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लीवर के हुए टुकड़े, टूटी 5 पसलियाँ ,हार्ट फाट गया,15 निशान,ये है पत्रकार मुकेश की मुर्दा शरीर के जिंदा गवाह

लीवर के हुए टुकड़े, पसलियों की 5 हड्डी टूटी,हार्ट फाट गया,15 निशान,ये है पत्रकार मुकेश की मुर्दा शरीर के जिंदा गवाह

बीजापुर…(विनय मिश्रा की कलम से)….

 

दुनिया के किसी भी देश का आँकड़ा उठाने और उसकी तुलना भारत देश से करने पर आभास हुआ कि भारत मे प्रेस कानून जैसे दस्तावेजों को भले ही पत्रकारिता और पत्रकारों का ढाल बनाया गया है किंतु हकीकत इसके बिल्कुल इतर है। भारत मे पिछले 5 वर्ष के आँकड़े उठाने पर ज्ञात होता है कि पत्रकार और पत्रकारिता का जमीनी हकीकत क्या है। दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र कहलाने वाले देश में लोकतंत्र के चौथे पिलर की स्थिति क्या है इसका अंदाजा आप हाल ही में हुए बीजापुर के पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या से लगा सकते हैं।

रिपोर्टर्स विदआउट बॉर्डर” वेबसाइट की एक रिपोर्ट और सर्वे पढ़ने पर ज्ञात हुआ कि दुनिया मे पत्रकारों के लिए सबसे सुरक्षित देश लग्जमबर्ग जो पत्रकारिता और पत्रकारों की सुरक्षा के लिहाज से पहले स्थान पर है जबकि सबसे असुरक्षित देश सीरिया का 180वां स्थान है।
विश्व मे पत्रकारों और पत्रकारिता की सुरक्षा को लेकर जो रैंक हैं उनमें 180 देशों की सूची में “भारत 162वें” नंबर पर है।

 

आप आंकलन कीजिए कि क्या वास्तव में अब पत्रकारिता करना इतना सहज है??

छ्ग बीजापुर के पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या के आरोपी ठेकेदार सुरेश चंद्राकर को गिरफ्तार कर लिया गया है। एसआईटी ने उसे हैदराबाद से अरेस्ट किया है । बीजापुर के एसपी जितेंद्र सिंह यादव ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि आरोपी को हैदराबाद से गिरफ्तार किया गया है।

आपको बता दें कि 3 जनवरी को मुकेश चंद्राकर का शव ठेकेदार सुरेश चंद्राकर की प्रॉपर्टी पर स्थित सेप्टिक टैंक से बरामद हुआ था। मुकेश एक जनवरी से लापता थे। पुलिस ने मुकेश की तलाश के लिए सुरेश चंद्राकर के घर पर छापा मारा था।जांच के दौरान वहां सेप्टिक टैंक से एक शव बरामद हुआ।शव की हालत काफी खराब थी, लेकिन कपड़ों से उसकी पहचान पत्रकार मुकेश चंद्राकर के रूप में हुई।

डॉक्टर ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट कहा कि पिछले 12 साल के करियर में मैंने ऐसा केस नहीं देखा, जिसकी इतनी बेरहमी से हत्या की गई हो। उन्होंने ये भी दावा किया है कि पत्रकार की हत्या करने वाले दो या दो से अधिक लोगों ने मिलकर की है।

15 निशान,लीवर के टुकड़े,5 पसलियाँ टूटी…

छत्तीसगढ़ के पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या बड़ी बेरहमी से की गई है हत्या करने वालों ने इतनी निर्दयता से उनके शरीर पर वार किया है कि उनके सिर पर चोट के 15 निशान मिले हैं, लीवर के चार टुकड़े, गर्दन टूटी हुई और हार्ट फटा हुआ पाया गया है,इतना ही नहीं शरीर की 5 पसलियां भी टूटी हुई थीं।

Bbc की रिपोर्ट…

दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित न्यूज बीबीसी हिंदी ने अपने एक आर्टिकल में बताया है कि भारत में हर साल तीन या चार पत्रकारों की हत्या होती है। पत्रकारों के लिए भारत दुनिया के सबसे ख़तरनाक देशों में से एक है। सरकार की आलोचना करने वाले पत्रकारों को नियमित रूप से ऑनलाइन उत्पीड़न, धमकी, डर और शारीरिक हमलों के साथ-साथ आपराधिक मुक़दमों और मनमानी गिरफ़्तारी का सामना करना पड़ता है हलाकि यह रिपोर्ट भी “रिपोर्टर्स विदआउट बॉर्डर की वेबसाइट के मुताबिक है।

पत्रकारों की सुरक्षा के रैंक स्थान…

 

 

 

Divya Kirti
Author: Divya Kirti

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