचालित हो रहा है। मिली जानकारी की माने तो, इन दोनों गावों के अलग-अलग स्थानों पर बदल-बदल कर प्रतिदिन जुआं फड़ की बैठकी हो रही है। इन ग्राम पंचायतों के जंगली इलाकों व घनी अबादी से दूर, बैठाये जा रहे फड़ में शहडोल, बुढ़ार, धनपुरी, अमलाई, जैतपुर, रसमोहनी, जयसिंहनगर, गोहपारु एवं ब्यौहारी जैसे स्थानों के रहीशजादे अपने हाथों का कमाल दिखाने और पैसों की लालच में यहां पहुंचते हैं।

बताया जाता है कि, यहां पंहुचने वाले जुआड़ियों में अधिकांश शराब के नशे में धुत्त रहते हैं। जिसके चलते आसपास के इलाकों में अनावश्यक रुप से आपराधिक वारदातें भी होती रहती हैं। सुत्रों की माने तो, यहां कई लाखों का वारा न्यारा होता है। सबकुछ सफेदपोशों और खाकी की आड़ में संचालित हो रहा है। बताया गया है कि, डेक्कन फैक्ट्ररी के आसपास का ईलाका चिन्हित एवं लोकप्रिय स्थानों में से एक है। यहां संचालित जुंआ फड़ आदेश तिवारी उर्फ ठूठू महराज और रामजी शर्मा की जुगलबंदी में हो रहा है।

कभी यहां पर पड़ी थी रेड

गौरतलब है कि, पूर्व एसपी अवधेश गोस्वामी के कार्यकाल में जमुई स्थित एक ढ़ाबे में संचालित हो रहे जुंआ फड़ पर पुलिस ने रेड डाली थी। जहां से शहडोल, बुढ़ार, धनपुरी, सहित अन्य स्थानों के बड़े नामचीन व्यापारी एवं जमुई के एक सफेदपोश दादा भाई मौके पर पाये गये थे। जिसके बाद इन जुआडियों पर कार्रवाई तो हुई, लेकिन जमुई के उक्त दादा भाई शहड़ोल के बड़े दादा भाई की आड़ में खुद को पाक साफ बचा ले गये थे। दादा भाई का यूं बच निकलना काफी चर्चित रहा है। लोगों का कहना रहा, सत्ता संगठन की आड़ में दादा भाई तो बच गये, वरना पुलिस के हाथों नप गये होते।

युवाओं पर असर, पुलिस बेखबर

स्थानीय जागरुकजनों का कहना है कि, हमारे आसपास के इलाकों की नई युवा पीढ़ी पंगु होती जा रही है। काम धाम और पढ़ाई छोड़कर ज्यादा पैसों की लालच में यहां संचालित हो रहे जुंआ फड़ में अपनी किस्मत आजमाने पहुंच रहे हैं। जहां हार का समना करने के बाद यह युवा नशे को ही अपना साथी बना रहे है। वह नशे के आलम में जहां घरवालों के लिए सिरदर्द बनते हैं, वहीं दूसरी ओर घर से बाहर विभिन्न प्रकार के आपराधिक एवं अनैतिक कृत्यों को अंजाम देने से भी नहीं चूक रहे। ऐसे युवाओं के बेरोजगारी भरे आलम, पैसों का लालच और नशे की गिरफ्त के चलते परिजन जहां चिन्तित हैं, वहीं उन्हें इन युवाओं का भविष्य भी अधर में दिखलाई पड़ रहा है। सवाल है, संचालित इस बड़े जुंआ फड़ की जानकारी संबधित थाना पुलिस को आखिरकार क्यूं नहीं है। क्या उनका मुखबिर तंत्र कमजोर हो चूका है। या फिर पुलिस स्वयं धृतराष्ट्र की भूमिका का निर्वहन कर रही है। लोगों का आरोप है कि, पुलिस सबकुछ जानकर भी अनजान बन हुई है। जिसके चलते यहां संचालित होने वाला जुंआ फड़ नित नये स्थान में विकराल रुप से संचालित हो रहा है और युवा पीढ़ी बर्बादी की ओर अग्रसर है।

Divya Kirti
Author: Divya Kirti

ये भी पढ़ें...

error: Content is protected !!