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गीतों और कविताओं में गूंजता रहा राम का नाम कवि आस्तिक ने रोशन किया अनूपपुर जिले का नाम

अभिनव कला समाज में रामोत्सव कवि सम्मेलन

विजय तिवारी

शहडोल।। अयोध्या में श्रीराम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा की पूर्व संध्या पर अभिनव कला समाज में रामोत्सव शीर्षक से कवि सम्मेलन इंदौर में आयोजित हुआ हुआ। संस्था बोल और पेन टुडे द्वारा आयोजित इस कवि सम्मेलन में युवा कवियों ने श्रीराम पर लिखी कविताएं और गीत सुनाए। कुछ कविताओं में देशभक्ति का रंग भी था।मांडव से आए पंकज प्रसून जाट ने पढ़ा सदियों से प्रतीक्षा थी जिसकी आज आ रहा/ खुशियां मनाइए कि राम राज आ रहा..। सचिन नाथ सावन ने पढ़ा, इस धरा को ही धाम बोलेंगे/ तारने वाला नाम बोलेंगे/आपको बोलना है जो बोलो हम तो बस राम-राम बोलेंगे।आस्तिक अभिलाष ने पढ़ा राम तो यहीं रहे होंगे न/ राह सच की चलो कहे होंगे न/ इतनी जल्दी धरा से ऊब जाते हैं हम/ दर्द धरती के वो भी सहे होंगे न/श्रद्धा शौर्य ने वीर रस की कविता सुनाई, नीर नयनों में नहीं,अखियों में ज्वार होगा / क्लेषकारी कष्ट की कथाएं नहीं गाऊंगी / प्रेम, अनुराग सदभावना की बात होगी प्रज्ञा से विहीन प्रथाएं नहीं गाऊंगी/ लक्ष्मीबाई, पन्ना धाय, पद्मिनी की वंशज हूं/ लड़ कर मरूंगी पर व्यथाएं नहीं गाऊंगी..।

दिव्य कमलध्वज ने देशभक्ति का गीत सुनाया, सबसे कहना मैं आऊंगा मगर देरी है। माना मां घर पर है लेकिन ये मां भी मेरी है। ये लहू बहने दे इस बार देश की खातिर, वादा करता हूं अगली जिंदगानी तेरी है..। कवि सम्मेलन में अवनीश पाठक सूर्य, सावन शुक्ला, ने भी रचनाएं पढ़ीं। इंदौर में आयोजित कवि सम्मेलन में अनूपपुर जिले के निवासी कवि आस्तिक ने अपनी प्रस्तुति देकर श्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर दिया। स्मरणीय हो कि आस्तिक अनूपपुर जिले के आदिम जाति सेवा सहकारी समिति के प्रबंधक यादवेंद्र गौतम के सुपुत्र हैं।

Divya Kirti
Author: Divya Kirti

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