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पत्रकारों को नही मिली कुर्सी तब जानिए क्या हुआ..?

भाजपा नेता के बिगड़े बोल,ये इसी लायक है

उमरिया।।

पत्रकारों की भंगिमा भंग होना कोई नई बात नही है ऐसी तमाम खबरों से सोशल मीडिया में न्यूज संस्थानो के डिजिटल प्लैटफॉर्म पर नजर मार लें तो कहीं न कहीं किसी पत्रकार को डराना, धमकाना,फर्जी मुकदमा या फिर उन्हें अन्य तरीके से प्रताड़ित करना, सत्ता पक्ष में अब यह सब आम हो चुका है।
हाल ही में भिंड जिले में जब पुलिस अधीक्षक व उनकी टीम ने पत्रकारों के समूह को जूते चप्पल से मरावाय था मामले ने काफी तूल पकड़ा और अब एक नया मामला सामने आ गया हैं जहाँ पत्रकारों के साँथ हुई बदसलूकी का समस्त पत्रकारों ने विरोध किया।
उमरिया जिले में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में अव्यवस्थाओं के कारण पत्रकार नाराज हो गए। उन्होंने जमीन` पर बैठकर विरोध जताया। यहां पत्रकारों के बैठने की जगह नहीं थी और वर-वधू पक्ष के लोग पानी के लिए परेशान थे। सूत्रों की माने तो भाजपा नेता टिप्पणी से पार और गरमा गया।
जिले में मुख्यमंत्री कन्या विवाह एवं निकाह योजना के कार्यक्रम में अव्यवस्था फैली। पत्रकारों को बैठने की जगह नहीं मिली और वर-वधू पक्ष के लोग पानी के लिए परेशान रहे। इससे नाराज होकर पत्रकारों ने जमीन पर बैठकर विरोध जताया। भाजपा के एक नेता ने पत्रकारों के लिए अपमानजनक बात कही, जिससे विवाद और बढ़ गया। बाद में, अधिकारियों ने हस्तक्षेप करके व्यवस्था सुधारी।
दरअसल उमरिया के कालरी स्कूल परिसर में हुई में आयोजित कार्यक्रम में अव्यवस्था के कारण पत्रकारों ने विरोध किया जहां प्रभारी मंत्री और अन्य नेता मौजूद थे।
इस दौरान प्रभारी मंत्री नागर सिंह चौहान, विधायक शिव नारायण सिंह और कलेक्टर धरणेन्द्र जैन भी वहां मौजूद थे। कार्यक्रम में जिले के कई पत्रकार भी पहुंचे थे।
पत्रकारों को कार्यक्रम में बैठने के लिए कोई जगह नहीं दी गई थी। इसके अलावा, वर और वधू पक्ष से आए लोग भी पानी के लिए परेशान हो रहे थे। इससे पत्रकारों में नाराजगी फैल गई। उन्होंने अव्यवस्था के खिलाफ विरोध जताने का फैसला किया। सभी पत्रकार जमीन पर बैठ गए।
इसी बीच, भाजपा के एक वरिष्ठ नेता और पूर्व जिलाध्यक्ष मिथिलेश मिश्रा ने पत्रकारों के बारे में एक विवादित बयान दिया। उन्होंने कहा, ‘पत्रकार इसी के लायक हैं, इन्हें जमीन में ही बैठे रहने दो।’ पत्रकारों को यह बात बहुत बुरी लगी। उन्होंने प्रभारी मंत्री से इसकी शिकायत की और कड़ी कार्रवाई की मांग की।
पत्रकारों के विरोध और शिकायत के बाद जिला प्रशासन हरकत में आया। भाजपा जिलाध्यक्ष और विधायक ने भी मामले में हस्तक्षेप किया। इसके बाद पत्रकारों के लिए बैठने की व्यवस्था की गई। वर-वधू के परिजनों के लिए भी पानी का इंतजाम किया गया
हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब जिला प्रशासन ने पत्रकारों के साथ ऐसा व्यवहार किया है।इससे पूर्व शहडोल जिले में भी पत्रकारों ने बैठक व्यवस्था को लेकर विरोध जताया था।
अक्सर देखा जाता है कि कार्यक्रमों में नेताओं और उनके समर्थकों को तो पूरी सुविधा दी जाती है, लेकिन पत्रकारों को नजरअंदाज कर दिया जाता है। पत्रकार ही जिला प्रशासन और सरकार की योजनाओं को जनता तक पहुंचाते हैं।
पत्रकारों ने चेतावनी दी है कि अगर जिला प्रशासन का रवैया नहीं बदला तो वे आगे भी इसका पुरजोर विरोध करेंगे। पत्रकारों का कहना है कि उन्हें उचित सम्मान मिलना चाहिए और कार्यक्रमों में उनके लिए सही व्यवस्था होनी चाहिए। वे सरकार और प्रशासन के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी हैं। उनकी भूमिका को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।

Divya Kirti
Author: Divya Kirti

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