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लगातार बढ़ रहे संरक्षित वर्ग पर अत्याचार,स्वयं की जमीन को लेने में कर रहे मशक्कत

शहडोल। 

आदिवासी बाहुल्य इस जिले में लगातार आदिवासियों के शोषण और प्रताड़ना के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। हाल ही में ऐसे ही दो मामले आये हैं। जहां एक मामले में जिला मुख्यालय स्थित एक गरीब आदिवासी की करोड़ो की कीमत की जमीन पर जबरन कब्जा किया जा रहा है, तो वहीं दूसरे मामले में एक नाबलिग छात्रा दबंगों का शिकार है। वह दबंगों की दहशत के चलते बीते 11 दिनों से स्कूल नहीं जा पा रही। विचारणीय है कि ऐसे मामलों को लेकर जिले के जिम्मेदार अफसर कुंभकर्णी निद्रा में लीन दिखलाई पड़ रहे हैं और पीड़ित शोषित आदिवासी समुदाय न्याय की आस में दफ्तरों के चक्कर लगा रहा है।

केस नबर -1

जिला मुख्यालय में ही धनेश सिंह गोंड़ नामक एक आदिवासी के करोड़ों रूपये कीमत की भूमि को कुछ नामी भूमाफिया मनोज तांगडी, राकेश बारी, राकेश पाण्डेय ने हड़पने का प्रयास किया। जिसके तहत बेखौफ होकर बेधड़क तरीके से पुलिस आरक्षकों व नामी लोगों की उपस्थिति में जबरन धनेश की भूमि को बाउन्ड्री वाॅल कर कब्जे में लिया जाने लगा। जिसके बाद पीड़ित ने मामले की शिकायत आजाक थाने में की। उसने बताया, मेरे मकान व बाड़ी को हड़पने के मकसद से उक्त व्यक्तियों ने मेरी जमीन को खुद का बताते हुए मुझे जान से मारने की धमकी देते हैं। उनका कहना है कि, यहां पर जमीन हमारी है, गुंडे बादमाश शराब के नशे में रात को आते है।

ऐसी स्थिति में मेरे या मेरे परिवार के साथ कोई अप्रिय वारदात हो सकती है। जिसकी सम्पूर्ण जवाबदारी उपरोक्त व्यक्तियों की होगी। शिकायतकर्ता ये भी बताया कि, राजस्व कर्मचारियों को मिलाकर न तो हल्का पटवारी को आवेदन प्रस्तुत करने दे रहे हैं और न ही नियम कानूनों को मानते हैं। इतना ही नहीं तहसील सोहागपुर में प्रकरण दायर होने के बावजूद भी विवादित स्थल का स्वरूप चेंज करते हुए, जबरजस्ती 5-6 पुरूष एवं दो महिला आरक्षकों को खड़ा करके बलपूर्वक कब्जा करने का प्रयास कर रहे हैं। मांग है कि, मामले की जांच कराते हुए संबधितों के विरूद्ध कार्रवाई करते हुए जान-माल की सुरक्षा की जाए।

इनका कहना है।

आपके द्वारा जानकारी सामने आई है। मैं इसे दिखवाता हूं। यदि ऐसा है तो विधि सम्मत कार्रवाई की जायेगी।

भरत सोनी

तहसीलदार, सोहागपुर।

मामले को पूरा सुने बिना ही,,, मैं अभी छुट्टी में हूं। कहकर फोन रख दिया।

मुकेश वैष्य

एडिशनल एसपी, शहडोल।

केस नंबर- 2

तो कहीं दहशतगर्द मचा रहे आतंक, नाबालिग छात्रा नहीं जा रही स्कूल 

जिले के सोहागपुर जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत बंधवाबड़ा निवासी एक आदिवासी नाबालिक छात्रा दबंगों की दहषतगर्दी के चलते पढ़ाई के लिए स्कूल नहीं जा पा रही है। गौरतलब है कि इस मामले की षिकायत को लगभग 11 दिन बीत जाने के बाद भी पीड़ित सहित परिजनों को न्याय हासिल नहीं हो सका है। आजाक थाना सहित पुलिस अधीक्षक की जनसुनवाई में पीड़ित 16 वर्षीय नाबालिक छात्रा ने शिकायत में बताया है कि, बीते 9 जुलाई को मैं अपने छोटे भाई-बहन के साथ नानी के घर गई थी। जहां पंच रामसुन्दर पाण्ड़ेय, सरपंच बारेलाल कोल जबरन घर के अंदर घुस आये।

उनके साथ फैजू खान, फतेह, अब्दुल हसन, मुकीम, मंजा मुसलमान व अन्य लोग भी थे। रामसुन्दर ने बारेलाल के साथ घर पर कलेक्टर के नाम बताते हुए नोटिस चस्पा करते हुए कहा कि तुम्हारा बाप आये तो कह देना कि घर खाली कर दे नहीं तो हम जबरन जेसीबी मषीन से घर तोड़वा देगंे। सभी आये हुए लोगों ने मेरे भाई बहन के साथ बदतमीजी करते हुए डराया धमकाया भी। जाते-जाते पंच ने मुझे स्कूल नहीं आने की बात कहते हुए देख लेने की धमकी भी दी।

गौरतलब है, इस घटना के बाद कक्षा नवमीं में पढ़ने वाली नाबालिक छात्रा व उसके भाई बहन दहशत के साये में जी रहे हैं। खौफ इतना समाया हुआ है कि, नाबालिक छात्रा बीते 11 दिनों से स्कूल नहीं जा रही। उल्लेखनीय है, षिकायत के 11 दिन बाद भी दबंगों पर किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है। परिणाम स्वरूप दबंगों की दहशतगर्दी क्षेत्र में हावी है। भले ही जिले के पुलिस कप्तान अपने मातहतों को साफ तौर पर यह कह चुके हैं कि आदिवासियों की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए तत्काल एक्शन लिया जाये। लेकिन इस पूरे मामले को लेकर यह स्पष्ट होता है कि एसपी के निर्देश पर अमल नहीं हो रहा।

इनका कहना है।

हमारे यहां से ऐसा कोई नोटिस जारी नहीं किया गया है। आपके द्वारा मामला संज्ञान में लाया गया है। मैं तत्काल टीम भेजकर जांच करवाती हूं। संबंधित दोषीजनों के विरूद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी।

कलेक्टर वंदना वैध शहडोल

Divya Kirti
Author: Divya Kirti

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