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कोयलांचल टैक्स चोरों की जद में,

 

कुबेर की इस नगरी मे दर्जन से ऊपर टैक्स पिपाषु सरकार की नजर से दूर

विनय मिश्रा की रिपोर्ट…

देश में मौजूद इनकम टैक्स कानूनों के मुताबिक, इनकम और अन्य व्यावसायिक गतिविधियों पर टैक्स देना ज़रूरी है हालाँकि, कुछ लोग टैक्स का उचित भुगतान करने से बचने के लिए गलत गतिविधियों में शामिल होते हैं जो देश की वित्तीय गतिविधियों को खासा प्रभावित करता है।ज्ञात हो टैक्स भुगतान से ही किसी भी सरकार की रीढ़ जुड़ी हुई है यानि एक प्रकार से अगर भारत देश मे कर भुगतान बन्द हुआ उस दिन से अर्थव्यवस्था न के बराबर हो जाएगी या यूं कहें कि पूरे देश की अर्थव्यवस्था शून्य हो जाएगी।
भारत मे टैक्स भुगतान के अलग अलग पैमाने तय किए गए हैं जिनका विवरण हम नही कर सकते और ऐसे में अलग अलग पौमनो पर टैक्स चोरी करने वाले उन तमाम व्यक्तियों या कारोबारी पर संबंधित विभाग उनके टैक्स भुगतानों पर नजर रखते रहते हैं और जो लोग टैक्स कानूनों के आधार पर टैक्स चुकाने से बचने की कोशिश करते हैं, उन पर गंभीर जुर्माना लगाते हैं।

शहडोल।।बुढार

बीते कुछ सालों और महीनों से कोयलांचल नगरी में टैक्स चोरी और टैक्स चोरों के घर व उनके प्रतिष्ठानों मे आयकर से लेकर टैक्स के अलग-अलग विभागों की दबिश हुई है इनमे संदीप जैन,केशर सिंह,बबलू भगत,और तत्काल में नेताजी किराना स्टोर शामिल हैं । बीते दिनों से विभाग ने नेताजी किराना स्टोर पर डेरा डाल रखा है सुनकर बड़ा आश्चर्य लगता है कि ये ऐसे व्यापारी हैं जो अपने अवैध तरीको से कमाए गए धनो को अवैध तरीके से सरकार की नजर से छिपाने में कामयाब रहे।
अलग बात है कि सरकार के नुमाइंदे इनके इस कारनामों पर लगातार अपनी पैनी नजर बनाए रखे थे ।

ऐसे करते हैं टैक्स चोरी…

टैक्स चोरी एक ऐसी गतिविधि है जिसमें लोग अपनी टैक्स देनदारी को कम करने के लिए इनकम को कम बताने या अपनी इनकम के स्रोतों को छिपाने की कोशिश करते हैं यह इनकम छुपाने या गलत रिपोर्ट करने, बिना सबूत के कटौती दिखाने, अनुचित आईटीआर फाइल करने आदि से भी संबंधित हो सकता है। ऐसे कृत्य सरकार की नजर में अपराध माना जाता है।
टैक्स चोरी और टैक्स से बचने के बीच थोड़ा अंतर है। टैक्स से बचने का मतलब है टैक्स कानूनों का पालन करके या उनके फायदे के लिए टैक्स की खामियों का इस्तेमाल करके टैक्स का भुगतान करने से बचना, टैक्स चोरी का मतलब टैक्स की देनदारी को कम करना या फर्जी और गैरकानूनी तरीकों के जरिए टैक्स दायित्वों का भुगतान करने से बचना है।

दर्जनों आ सकते हैं जद में…

केंद्र या राज्य सरकार अगर सूक्ष्मता से जाँच करें तो बुढार-धनपुरी या इस धन की नगरी में सैकड़ों ऐसे धनाढ्य हैं जो सरकार की आँख में धूल झोंक रहे हैं या यूं मान लें सैकड़ो व्यापार एक ही छत के नीचे तो हो रहा हैं किंतु टैक्स एक ही फर्म का चुका रहे हैं।आयकर या टैक्स से जुड़े अन्य विभाग ऐसे लोगों पर नजर बनाए तो सरकार की जद में दर्जन से ऊपर लोग आ सकते हैं जो टैक्स की हेराफेरी में लिप्त हैं और सरकार को अच्छा-खासा टैक्स भुगतान हो सकता है।

छापेमारी के बाद कार्यवाही गायब…

हमने बीते कुछ महीनों में देखा बुढार नगर के बडे-बडे व्यापारियों के घर या व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में टैक्स चोरी के माँमले में छापे पड़े बकायदे पूरे दिन शोर सराबा रहा किन्तु छापे के बाद उन पर क्या कार्यवही हुई यह आम जनता की नजर से ओझल रहता है और कुछ दिन बाद आम जनता भी उस कार्यवाही पर रुचि लेने से इंकार कर देती है ।

Divya Kirti
Author: Divya Kirti

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